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इंजीनियरिंग और जुगाड़, समाधान में दोनों ही नाकाम

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इंजीनियरिंग और जुगाड़, समाधान में दोनों ही नाकाम

हेलीमंडी में एक महीने से सीवरेज और पेयजल लीकेज चुनौती

बीते 18 नवंबर को पटौदी एसडीएम ने दिए थे समाधान के निर्देश

50 लाख रुपए के सीसी रोड को एक सौ दिन बाद ही उधेड़ा गया

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 जब संबंधित विभागों के अधिकारियों के द्वरीर बिना तालमेल तथा लोगों की सलाह की अनदेखी कर मनमाने तरीके से काम किया जाए, इसका खामियाजा आम नागरिकों को तो भुगतना ही पड़ता है। लेकिन सबसे अधिक किरकिरी समस्या का समाधान तय समय पर नहीं किया जाने के कारण संबंधित विभाग के अधिकारियों की ही होती है। इसका जीता जागता उदाहरण पटौदी विधानसभा क्षेत्र के मुख्य व्यापारिक स्थल हेली मंडी के मुख्य प्रवेश सड़क मार्ग पर बीते 1 महीने से देखा जा सकता है ।

बीते 9 अगस्त को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा 50 लाख रुपए के सी सी रोड का उद्घाटन किया गया और इसके करीब एक सौ दिन बीत जाने के बाद यहां सीवरेज पाइप लाइन डालने के लिए इस सीसी रोड को उखाड़ा गया।  यह कार्य जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा करीब 6 लाख के टेंडर पर करवाया जा रहा है।  आसपास के निवासियों और दुकानदारों के मुताबिक सीवरेज जाम सहित ओवरफ्लो होने की समस्या का समाधान करने के लिए सड़क के मध्य में बनाए गए सीवर चौंबर को ही खत्म कर दिया गया, और करीब 300 फुट की लंबाई तक बड़े सीवरेज के पाइप डाले गए । इस दौरान करीब एक दर्जन घरों के पेयजल कनेक्शन और सीवरेज के कनेक्शन भी क्षतिग्रस्त कर दिए गए।

यह मामला जब समाचारों की सुर्खियां बना और अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया। इसके बाद बीते 18 नवंबर को पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार मौके पर पहुंचे और बिना देरी किए हेली मंडी नगर पालिका प्रशासन और जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग पटोदी के अधिकारियों को लीकेज सीवरेज सहित पेयजल कनेक्शन की लीकेज को बंद करने के निर्देश दिए । लेकिन इसके बावजूद अभी भी सीसी रोड के बीचों-बीच गहरा खतरनाक खड्डा बना हुआ है । जिसका मुख्य कारण है यहां पर लीकेज को बंद करने में संबंधित विभाग की इंजीनियरिंग और जुगाड़ दोनों ही नाकाम साबित हो रहे हैं । इसके अलावा आने जाने वाले लोगों को अपने वाहन लाने ले जाने में परेशानी हो रही है । वही आसपास के दुकानदार और निवासी भी परेशानी झेल रहे हैं । स्थानीय निवासियों का फिर से यही कहना है कि बिना किसी ठोस योजना और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के बिना तालमेल किए गए कार्य का खामियाजा आम लोगों को तो भुगतना ही पड़ रहा है । लेकिन आम जनता के द्वारा टैक्स के रूप में जो राजस्व का भुगतान किया जाता है, उस पैसे के दुरुपयोग का उदाहरण आज सभी के सामने देखने के लिए मौजूद है।

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