भीमसेना प्रमुख नवाब सतपाल तंवर को नहीं मिली बेल जाना होगा जेल
देशद्रोह मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने जमानत देने और मामला रद्द करने से इनकार किया
लखनऊ पीठ की टिप्पणी, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विरोध करना भी गंभीर अपराध, नहीं दी जा सकती कोई राहत
नवाब सतपाल तंवर को पुलिस के सामने सरेंडर करने और सेशन ट्रायल में शामिल होने के आदेश
प्रधान संपादक योगेश
गुरुग्राम। लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली थाने में भीम सेना चीफ नवाब सतपाल तंवर पर दर्ज देशद्रोह के मामले में मगंलवार को जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सुनवाई करते हुए नवाब सतपाल तंवर की याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव ने टिप्पणी करने हुए कहा कि, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विरोध करना भी एक गंभीर अपराध है, जिसपर कोई राहत नहीं दी जा सकती।” लखनऊ पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता दर्ज मामले में सेशन कोर्ट में ट्रायल में शामिल हो और पुलिस के सामने सरेंडर कर दें। योगी आदित्यनाथ को गौ मूत्र पिलाने और गाय का गोबर खिलाने सहित योगी आदित्यनाथ की नीलामी करने पर हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने काफी सख्ती दिखाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का विरोध करना भी देशद्रोह के तहत गंभीर अपराध माना जा सकता है। याचिकाकर्ता जांच अधिकारी के सामने आत्मसमर्पण करके कानूनी कार्रवाई को स्वीकार करें।
गौरतलब है कि भीमसेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर पर लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली थाने में देशद्रोह की धारा सहित कई गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसमें नवाब सतपाल तंवर को गिरफ्तार करने के लिए यूपी पुलिस कई बार गुरुग्राम और दिल्ली में तंवर के ठिकानों पर छापे मार चुकी है। तंवर गिरफ्तारी के डर से भूमिगत चल रहे हैं। हालांकि सतपाल तंवर ने आने वाली 1 जुलाई को यूपी पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने की घोषणा की थी लेकिन इसी बीच बड़ा कानूनी दांव चलते हुए तंवर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट से भी तंवर को तगड़ा झटका लगा है। उनको बेल नहीं मिली और ना ही मामला खारिज किया गया। हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर भी रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है। ऐसे में नवाब सतपाल तंवर का जेल जाना लगभग तय है। हाइकोर्ट के इस फैसले से नवाब सतपाल तंवर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के इस ऐतिहासिक फैसले से राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। भीम सेना ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश में न्यायिक व्यवस्था भी योगी आदित्यनाथ के दवाब में काम कर रही है।
नवाब सतपाल तंवर की पीआरओ सीमा चौहान ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। यदि आवश्यकता पड़ी तो भीम सेना सड़कों पर भी उतर सकती है। सीमा चौहान ने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की तानाशाही को हम खुली चुनौती देंगे। भीम सेना के कड़े रुख और नवाब सतपाल तंवर के समर्थकों ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिसका प्रभाव आने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों पर भी पड़ेगा। फिलहाल नवाब सतपाल तंवर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं और हाईकोर्ट के फैसले के बाद उनका जेल जाना तय माना जा रहा है।
बताया जाता है कि लखनऊ के अलावा उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी नवाब सतपाल तंवर पर सरकार द्वारा मामले दर्ज कराए गए हैं। कई मामलों में तो वे वांटेड चल रहे हैं। तंवर ने उत्तर प्रदेश पुलिस और योगी आदित्यनाथ सरकार की नाक में दम किया हुआ है। लेकिन पुलिस उनको गिरफ्तार करने में हमेशा मुंह की खाती आई है। पिछले दिनों गांव खांडसा में तंवर को गिरफ्तार करने पहुंची लखनऊ पुलिस को लोगों ने खदेड़ तक दिया था। तंवर को गिरफ्तार करने की लिए मेरठ की एसटीएफ और गाजियाबाद की पुलिस को भी लगाया गया है। लेकिन तंवर के कानूनी दांवपेंच और सामाजिक दवाब उत्तर प्रदेश की पुलिस के लिए गले की फांस बना हुआ है। तंवर पर दर्ज देशद्रोह का यह मामला बड़ा रूप ले सकता है जिससे योगी आदित्यनाथ सरकार की छवि भी दलित विरोधी के रूप में देखी जा रही है। तंवर ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कारों और दलितों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसी वजह से उनके ऊपर देशद्रोह सहित 3 दर्जन मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज कर लिए गए।
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