आशीर्वाद आपका सुरक्षा कवच है।
आशीर्वाद आपका सुरक्षा कवच है। जब आप परीक्षा देने, यात्रा करने आदि किसी कार्य के लिए घर से निकलते हैं, तो अपने बड़ों से आशीर्वाद लेकर घर से निकलें।”
घर से निकलते समय बड़े लोग आपको आशीर्वाद देंगे। “बेटा! सावधानी से जाना। अपने सामान का ध्यान रखना। रास्ते में सामान चोरी न हो जाए, दुर्घटना न हो जाए। इस प्रकार से सावधानी से यात्रा करना। अच्छे ढंग से, शांति और ईमानदारी से परीक्षा देना। घबराना नहीं, सब प्रश्नों का उत्तर बुद्धिमत्ता से लिखना। दूसरों की नकल नहीं करना। किसी के साथ झगड़ा नहीं करना। प्रेम और सभ्यता से सबके साथ व्यवहार करना। जाओ, अपने उद्देश्य में तुम अवश्य सफल होगे।” इस प्रकार से बड़े लोग आशीर्वाद देते हैं। सब सावधानियां बताते हैं, और बुराइयों से बचने को कहते हैं। अच्छे काम ईमानदारी से करने को कहते हैं।
“घर से चलते समय बड़ों से उक्त प्रकार का आशीर्वाद लेने से, व्यक्ति के अंदर वह संस्कार बन जाता है, और उसे हर समय उक्त गलतियां करने से बचाता है। इसी को ‘सुरक्षा कवच’ कहते हैं।” “चाहे बड़े लोग आपके साथ में हों, या न हों; चाहे आप देश में हों, या विदेश में हों; बड़ों का आशीर्वाद सदा आपकी रक्षा करता है। अतः बड़ों का आशीर्वाद अवश्य लेवें।”
“जो लोग इस प्रकार से बड़ों का आशीर्वाद लिए बिना घर से निकलते हैं, वे रास्ते में, व्यवसाय में, परीक्षा आदि कार्यों में तरह तरह की लापरवाही करते हैं, और अनेक प्रकार की दुर्घटनाओं से ग्रस्त होकर बहुत से दुख भोगते हैं।” “इसलिए दुर्घटनाओं तथा दुखों से बचने के लिए, एवं जीवन में अपने कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए, प्रतिदिन बड़ों का आशीर्वाद अवश्य लें, तथा सुरक्षित रहें।”
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