हर धर्म में दान का खास महत्व माना गया: भूरे शास्त्री
हर धर्म में दान का खास महत्व माना गया: भूरे शास्त्री
गुरू पूर्णिमा के उपलक्ष्य पर दिया र्प्यावरण सरंक्षण का संदेश
प्लास्टिक की जगह लकडी की चम्मच ओर पत्तों की पत्तलो का प्रयोग
दान देने से जहां मोह से मुक्ति मिलती है वहीं जीवन के दोष भी दूर
फतह सिह उजाला
पटौदी। गुरु पूर्णिमा महोत्सव के उपपलक्ष्य पर बुधवार को हर वर्ष की भांति ही इस वर्ष भी फरुखनगर- जौनियावास रोड वार्ड नम्बर 12 स्थित राधाकृष्ण मन्दिर पर समस्त क्षेत्रवासियों की ओर से हवन पूजन का आयोजन सुबह साढ़े सात बजे किया गया। इसके उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें श्रद्धालु भक्तगणों ने प्रसाद छका। इसके अलावा मन्दिर कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा गुरुओं का सम्मान किया गया, तथा उन्हें दक्षिणा अर्पित की गई। गुरुजनों ने आयोजक मंडल के पदाधिकारियों को आशीर्वाद प्रदान किया। श्यामानंद महाराज के मार्गदर्शन में मन्दिर प्रांगण मे बृजवासियों की टीम द्वारा सात दिवसीय भगवत कथा का भी आयोजन किया गया।
इस मौके पर कथावाचक भूरे शास्त्री ने अपनी मधुर वाणी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। आयोजकों द्वारा एक अच्छी पहल करते हुए भंडारे मे खास बात यह रही कि प्लास्टिक डोने, ग्लास एंव पत्तल की जगह लकडी की चम्मच ओर पत्तों से बनी पत्तलो का प्रयोग किया गया। महाराज श्यामानंद ने बताया कि मन्दिर प्रांगण में पिछले काफी वर्षाे से हवन यज्ञ एवं भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे फरुखनगर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग शामिल होते हैं। उन्होंने बताया कि हर धर्म में दान का खासा महत्व माना गया है। दान देने से जहां मोह से मुक्ति मिलती है वहीं जीवन के दोष भी दूर होते हैं। अन्नदान, वस्त्रदान, विद्यादान, अभयदान और धनदान, ये सारे दान इंसान को पुण्य का भागी बनाते हैं। किसी भी वस्तु का दान करने से मन को सांसारिक आसक्ति यानी मोह से छुटकारा मिलता है।
उन्होंने कहा कि हर तरह के लगाव और भाव को छोड़ने की शुरुआत दान और क्षमा से ही होती है। श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है कि परहित के समान कोई धर्म नहीं है और दूसरों को कष्ट देने के समान कोई पाप नहीं है। इस अवसर पर बलबीर सैनी, रुपचंद सैनी, लल्लू राम, सरजीत यादव, जिला उपचेयरमैन संजीव यादव, रामबीर यादव, एडवोकेट संदीप यादव, शिवचरण सिमार, जयपाल यादव, रामपत सैनी, ईश्वर यादव, सतबीर, शिवशंकर, बिन्दर, राहुल खरब, होशियार सैनी, सुन्दर यादव, राजबीर शास्त्री, चांदराम, राजिन्दर सैनी, अमीचंद, श्योनारायण आदि सहित काफी गणमान्यजन उपस्थित रहे।
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