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अस्पतालों में ऑक्सीजन और उपकरणों की न हो कमी, केंद्र का राज्यों को निर्देश

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 देश में कोरोना के एक्टिव मामले बढ़कर 3, 71,363 हो गए हैं. इन तमाम आशंकाओं के मद्देनजर केंद्र सरकार (Centre ) ने राज्यों से कहा है कि वे हर हाल में यह सुनिश्चित करें कि इस बार अस्पतालों में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी न हो पाए. केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि यह सुनिश्चित करना राज्यों की प्राथमिक जिम्मेदारी (State responsibility) है कि स्वास्थ्य सुविधाओं (health service) में सभी ऑक्सीजन उपकरण ठीक से काम कर रहे हैं और किसी भी आपात स्थिति (Emergency) में इस्तेमाल के लिये वो तैयार रहे.

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए वेंटिलेटर, पीएसए, ऑक्सीजन संयंत्र, ऑक्सीजन सांद्रकों, ऑक्सीजन सिलेंडरों सहित विभिन्न उपकरणों से संबंधित तैयारियों की समीक्षा की ताकि कोविड ​​​​-19 महामारी से समय रहते और प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.

चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने शनिवार को देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों के लिए निर्देश जारी किया है कि किसी भी संभावित चुनौती से निपटने के लिए अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटीलेटर जैसे जीवनरक्षक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करें.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि प्रेशर स्विंग एडजॉर्पशन (पीएसए) ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र पूरी तरह से चालू रखे जाएं और उनकी जांच के लिए नियमित मॉक ड्रिल की जाए.

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए इन चिकित्सा सुविधाओं का संचालनात्मक स्थिति में रहना और उनकी देखरेख किया जाना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. हालांकि, देश में संक्रमण के मामलों की संख्या अभी कम है. अगनानी ने कहा कि महामारी से निपटने के लिए मेडिकल ऑक्सीजन महत्वपूर्ण और अहम संसाधन है और मरीजों की देखभाल तथा कोविड-19 प्रबंधन के दौरान लोगों की जान बचाने के लिए निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति बेहद अहम है.

दिल्लीहैदराबाद एयरपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कोविड जांच शुरू

इसके साथ ही, दिल्ली और हैदराबाद हवाई अड्डे पर आ रही अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के यात्रियों की कोरोना वायरस की यादृच्छिक (रैंडम) जांच शनिवार को शुरू हो गई. प्राधिकारियों ने देश में संक्रमण के संभावित प्रसार को रोकने की कोशिशों के तहत यह कदम उठाया है. हवाई अड्डों पर शनिवार से प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय उड़ान में आ रहे दो प्रतिशत यात्रियों को यादृच्छिक रूप से चुनकर उनकी कोविड-19 जांच की जाएगी.

एयरपोर्ट पर थर्मल जांच

संबंधित विमानन कंपनी प्रत्येक उड़ान में जांच के लिए यात्रियों की पहचान करेगी और नमूने सौंपने के बाद ही यात्रियों को हवाई अड्डे से जाने की अनुमति दी जाएगी. हवाई अड्डे के प्रवेश द्वार पर सभी यात्रियों की थर्मल जांच की जाएगी और जांच के दौरान जिन लोगों में संक्रमण से मिलते-जुलते लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें फौरन पृथक किया जाएगा. हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में आ रहे यात्रियों की जांच सुबह शुरू की गई.

आपकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता : दिल्ली एयरपोर्ट

दिल्ली हवाई अड्डे ने सुबह एक ट्वीट किया कि हम तैयार हैं. आपकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. आज सुबह 10 बजे से टी3 पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में आ रहे दो प्रतिशत यात्रियों के यादृच्छिक नमूने लेने शुरू किए जाएंगे, जांच के लिए यात्रियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. हवाई अड्डा प्राधिकारियों ने जांच के दौरान सभी से कर्मचारियों का सहयोग करने का अनुरोध किया.

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