मानेसर तहसील की जमीन का 988 करोड़ रूपया एचएसआईडीसी ने इस्तेमाल किया – कैप्टन यादव
मानेसर तहसील की जमीन का 988 करोड़ रूपया एचएसआईडीसी ने इस्तेमाल किया – कैप्टन यादव कैप्टन अजय सिंह यादव ने धरनास्थल पंहूचकर ग्रामिणों को दिया अपना समर्थन एचएसआईडीसी ने यह 988 करोड़ की रकम ने तो किसानों को दी ने कोर्ट में जमा करवाई 1128 एकड़ जमीन जो पहले अधिग्रहण की गई उसका ब्याज भी नहीं दिया भाजपा सरकार ने किसानों की जमीन कौड़ियों की भाव लेकर किसानों से अन्याय किया फतह सिंह उजाला
पटौदी / मानेसर । मानेसर तहसील के करीब एक दर्जन गांव के लोगों की अधिसूचित की गई जमीन के मुआवजे का ब्याज न देने की वजह से धरने पर बैठे हैं। पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने धरनास्थल पंहूचकर ग्रामिणों को अपना समर्थन दिया। यादव ने बताया एचएसआईआईडीसी द्वारा गांव फाजलपुर, कुकडोला, सेहरावन, खरकडी, बासलाम्बी, मोकलवास, फुखरपुर इत्यादि गांव की जमीन 2011 में ली गई थी। जिसका पैसा 10 साल बाद दिया गया। लेकिन उस पैसे का ब्याज जमीनदारों को नही दिया गया। कांग्रेस नेता कैप्टन यादव ने आरोप लगाया 988 करोड रूपया एचएसआईआईडीसी द्वारा खुद इस्तेमाल किया गया जबकि यह राशि न तो कोर्ट में जमा कराई गई और ना किसानों को दी गई। एक तरफ तो प्रदेश सरकार गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम के चुनाव जल्द कराने की पुरजोर कोशिश कर रही है वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र के किसान मानेसर नगर निगम को भंग कराने के लिए धरने प्रदर्शन और चुनाव का बहिष्कार तक करने की योजना बना रहे हैं। भाजपा सरकार ने जमीन कौडय़िों के भाव लेकर किसानों के साथ अन्याय किया है वही 1128 एकड़ जमीन जो पहले अधिकरण की थी उसका ब्याज भी अभी तक नहीं दिया गया है। मानेसर क्षेत्र के किसान अपनी जमीन को बचाने के लिए काफी दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी उनकी सुध नहीं ले रहा है यहां तक कि उन पर खतरे के बादल भी हमेशा मंडराते रहते हैं। आखिर सरकार मानेसर क्षेत्र के किसानों की क्यों नहीं सुन रही है। इसी तरह से 1810 एकड जमीन भी सरकार कोडियों के भाव खरीद रही हैं। श्री यादव ने बताया क्षेत्र की महिलाएं आरोप लगा रही हैं कि उनकी जमीन कौडय़िों के भाव लेकर सरकार उद्योगपतियों को बेच रही है। जितने पैसे सरकार दे रही है उतने में तो कहीं एक छोटा सा रहने के लिए प्लॉट तक भी नहीं मिल पाएगा। कैप्टन अजय सिंह यादव ने आश्वासन दिया कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खडी है। जहां भी जरूरत पडेगी हमेशा किसानों के साथ खडे मिलेगें साथ ही विधानसभा व लोकसभा में किसानों की आवाज को उठाया जाएगा।
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