विश्व एड्स दिवस’ पर सरहौल स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा जागरूकता रैली का आयोजन
विश्व एड्स दिवस’ पर सरहौल स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा जागरूकता रैली का आयोजन
प्रधान संपादक योगेश
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सरहौल के छात्र-छात्राओं द्वारा ‘विश्व एड्स दिवस’ पर सेक्टर-18 में एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। विद्यालय के छात्र-छात्राएं गंभीर बीमारी एड्स के प्रति जागरूक करने वाले संदेशों को बैनरों के माध्यम से प्रचारित कर रहे थे। साथ ही विद्यालय में कला अध्यापिका के सहयोग से पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। जिसमे छात्र- छात्राओं ने बढ़चढ़कर भाग लिया।
रैली में छात्र-छात्रा इस बीमारी से संबंधित सावधानियों और भ्रांतियों का निवारण करने वाले नारे भी लगा रहे थे।
अरुणा भाटिया अदलखा, प्राचार्या ने इस अवसर पर बताया कि एड्स (‘एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम’)एक तरह के विषाणु से फैलने वाली बीमारी है। जिसका नाम एचआईवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) है। बताते चलें कि विश्व एड्स दिवस 1988 के बाद से एक दिसंबर को हर साल मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इस बीमारी से जिसकी मौत हो गई है उनका शोक मनना है।
महेश शिलावत, प्रभारी लीगल लिटरेसी ने रैली को सम्बन्धित करते हुए कहा कि प्रारंभ में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था। परन्तु बाद में पता चला कि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। अमेरिकन जीन टेक्नोलॉजीज का दावा है कि एक जीन थेरेपी के माध्यम से एचआईवी-एड्स का इलाज संभव है। कंपनी का दावा है कि हमने इस दिशा में अपना शोध कार्य पूरा करते हुए फाइनल रिपोर्ट एफडीए को सौंपी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस ड्रग्स से एचआईवी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। हालांकि एचआईवी-एड्स का आध्यात्मिक इलाज भी संभव है, अध्यात्म के मुताबिक सत भक्ति (संत ज्ञान) करने से बड़े बड़े रोग दूर फिर चाहे वह एड्स ही क्यों ना हो।
इस अवसर पर कर्मवीर सिंह चौहान, वरिष्ठ प्रवक्ता अर्थशास्त्र, सुशील कटारिया, राज्य सचिव हसला, सुधीर शर्मा प्रवक्ता भौतिकी, अलका रानी प्रवक्ता राजनीति शास्त्र, मनीषा कुमारी कला अध्यापिका इत्यादि अध्यापक मौजूद रहे।
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