Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.
Rajni

गुरूग्राम के जी ए वी पब्लिक स्कूल युनिट 3 पालम विहार मे बेबी शो का आयोजन

5,484

गुरूग्राम के जी ए वी पब्लिक स्कूल युनिट 3 पालम विहार मे बेबी शो का आयोजन

प्रधान संपादक योगेश


गुरूग्राम के जी ए वी पब्लिक स्कूल युनिट 3 पालम विहार मे बेबी शो कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम मे स्कूल के छोटे छोटे बच्चो ने नाटक डांस गेम कविता आदि कार्यक्रम मे भाग लिया व अपने ही अंदाज मे आए हुए अभिभावको का मन मोह लिया। इस बेबी शो के दौरान बच्चे अलग अलग ड्रेस मे दिखे जैसे स्पाईडर मैन आर्मी परी ब्लैक मनी पुलिस डाक्टर माडल जैसै अनेको प्रकार की फैसी ड्रेस मे आए हुए बच्चो ने अपनी कलाकारी को पेश किया। कार्यक्रम के दौरान बच्चो को कई प्रकार के गेम भी खिलाए गए। इस कार्यक्रम के दौरान प्रथम द्वितीय व तृतीय आए हुए बच्चों को ट्रॉफी देकर सम्म्मानित किया गया। 

साथ ही बेबी शो के दौरान जी ए वी पब्लिक स्कूल डायरेक्टर धर्मेन्द्र कोशिक ने कार्यक्रम के दौरान आए हुए सभी अभिभावको को भी गिफ्ट देकर सम्मानित किया गया।

बेबी शो के दौरान जी ए वी पब्लिक स्कूल डायरेक्टर धर्मेन्द्र कोशिक स्कूल के समस्त स्टाफ ने मिलकर कार्यक्रम मे भाग लिया।

बेबी शो के दौरान जी ए वी पब्लिक स्कूल डायरेक्टर धर्मेन्द्र कोशिक ने कहा कि विद्यालय भी एक उपवन हैं जहां बच्चे उसके फूल हैं। उन फूलों को हम कैसी शिक्षा से पोषण करते हैं

यही उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए प्रेरित करते हैं। जब हम बच्चे का सर्वांगीण विकास की बात करते हैं तो वह केवल किताबी ज्ञान में ही बौद्धिक रूप से सफल नहीं बना रहे हैं बल्कि व्यक्तित्व और विचारों से भी उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। शिक्षकों को बच्चों के समक्ष उदाहरण बनना होगा। बच्चे माता पिता और साथियों की अपेक्षा शिक्षकों के विचार और व्यवहार को जल्दी अनुसरण करते हैं। जब जब अभिभावक यह कहता रहेगा कि बच्चों के लिए उनके पास समय नहीं है तब तब बच्चों के प्रति हम अपनी जिम्मेदारी से दूर भाग रहे हैं। ऐसे में बच्चों को उनके दायित्व के प्रति केवल पढ़ाने मात्र से काम नहीं चलेगा। ऐसे बच्चे किशोर अवस्था तथा युवा अवस्था तक पहुंचते पहुंचते वे अपने जीवन का उद्देश्य निर्धारण नहीं कर पाते जिस कारण उन्हें अपना जीवन नीरस लगने लगता है। ऐसे में हमें बच्चों में पहले मेरा जीवन का अहसास कराना होगा इसके बाद ही वे अपना दायित्व समझ सकेंगे।

दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि विद्यार्थी जीवन मानव जीवन की आधारशिला है । इस काल में सामान्यतरू विद्यार्थी सांसारिक दायित्वों से मुक्त होता है फिर भी उसे अनेक दायित्वों व कर्तव्यों का निर्वाह करना पड़ता है। प्रत्येक

विद्यार्थी का अपने माता-पिता के प्रति यह पुनीत कर्तव्य बनता है कि वह सदैव उनका सम्मान करे।

अभिभावको की भागीदारी और विद्यार्थी की सफलता के बीच सकारात्मक संबंध होता है। अपने बच्चों की शिक्षा में अभिभावकों या परिवार की हिस्सेदारी किसी भी अन्य सुधार कार्यक्रम की अपेक्षा कहीं ज्यादा असरदार होती है। शिक्षकों को अभिभावक-अध्यापक साझेदारी का महत्व समझते हुए । अभिभावको को उनके बच्चो की शिक्षा में भागीदार बनाना चाहिए।

Comments are closed.

Discover more from Theliveindia.co.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading