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Rajni

सबसे श्रेष्ठ सम्पत्ति-चरित्र

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सबसे श्रेष्ठ सम्पत्ति-चरित्र

चरित्र मनुष्य की सर्वश्रेष्ठ सम्पत्ति है If wealth is lost, nothing is lost. If health is lost, something is lost. If character is lost, everything is lost.

उपरोक्त कथन सत्य है। मनुष्य को महान न धर्म बनाता है, न विद्या बनाती है, न राज्य बनाता है। मनुष्य का चरित्र ही उसको महान बनाता है। महान चरित्र से ही परिवार, समाज और राष्ट्र महान बनता है। परन्तु अफसोस! आज चरित्र की सबसे अधिक उपेक्षा हो रही है। सभी धन चाहिए, प्रसिद्धि चाहिए, प्रतिष्ठा चाहिए- धर्मानुसार प्राप्त हो या अधर्मानुसार महान चरित्र को बनाने के लिए मनुष्य को निम्न गुण अपने अन्दर धारण करने चाहिए।

(1 ) जीवन में पवित्रता : पवित्रता उच्च चरित्र का सच्चा आधार है। अत: अपने जीवन को पवित्र बनाओ। पवित्र मस्तिष्क, पवित्र विचार, पवित्र दृष्टि, पवित्र श्रवण, पवित्र भोजन, पवित्र कर्म-इन गुणों को अपने अन्दर धारण करो। इसके लिए न केवल स्वयं यम-नियम का पालन करो बल्कि अपने बच्चों को भी पालन करने के लिए प्रेरित करो।

(2) साहस जो जितना पवित्र होता है, उतना ही साहसी होता है। महान व पवित्र पुरुष विपरीत परिस्थितियों घबराता नहीं है, उनको अपने अनुकूल बनाता है। उनका मुकाबला करता है।

(3) कठोर तपस्वी जीवन महान चरित्र वाले व्यक्ति का जीवन कठोर होता है। वह परिश्रमी होता है। कर्म करने में विश्वास रखता है । सबकी उन्नति में अपनी उन्नति समझता है। उसमें कार्य करने की इच्छा शक्ति, दक्षता और निपुणता होती है। वह समाज, राष्ट्र और विश्व हित को प्राथमिकता देता है।

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