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बाड़मेर डॉक्टरों ने रैली निकाल कर किया प्रदर्शन, की नारेबाजी

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बाड़मेर डॉक्टरों ने रैली निकाल कर किया प्रदर्शन, की नारेबाजी:बोले- सरकार हमारी मांगे माने, नहीं तो हॉस्पिटल बंद कर देंगे, जारी रहेगा विरोध

राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में बाड़मेर के प्राइवेट डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। डॉक्टरों ने गुरुवार को शहर में रैली निकाल कर प्रदर्शन किया। वहीं सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। डॉक्टरों का कहना है कि सरकार ने विधानसभा में बिल को पास करवा लिया है। जब तक सरकार बिल वापस नहीं लेगी तब हमारा प्रदर्शन यूं चलता रहेगा। इसके लिए हमें हॉस्पिटल बंद करने पड़े तो भी कर देंगे।

ऐसे में प्राइवेट हॉस्पिटल में व्यवस्था पूरी तरह से ठप है। इनके साथ में सोनाग्राफी सेंटर भी बंद रहे। डॉक्टरों का कहना है कि सुबह 9 से 11 बजे तक सरकारी डॉक्टर ने भी पेड डाउन हड़ताल कर समर्थन दिया।

शहर में रैली निकााल कर किया प्रदर्शन। बोले- मांगे नहीं माने जाने तक चलता रहेगा प्रदर्शन।

दरअसल, प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालन व डॉक्टर राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में लगातार प्रदर्शन कर रहे है। डॉक्टरों प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीजों को चैक नहीं कर रहे है। वहीं मरीज भी निराश होकर लौट रहे है। वहीं डॉक्टरों के समर्थन में कुछ दिन से सरकारी डॉक्टर भी 2 घंटे पेन डाउन हड़ताल भी कर रहे है। लेकिन सरकार बिल को विधानसभा में पास करवा दिया है। गुरुवार को डॉक्टरों ने बिल वापस लेने की मांग पर सड़कों पर उतर गए। गांधी चौक से हॉस्पिटल तक पैदल रैली निकालकर प्रदर्शन किया। इस दौरान गहलोत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। डॉक्टरों ने एक राज्य एक कानून की तख्तियां लिए निकले।


जिले भर के प्राइवेट डॉक्टर उतरे सड़कों पर, बोले काला कानून वापस लो।
डॉक्टर कुंदनदान का कहना है कि तीन दिन तक हम लोगों ने जयपुर में बिल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान इतिहास में पहली बार डॉक्टरों पर लाठी चार्ज हुआ है। दूसरे दिन पानी फेंका गया और तीसरे दिन बसों में डालकर हिरासत में लिया गया जयपुर से बाहर भेज दिया गया। यह सभी कोरोना वारियर्स ही थे जिनकी वाहवाही की गई थाली बजाई, पीठ थपथपाई गई लेकिन अब डंडे बरसाए गए, पानी बरसाया गए। अगर सरकार इस तरीके कानून लागू करने पर अड़ी है तो डॉक्टर भी अपनी मांगों को लेकर रोड पर बैठे है। हम तो प्रण करके चले कि हॉस्पिटल बंद कर देंगे। राइट टू हेल्थ बिल स्वीकार नहीं करेंगे। जब तक सरकार हमसे मिलकर बात करके हमारी बातों को मान लागू करें अन्यथा हम इस बिल को नहीं मानेगे।

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