फतह सिंह उजाला पटौदी । पटौदी में जाम की समस्या गंभीर रूप धारण करती जा रही है । सही मायने में पटौदी में जाम की समस्या नासूर बन चुकी है । पटौदी चैराहा वास्तव में अंग्रेजी के अक्षर एस की तरह से बना हुआ है। यहां पर लगी ट्रैफिक कंट्रोल के लिए सिग्नल लाइटें केवल मात्र शोपीस बनकर रह गई है । यातायात को सुचारू रखने के लिए पुलिसकर्मी भी चैराहे पर मौजूद रहते हैं , लेकिन इतना सब होने के बावजूद भी जब जाम लगता है तो वाहन चालकों के लिए जी का जंजाल बन जाता है ।
सोमवार को भी पटौदी में रेवाड़ी रोड और गुरुग्राम रोड पर दोनों तरफ काफी लंबे समय तक जाम लगा रहा । जाम की समस्या को एक दूसरे से पहले आगे निकलने की होड़ में वाहन चालक ही और अधिक गंभीर बनाते चले आ रहे हैं । ऐसे में मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी में अपने आप को बेबस महसूस करने लगते हैं । पटौदी में बाईपास की मांग काफी पीछे लंबे समय से चली आ रही है , स्थानीय लोगों से ही दुकानदारों का भी यही मानना है कि पटौदी में जाम की समस्या का एकमात्र समाधान पटौदी क्षेत्र में बाईपास से ही संभव हो सकता है । गुरुग्राम-पटौदी और रेवाड़ी ऐसा सड़क मार्ग है जो कि पटौदी में आकर अंग्रेजी के अक्षर एस की तरह से घूम कर यातायात के लिए उपलब्ध है । यातायात को नियंत्रण करने के लिए पटौदी-गुरुग्राम और पटौदी-रेवाड़ी की दिशा में सिग्नल लाइटें भी कई वर्ष पहले लगाई गई थी ।
पटौदी के एक तरफ दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे है , वहीं दूसरी तरफ रेवाड़ी झज्जर हाईवे भी मौजूद है। इसके अलावा बिलासपुर से कुलाना सड़क मार्ग भी मौजूद है । इस प्रकार से चारों दिशाओं से विभिन्न प्रकार के वाहनों के साथ साथ हैवी व्हीकल भी पटौदी से ही आवागमन कर रहे हैं । यही कारण है कि पटौदी चैराहे पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है । पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के मुताबिक गुरुग्राम-पटौदी-रेवाड़ी के बीच में छह लेन नेशनल हाईवे बनना प्रस्तावित है। इसी प्रकार से बिलासपुर से कुलाना तक फोरलेन सड़क मार्ग का बनाया जाना भी प्रस्तावित है । इसके साथ साथ पटौदी में जाम की समस्या के समाधान के लिए बाईपास बनाने की तैयारी की जा रही है । पटौदी में वाहन चालकों को जाम की समस्या का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए बिलासपुर और कुलाना के बीच खास तौर से पटौदी शहर में एलिवेटेड फ्लाईओवर भी बनाया जाना प्रस्तावित है । यह प्रोजेक्ट करीब एक सौ करोड़ रुपए का है । एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता की बात पर यकीन किया जाए तो कोरोना कोविड-19 महामारी के कारण विकास कार्यों में जो स्थिरता आ गई थी , वह अब आने वाले समय में नहीं रहेगी। पटौदी में चैराहे पर लगने वाली जान की समस्या के समाधान के लिए आने वाले समय में युद्ध स्तर पर काम आरंभ कर दिया जाएगा।
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