चंडीगढ़ हाईकोर्ट से भीम सेना चीफ नवाब सतपाल तंवर की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर
2 अप्रैल 2018 भारत बंद मामले में मिली भीम सेना चीफ को राहत, गिरफ्तारी पर लगी थी रोक
प्रधान संपादक योगेश
गुरुग्राम। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/ एसटी एक्ट को निष्प्रभावी बनाए जाने के विरोध में 2 अप्रैल 2018 को किए गए भारत बंद में 3 साल के बाद भीम सेना चीफ नवाब सतपाल तंवर को राहत मिली है। सिविल लाइंस थाने में कई आईपीसी धाराओं और हाईवे एक्ट में नवाब सतपाल तंवर सहित 600 से ज्यादा भीम सैनिकों पर मामला दर्ज किया गया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए भीम सेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर ने गुरुग्राम जिला सेशन न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। पुलिस के द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भीम सेना चीफ नवाब सतपाल तंवर के ऊपर कई राज्यों में देशद्रोह सहित कई संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं। इसी आधार पर जिला सेशन न्यायालय में नवाब सतपाल तंवर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
मामले में 2 साल तक भीम सेना प्रमुख ने कोई अपील दायर नहीं की। लेकिन जैसे ही 2 साल बाद तंवर के ऊपर गिरफ्तारी का दवाब आया तो आनन-फानन में तंवर ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर दी। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सुदीप आहुवालिया ने तंवर को हलफनामा देने के लिए कहा कि वे भविष्य में किसी भी धरना या प्रदर्शन में भाग नहीं लेंगे और कोई भी आंदोलन नहीं करेंगे। इसपर गुस्साए भीम सेना के संस्थापक नवाब सतपाल तंवर ने जस्टिस सुदीप आहुवालिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और फेसबुक लाइव जारी करके खुली धमकी तक दे डाली थी। तंवर ने हलफनामा देने से इनकार करते हुए कहा कि धरना, प्रदर्शन या आंदोलन करना उनका मौलिक अधिकार है जिसे वे हाईकोर्ट के समक्ष गिरवी नहीं रख सकते बेशक उन्हें जेल में डाल दिया जाए। इस दौरान पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ के चीफ जस्टिस ने रातों-रात नवाब सतपाल तंवर की याचिका को जस्टिस राजमोहन सिंह के पास स्थानांतरित कर दिया था। पहली ही सुनवाई में जस्टिस राजमोहन सिंह ने नवाब सतपाल तंवर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और तंवर को पुलिस जांच में शामिल होने और अपने सामाजिक कार्यों का लेखा-जोखा हाईकोर्ट के समक्ष पेश करने का आदेश दिया था। जिसपर नवाब सतपाल तंवर के अधिवक्ता एडवोकेट अश्वनी नागरा ने उनके पूरे सामाजिक कार्यों का रिकॉर्ड हाईकोर्ट के समक्ष पेश किया था। इधर नवाब सतपाल तंवर पुलिस जांच में शामिल हो गए थे।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ ने मामले पर सुनवाई करते हुए भीम सेना चीफ नवाब सतपाल तंवर की याचिका पर फैसला सुना दिया है। जस्टिस राजमोहन सिंह ने तंवर की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली है। इससे उनको बड़ी राहत मिली है। उधर उत्तर प्रदेश के कई जिलों से भी नवाब सतपाल तंवर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। पिछले दिनों लखनऊ से हाईकोर्ट की बेंच ने देशद्रोह के मामले में सतपाल तंवर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। लखनऊ में तंवर की गिरफ्तारी के लिए वारंट तक जारी हो चुके हैं। इसके साथ ही मेरठ, सहारनपुर, मथुरा, गाजियाबाद, उन्नाव, हरियाणा के झज्जर आदि कई जिलों में भी तंवर के ऊपर गंभीर में केस दर्ज हैं। पिछले दिनों गुरुग्राम में भी एक दलित युवती को न्याय दिलाने के लिए भीम सेना ने पुलिस कमिश्नर कार्यालय का घेराव कर दिया था। जिसमें भीम सेना प्रमुख नवाब सतपाल तंवर सहित भीम सेना के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता गिरफ्तार कर लिए गए थे। मामले में केस दर्ज करके थाने से सभी को जमानत दी गई थी। अब देखना दिलचस्प होगा कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में दर्ज इन मामलों में सतपाल तंवर को राहत मिली है या उन्हें जेल जाना पड़ सकता है।
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