अंबाला से BJP सांसद रतन लाल कटारिया का निधन, चंडीगढ़ PGI में ली अंतिम सांस
अंबाला से BJP सांसद रतन लाल कटारिया का निधन, चंडीगढ़ PGI में ली अंतिम सांस
चंडीगढ़ : हरियाणा की राजनीति के लिए बुरी खबर सामने आई है। यहां प्रदेश के अंबाला जिले से बीजेपी सांसद रतन लाल कटारिया का निधन हो गया है। कटारिया ने बीती रात पीजीआई में अंतिम सांस ली। वह पिछले कई दिनों से पीजीआई में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि पिछले महीने ही हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज समेत अन्य तमाम दिग्गज नेताओं ने मुलाकात कर जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी
आपको बता दें कि कल देर शाम को ही त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरियाणा प्रदेश प्रभारी विप्लव कुमार देब चंडीगढ़ PGI में अंबाला लोकसभा से सांसद रतन लाल कटारिया का कुशलशेम जानने के लिए पहुँचे थे और उन्होंने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी।
कुछ ही देर में पहुंचेंगे सीएम मनोहर लाल
रतनलाल कटारिया का पार्थिव शरीर चंडीगढ़ पीजीआई से पंचकूला स्थित उनके आवास पर लाया गया है। उनका पार्थिव शरीर पंचकूला एमडीसी स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। दोपहर को मनीमाजरा श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार होगा। उनके आवास पर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता पहुंचे है जबकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल थोड़ी देर में उनके आवास पर पहुंचेंगे।
वहीं रतन लाल कटारिया को 1980 में भाजयुमो का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद वह पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता, प्रदेश मंत्री, अनुसूचित जाति मोर्चा के अखिल भारतीय महामंत्री, भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री तक के सफर के बाद उन्हें जून 2001 से सितंबर 2003 तक भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। 1987-90 में प्रदेश सरकार के संसदीय सचिव एवं हरिजन कल्याण निगम के चेयरमैन बने। जून 1997 से जून 1999 तक वह हरियाणा वेयर हाउसिंग के चेयरमैन रहे। 6 अक्टूबर 1999 को रतन लाल कटारिया अंबाला से सांसद निर्वाचित हुए। साल 2014 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार वाल्मीकि को हराकर जीत का रिकार्ड बनाया था।
1980 में शुरू हुआ था कटारिया का राजनीतिक सफर
2019 के लोकसभा चुनाव में अंबाला सीट पर भाजपा ने रतन लाल कटारिया पर तीसरी बार दांव खेला था। तजुर्बे और पुराने चेहरे के चलते ही भाजपा ने कटारिया को अंबाला लोकसभा आरक्षित सीट से मैदान में उतारा। हालांकि इसी सीट से राज्यसभा सांसद कुमारी सैलजा से वह लगातार दो बार हार चुके थे, लेकिन साल 2014 के चुनाव में उन्होंने जीत का रिकॉर्ड बनाया। वह 1999 में भी इसी सीट से सांसद रह चुके हैं। 2014 में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार वाल्मीकि को हराया। 2019 में कुमारी सैलजा को हराया था।
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