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अंतिम समय में मधु सारवान के लिए मोदी के नाम पर मांगे वोट !

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अंतिम समय में मधु सारवान के लिए मोदी के नाम पर मांगे वोट !

सबसे अधिक चुनौती वार्ड नंबर 9 में भाजपा और भाजपा के नेताओं को

जिला परिषद चेयरमैन के लिए लगभग 20 हजार ग्रामीणों के द्वारा मतदान

पल-पल बदलते रहे हालात , सबसे अधिक भाजपा खेमे में बनी है चिंता

चर्चाओं के मुताबिक चेयरमैन का चेहरा हो सकता है चौंकाने वाला

भाजपा पंचायती राज प्रकोष्ठ के जिला सह संयोजक की प्रतिष्ठा दांव पर

यही नेता मानेसर नगर निगम मेयर पद की दावेदारी को लेकर सक्रिय

एमएलए जरावता पहले ही कह चुके कि जयचंद बनेंगे हार का कारण

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम /पटौदी । 
  जिला परिषद के चेयरमैन सहित जिला परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों के चुनाव परिणाम का अकाउंट आरंभ हो चुका है । हरियाणा के खजाने में सबसे अधिक राजस्व देने वाले जिला गुरुग्राम में भाजपा के द्वारा पार्टी चुनाव चिन्ह पर चेयरमैन पद के लिए वार्ड नंबर 9 से मधु सारवान सहित अन्य सभी 10 उम्मीदवारों को चुनावी दंगल में उतारा गया । गौरतलब है कि जिला परिषद चेयरमैन का पद अनुसूचित वर्ग की महिला के लिए और वार्ड नंबर 9 भी अनुसूचित वर्ग की महिला के लिए ही आरक्षित है । ऐसे में वार्ड नंबर 9 सबसे अधिक राजनीतिक का केंद्र और हॉट सीट अंतिम समय तक बना रहा । सूत्रों के मुताबिक वार्ड नंबर 9 में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 28000 बताई गई और इनमें से लगभग 20600 ग्रामीणों के द्वारा अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया गया । अब इस वार्ड में चेयरमैन पद की दावेदारी व जीत के लिए जो चर्चाएं सामने निकल कर आ रही हैं,  उनके मुताबिक हॉट सीट वार्ड नंबर 9 के साथ-साथ सभी 10 वार्डों में भाजपा को जबरदस्त टक्कर प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों के द्वारा दिया जाना बताया गया है । इसका मुख्य कारण है भाजपा के पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं की कथित अनदेखी करते हुए नए चेहरों को उम्मीदवार बनाया जाना । अपवाद स्वरूप एक या दो पुराने चेहरे ही हैं , जो कि सीधे भाजपा से बीते काफी से जुड़कर कार्य कर रहे हैं ।

अब सीधे सीधे बात करते हैं वार्ड नंबर 9 की, यहां से विजेता महिला उम्मीदवार ही गुरुग्राम जिला परिषद की चेयरमैन बनेगी । भाजपा के द्वारा यहां से पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता की पसंद की उम्मीदवार मधु सारवान को भाजपा की टिकट देकर जिला परिषद चेयरमैन का उम्मीदवार बनाया गया। लेकिन चुनाव प्रचार प्रक्रिया सहित जनसमर्थन जुटाने की कसरत को देखा जाए तो इस बात को कहने में कतई भी संकोच नहीं की भाजपा के द्वारा जिला परिषद चेयरमैन के लिए जो चेहरा मधु सारवान के रूप में ग्रामीणों के बीच लाया गया, उसकी अपनी कोई व्यक्तिगत पहचान या मजबूत पकड़ वार्ड नंबर 9 के 27 गांव में नहीं होना ही भाजपा के लिए सबसे बड़ी चिंता का कारण बना हुआ है । इसी कड़ी में वार्ड नंबर 9 से चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी भारतीय जनता पार्टी के पंचायती राज प्रकोष्ठ के जिला सह संयोजक सुंदर लाल यादव को सौंपी गई । सुंदर लाल यादव स्वयं मानेसर नगर निगम में मेयर पद की दावेदारी को लेकर बीते काफी समय से सक्रिय हैं। अब ऐसे में सबसे अधिक प्रतिष्ठा भाजपा जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ , सरपंच सुंदर लाल यादव तथा एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता की दांव पर लगी हुई है । हैरानी इस बात को लेकर है कि जिला परिषद चुनाव के लिए मतदान संपन्न होने के बाद ही एमएलए एडवोकेट जरावता ने साफ-साफ कह दिया , कि यदि भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार हारता है तो इसके लिए भाजपा में शामिल जयचंद ही अधिक जिम्मेदार होंगे । अब यह इशारा सीधे-सीधे किसकी तरफ है, इसकी गहराई में जाने की जरूरत ही नहीं है ।

