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शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल तंत्र व किसानों को बर्बाद कर रही है बीजेपी-जेजेपी: हुड्डा

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शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल तंत्र व किसानों को बर्बाद कर रही है बीजेपी-जेजेपी: हुड्डा

बीजेपी सरकार ने हमारे कार्यकाल में बने आरोही मॉडल कूलों का किया बंटाधार

खेल परिसरों को वसूली का अड्डा बना रही सरकार, अस्पतालों-स्कूलो में नही स्टाफ

बार-बार मांग करने के बावजूद सरकार ने किसानों को नहीं दिया गेहूं पर बोनस

किसानों को अपने ही खेत -फसल की तूड़ी बेचने से भी रोक रही है सरकार

पूर्व मंत्री स्वर्गीय राव धर्मपाल  की प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देनेे पहुंचे हुड्डा

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम। 
 पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोमवार को पूर्वमंत्री स्वर्गीय राव धर्मपाल की प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे। इस मौके पर विधायक रघुबीर सिंह कादयान, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, आफताब अहमद, राव दान सिंह, कुलदीप वत्स समेत कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी मौजूद रहे। हुड्डा ने कहा कि राव धर्मपाल का पूरा जीवन समाजसेवा व जनहितैषी राजनीति को समर्पित रहा। वाह दोस्तों के दोस्त और भाईयों के भाई थे। वाह सभी के मन पर अपनी एक अलग छाप छोड़कर गए हैं। वो जो जगह खाली करके गए हैं वो कभी नहीं भर सकती है।

श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश के मौजूदा हालात पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मौजूदा सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल-खिलाड़ी और किसान विरोधी है। इस सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से शिक्षा, स्वास्थ्य व खेल तंत्र का बंटाधार कर दिया है। हुड्डा ने स्वास्थ्य सेवाओं का उदहारण देते हुए बताया कि महकमे में 10 हजार पद खाली पड़े हैं। सरकार ने महामारी से भी कोई सबक नहीं लिया। खाली पदों को भरने की बजाए कोरोना काल में अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान बचाने वाले कच्चे कर्मचारियों को सरकार ने नौकरी से बाहर कर दिया। इसका खामियाजा आज आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। कुरुक्षेत्र में 72 बेड पर 140 मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। एक-एक बेड पर दो-दो, तीन-तीन मरीजों को रखा जा रहा है। अल्ट्रासाउंड के लिए मरीजों को 2- महीने इंतजार करना पड़ रहा है। सिर्फ कुरुक्षेत्र ही नहीं पूरे हरियाणा की यह स्थिति है।

कांग्रेस कार्यकाल के दौरान सरकार ने हरियाणा में 4 मेडिकल कॉलेज और सैंकड़ों अस्पताल बनाएं थे। इसी दौरान खानपुर महिला यूनिवर्सिटी, एम्स-2, राष्ट्रीय कैंसर संस्थान प्रदेश में आए। लेकिन बीजेपी-जेजेपी सरकार आज अस्पतालों में स्टाफ व सुविधाएं तक देने में नाकाम है। हुड्डा ने शिक्षा तंत्र का उदाहरण देते हुए बताया कि हरियाणा के पिछड़े खंडों में बच्चों को बेहतरीन शिक्षा देने के लिए कांग्रेस सरकार ने 36 आरोही मॉडल स्कूल बनाए थे। उस वक्त इन स्कूलों में स्टाफ की संख्या 2232 थी जो पिछले 8 साल में घटकर सिर्फ 300 रह गई है। उन्होंने याद दिलाया कि हरियाणा को शिक्षा का हब बनाने के लिए कांग्रेस कार्यकाल में 27 विश्वविद्यालय खोले गए थे। आईआईटी, आईआईएम, केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थान हरियाणा में आए थे। इस दौरान सैकड़ों स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, पॉलिटेक्निक व इंजीनियरिंग कॉलेज खोले थे। गरीब व ग्रामीण बच्चों को बेहतरीन शिक्षा देने के लिए मॉडल स्कूल, किसान मॉडल स्कूल और आरोही मॉडल स्कूल खोले गए थे। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान सिर्फ शिक्षा महकमे में 1 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां दी गई थीं। लेकिन आज हालात यह है कि स्कूलों में पढ़ाने के लिए टीचर तक उपलब्ध नहीं हैं। प्रदेश में 63 स्कूल ऐसे हैं जहां पर एक भी टीचर नहीं है। करीब 40 स्कूल ऐसे हैं जहां सिर्फ एक टीचर है। सरकार द्वारा सैंकड़ों स्कूलों को बंद किया जा रहा है और गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा का अधिकार देने वाले नियम 134ए को खत्म किया जा रहा है।

भूपेंद्र सिंह ने कहा कि खिलाड़ियों का मनोबल तोड़ने के लिए सरकार ने खेल स्टेडियमों में जाने वाले फीस वसूली का फैसला लिया। हालांकि विपक्ष के विरोध करने पर सरकार द्वारा फैसला वापिस लेना पड़ा। लेकिन इस बीच सरकार की खेल व खिलाड़ी विरोधी मंशा साफ हो गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में हरियाणा को खेलों का हब बनाने के लिए पदक लाओ, पद पाओ जैसी नीतियों के साथ गांव-गांव और शहर-शहर में खेल स्टेडियम बनाए गए थे। लेकिन बीजेपी ने सत्ता संभाले के बाद इन खेल स्टेडियमों को भगवान भरोसे छोड़ दिया। इनमें स्टाफ और सुविधाएं देना तो दूर  साफ-सफाई तक की व्यवस्था नहीं की गई। लेकिन अब सरकार इन्हीं स्टेडियमों को वसूली का अड्डा बनाना चाहती है। हुड्डा ने किसानों के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि बार-बार मांग के बावजूद सरकार ने किसानों को एमएसपी पर बोनस नहीं दिया। हमारी मांग है कि गेहूं किसानों को एमएसपी पर ₹500 प्रति क्विंटल बोनस दिया जाए। बोनस देना तो दूर सरकार ने किसानों पर अपनी मर्जी से तूड़ी बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया। सरकार ने तूड़ी बेचने को भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल कर दिया है और इसपर धारा 144 लगा दी है। यह इतिहास की पहली ऐसी सरकार है जिसने किसानों की तूड़ी को भी नहीं बख्शा।

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