भाजपा का घोषित मुआवज़ा, किसानों के बेहूदा मजाक : पर्ल चौधरी
“7 हज़ार का मुआवज़ा और करोड़ों के विज्ञापन, भाजपा सरकार का गुणगान”
जितना सरकार में मुआवजा घोषित किया, इसके मुकाबले खर्चा कहीं अधिक
भाजपा सरकार राहत देने के नाम पर किसानों के ज़ख्मों पर नमक छिड़क रही
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम। सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट पटौदी से चुनाव लड़ी कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने हरियाणा भाजपा की सैनी सरकार द्वारा घोषित बाढ़ राहत पैकेज को किसानों और ग्रामीणों के साथ एक प्रकार से भद्दा मजाक करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रति एकड़ केवल मात्र 7 से 15 हज़ार रुपये और गिरे या फिर ढहे हुए मकान के लिए अधिकतम 1.30 लाख रुपये का मुआवज़ा मौजूदा महंगाई के दौर में किसी भी तरह से पर्याप्त नहीं है। हरियाणा भाजपा सरकार के द्वारा जिन विशेषज्ञों या एक्सपर्ट की सलाह के बाद मुआवजा घोषित किया गया। यह अपने आप में बड़ा सवाल है? प्रति एकड़ किसी भी फसल की बिजाई में या फिर पकाने के बाद उसकी कटाई में ही कितना खर्च आ जाता है। यह भली भांति सरकार और सरकार के प्रतिनिधियों सहित सरकार के सलाहकारों को भी मालूम है। यह तीखी प्रतिक्रिया कांग्रेस नेत्री श्रीमती चौधरी के द्वारा मीडिया के नाम जारी एक वक्तव्य में की गई है।
पर्ल चौधरी ने कहा—“आज के महँगाई के दौर में द्वारा घोषित मुआवजा की यह रकम न तो फसल की वास्तविक लागत और ना ही बीजाई या फिर कटाई की मजदूरी को पूरी करती है। घोषित की गई राशि में ढहा हुआ मकान तो दूर एक कमरा भी दोबारा खड़ा हो सकता है। भाजपा सरकार राहत देने के नाम पर किसानों के ज़ख्मों पर नमक छिड़क रही है।”उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता की पीड़ा को समझने के बजाय अपनी छवि बचाने में ज़्यादा व्यस्त है। “अख़बारों और मीडिया को विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये बहाए जा रहे हैं। वही पैसा यदि बाढ़ पीड़ित किसानों और परिवारों को दिया जाए तो उनकी ज़िंदगी पटरी पर लौट सकती है।”
पर्ल चौधरी ने मांग की कि सरकार विज्ञापनों पर होने वाली फिज़ूलखर्ची बंद करे और उसका बजट सीधे बाढ़ प्रभावित किसानों व परिवारों को मुआवज़े के रूप में जारी करे। उन्होंने कहा कि जनता को यह सोचने की ज़रूरत है कि उनके टैक्स का पैसा आखिर किसानों की मदद में लगेगा या सत्ताधारियों की छवि चमकाने में खर्च किया जाता रहेगा। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा “किसानों को खैरात, मीडिया को करोड़ों, यही है भाजपा सरकार का विकास मॉडल।”
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