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दुष्कर्म के प्रयास, जान से मारने की धमकी के आरोप में आठ पर मामला दर्ज

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दुष्कर्म के प्रयास, जान से मारने की धमकी के आरोप में आठ पर मामला दर्ज

घटना 12 जुलाई की और बिलासपुर थाना में 14 जुलाई को हुआ मामला दर्ज

हमला करने वाले सभी आठों आरोपी एक ही परिवार के सदस्य बताए गए

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
खेत में चारा लेने गई महिला से दुष्कर्म के प्रयास और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देने सहित किए गए सामूहिक हमले के आरोप में एक ही परिवार के विभिन्न आठ लोगों के खिलाफ अपराधिक मामला विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया है । यह घटना थाना बिलासपुर क्षेत्र के सबसे बड़े गांव बोहड़़ाकला की ढाणी लाखु वाली की बताई गई है । इस संदर्भ में बिलासपुर थाना के एसएचओ नवीन कौशिक के द्वारा पीड़ित पक्ष के द्वारा दी गई शिकायत और सरकारी अस्पताल में हुए मेडिकल के आधार पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज होने की पुष्टि करते हुए बताया गया आगे की जांच कार्यवाही के लिए महिला थाना पुलिस में अनुसंधान अधिकारी के पास भेज दिया गया है ।

पीड़ित महिला द्वारा दी गई शिकायत और बिलासपुर थाना में दर्ज मुकदमे के मुताबिक बोहड़़ाकला गांव की ढाणी लाखुवास निवासी एक महिला के द्वारा शिकायत दी गई है कि 12 जुलाई को सुबह के समय 6 बजे खेत में चारा लेने के लिए गई थी । वहीं पर उसी समय आरोप अनुसार ताराचंद पुत्र लल्लू राम अचानक पहुंचा और गलत नियत से जोर जबरदस्ती करने का प्रयास किया । इस पर महिला के द्वारा अपने बचाव में शोर मचाने के बाद पास के खेत में ही जुताई कर रहा उसका पति मौके पर पहुंच गया । इसके बाद में आरोपी जान से मारने की धमकी देकर मौके से चला गया ।

पुलिस में दर्ज एफ आई आर के मुताबिक इसके बाद में पीड़ित पति-पत्नी घर आ गए । कुछ समय बाद ही ताराचंद पुत्र लल्लू राम, ओम प्रकाश , रामकिशन पुत्र लल्लू राम,  मनीष पुत्र ताराचंद, पंकज पुत्र ताराचंद , राहुल पुत्र रामकिशन , नरेश पुत्र ओमप्रकाश,  हेमलता पत्नी ताराचंद व अन्य को लेकर जबरदस्ती घर पर आ घुसा । इन सभी के हाथों में लोहे की रॉड लाठी-डंडे इत्यादि थे , घर पर पहुंचते ही सभी ने मिलकर अचानक जानलेवा हमला बोल दिया । इस प्रकार अचानक किए गए जानलेवा हमले मैं अपनी जान बचाने के लिए चिल्लाने पर पीड़ित परिवार के ही चरण सिंह पुत्र मलखान सिंह, सतीश ,गोविंद, ललित इत्यादि पहुंचे तो इन लोगों पर भी आरोपियों के द्वारा दूर-दूर तक दौड़ा-दौड़ा कर लाठी-डंडों से जानलेवा हमला किया गया । पीड़ित महिला के मुताबिक परिवार के सदस्यों और बचाव के लिए आए लोगों पर तो हमला किया ही गया , वहीं पर ही मौके पर बंधी हुई पालतू भैंस पर भी हमलावरों को रहम नहीं आया और लाठी-डंडों से भैंस को ताबड़तोड़ पीटते हुए सींग भी तोड़ दिए । जिससे भैंस भी लहूलुहान हो गई । आरोपी पक्ष के द्वारा किए गए इस प्रकार अचानक सामूहिक जानलेवा हमले के बाद विभिन्न लोगों को गंभीर प्रकार की छोटे आने पर उपचार के लिए पटौदी नागरिक अस्पताल लाया गया। जहां से डॉक्टरों के द्वारा गंभीर चोट को देखते हुए उपचार के लिए गुरुग्राम सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया गया।  यह घटना 12 जुलाई की ही है लेकिन इसके 2 दिन बीतने पर भी आरोप अनुसार पुलिस के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई ।

पीड़ित पक्ष के मुताबिक बिलासपुर थाना में शिकायत देने पर कथित रूप से शिकायत को लेने से भी इनकार कर दिया गया । इसके बाद में मजबूरी में अपनी शिकायत को बिलासपुर थाना के एसएचओ के मोबाइल पर व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा गया।  वही पीड़ित पक्ष के द्वारा हमलावरों के द्वारा किए गए सामूहिक हमले और की गई मारपीट की मोबाइल में मौके की रिकॉर्डिंग सबूत के तौर पर कर ली गई । इसके बाद में जब यह मामला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आया उसके बाद ही बिलासपुर थाना में पीड़ित पक्ष के द्वारा दी गई शिकायत के बाद पीड़ित पक्ष के घर जाकर बयान दर्ज किए गए और दर्ज किए गए बयान के आधार पर भी एक ही परिवार के आठ हमलावरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर आगामी कार्रवाई के लिए महिला पुलिस अधिकारी के पास आगामी कार्यवाही सहित मामले की जांच के लिए सौंप दिया गया है । पीड़ित पक्ष का अभी भी आरोप है कि जो बयान पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में और मौके पर आए जांच अधिकारी को दर्ज करवाए गई उन बयानों को पुलिस के द्वारा दर्ज एफआईआर में नजरअंदाज करते हुए जांच अधिकारी को दिए गए बयान में भी कथित रूप से लिखने में नजरअंदाज कर दिया गया है । अब यह सब कुछ , मामले की पूरी जांच होने के बाद ही खुलासा हो सकेगा कि वास्तव में झगड़ा किस बात को लेकर हुआ और आरोपियों के खिलाफ पुलिस प्रशासन के द्वारा किस प्रकार का एक्शन लिया जा सकेगा।

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