दूसरी ओर जननायक जनता पार्टी की टिकट से विधानसभा पटौदी का चुनाव लड़ने वाले दीपचंद की पुत्री दीपाली चौधरी को भी अपने पिता के बीते करीब दो दशक के पटौदी देहात में राजनीतिक रसूख सहित संपर्कों का लाभ मिलता दिखाई दे रहा है। इसी कड़ी में पूर्व एमएलए रामवीर सिंह की पुत्रवधू अनु पटौदी को भी कहीं ना कहीं अपने परिवार के राजनीतिक और ग्रामीणों के बीच सीधे संपर्क और संबंधों का वोट के रूप में समर्थन मिलता महसूस किया जा रहा है । लेकिन सबसे अधिक चौंकाने वाली बात पटौदी के पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी की पुत्री सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट पर्ल चौधरी के द्वारा जिस प्रकार से अपना चुनाव प्रचार अभियान अपने पिता और पिता के पुराने समर्थकों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दम पर किया गया, ऐसे में पर्ल चौधरी की दावेदारी को भी पूरी तरह से अनदेखा करना अन्याय ही कहा जा सकता है । जिला परिषद चेयरमैन पद सहित पार्षदों के चुनाव के लिए अंतिम 2 दिनों में जिस प्रकार की विभिन्न उम्मीदवारों के वोट बैंक में जमा-घटा होने की सूचना मिल रही है , उसे देखते हुए 27 नवंबर मतगणना के बाद गुरुग्राम जिला परिषद चेयरमैन का नाम और चेहरा चौकाने वाला भी हो सकता है ।

चर्चाओं के मुताबिक दीपचंद की पुत्री दीपाली के वोट बैंक में अतीत में दीपचंद के मुकाबिल रहे महेश खनगवाल की पत्नी संगीता के द्वारा सेंधमारी की भी जानकारी सामने निकल कर आ रही है । दूसरी ओर बीते दिनों ही जननायक जनता पार्टी को अलविदा कह कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले हरियाणा के डिप्टी सीएम के निजी सहायक और सचिव रहे महेश चौहान व उनकी टीम के द्वारा भी भाजपा के पक्ष में वोट का समर्थन प्राप्त करने के दौरान सीधे-सीधे जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवार के लिए कहीं ना कहीं नुकसान का कारण माना जा रहा है। इसी कड़ी में संगीता पत्नी महेश खनगवाल के द्वारा जन नायक जनता पार्टी के दीपचंद की पुत्री दीपाली चौधरी सहित भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार मधु सारवान दोनों के ही वोट बैंक में अंदर खाने सेंधमारी की जानकारी बताई जा रही है । अब ऐसे में पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी की पुत्री सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट पर्ल चौधरी के द्वारा अपने पिता भूपेंद्र चौधरी के पटौदी क्षेत्र में समर्थकों व कांग्रेस समर्थित लोगों सहित अपने पति परमेश रंजन के ग्रामीणों के बीच सीधे संपर्क और अनुसूचित वर्ग के वोट को एक जगह बांधे रखना पर्ल चौधरी के लिए सबसे अहम माना जा रहा है । पूर्व एमएलए रामवीर सिंह की पुत्रवधू अनु पटौदी को भी वार्ड नंबर 9 से जिला परिषद के चेयरमैन की दावेदार के रूप में आकाश जा रहा है । कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी के लिए गुरुग्राम जिला परिषद चेयरमैन पद सहित वार्ड नंबर 9 से उम्मीदवार मधु सारवान की जीत या हार चुनाव परिणाम के बाद जिला भाजपा गुरुग्राम में एक दूसरे नेताओं पर गंभीरतम आरोप- प्रत्यारोप का रूप भी ले सकती है ।

सवाल यह है कि भाजपा ने पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार मधु सारवान के चुनाव प्रचार सहित ग्रामीणों का समर्थन जुटाने के लिए ऐसे चेहरों को अधिक पटौदी देहात के गांव में देखा गया जो कि पटौदी से अधिक मानेसर क्षेत्र में सक्रिय रहने वाले चेहरे हैं । अपवाद स्वरूप पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर सिंह ही एकमात्र ऐसा चेहरा रहे, जिनकी पटौदी देहात में फेस वैल्यू भी है । अब यह तो आगामी 27 नवंबर को ही मतगणना के बाद साफ हो सकेगा कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा गुरुग्राम जिला परिषद के चेयरमैन सहित पार्षदों को पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़वाने का फैसला कितना सही और कितना गलत रहा ? लेकिन इतना अवश्य है कि भारतीय जनता पार्टी के खेमे में मतदान होने के बाद से ही जिला परिषद चेयरमैन पद के उम्मीदवार की जीत को लेकर संशय सहित सबसे अधिक बेचौनी देखी जा रही है। वही गुरुग्राम जिला परिषद चेयरमैन सहित पार्षदों के चुनाव जो कि पार्टी के द्वारा सिंबल लड़े गए, यदि इसके परिणाम भाजपा और भाजपा नेताओं की अपेक्षा के अनुरूप सामने नहीं आते हैं तो भविष्य में गुरुग्राम , मानेसर नगर निगम तथा पटौदी मंडी नगर परिषद के चुनाव में भी इसका सीधा सीधा प्रभाव देखने के लिए मिल सकेगा । हालांकि इसी कड़ी में दीपचंद के द्वारा अपनी पुत्री दीपाली चौधरी की एकतरफा जीत का मतदान के बाद से ही दावा किया जाता आ रहा है । बहरहाल 27 नवंबर संडे तक जिला परिषद चेयरमैन और जिला पार्षदों के लिए होने वाली मतगणना के परिणाम आने तक इंतजार करने के अलावा अन्य कोई विकल्प भी सामने नहीं बचा हुआ है।

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