बादल स्कूल को मानते थे मंदिर, CM बनने के बाद जब भी विद्यालय में जाते तो गेट पर हाथ जोड़कर करते थे नमन
बादल स्कूल को मानते थे मंदिर, CM बनने के बाद जब भी विद्यालय में जाते तो गेट पर हाथ जोड़कर करते थे नमन
पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके शिरोमणि अकाली दल (ब) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल का फिरोजपुर छावनी स्थित एमएलएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल से बचपन की यादें जुड़ी हैं। इस स्कूल में सातवीं कक्षा में दाखिला लेकर दसवीं तक की पढ़ाई पूरी की है। स्कूल के प्रिंसिपल अनिल गर्ग बताते हैं कि प्रकाश सिंह बादल ने वर्ष 1937 में एमएलएम स्कूल में सातवीं कक्षा में दाखिला लिया था, वर्ष 1941 में दसवीं पास कर स्कूल छोड़ दिया था। गर्ग बताते हैं कि बादल स्कूल को मंदिर मानते थे, पंजाब के मुख्यमंत्री बनने के बाद जब भी स्कूल में आते थे तो गेट पर हाथ जोड़ कर नमन करते थे। फिरोजपुर में आयोजित रैलियों में भी बादल इस स्कूल का जिक्र करते थे। इससे पता चलता है कि स्कूल से उनकी बहुत से यादें जुड़ी हैं, जो वे हमेशा याद करते थे। स्कूल को बादल साहब ने बहुत ग्रांट दी है, जिससे स्कूल की विशाल इमारत बनाई है। क्षेत्र में स्कूल का काफी नाम है। यह सबसे पुराना स्कूल है। वर्ष 1947 में बादल ने सरपंची का चुनाव जीत कर राजनीतिक में कदम रखा था। फिरोजपुर में जब भी बादल की कोई जनसभा होती थी तो उसमें फिरोजपुर में बचपन के बिताए दिनों को याद कर लोगों से साझा करते थे। जानकारों का कहना है कि मुक्तसर फिरोजपुर का हिस्सा था, जब बादल मुख्यमंत्री बने तो फिरोजपुर से अलग कर मुक्तसर को जिला बनाया था। बावजूद इसके प्रकाश सिंह बादल के नाम से फिरोजपुर शब्द जुड़ा रहा।
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