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केंद्र सरकार का एक और राहत पैकेज! हेल्थ सेक्टर-इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना से EPF सहायता तक सम्मिलित

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केंद्र सरकार का एक और राहत पैकेज! हेल्थ सेक्टर-इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना से EPF सहायता तक सम्मिलित

प्रधान संपादक योगेश

केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए 8 राहत उपायों की घोषणा की हैं. इन 8 उपायों में से 4 ऐलान नए हैं. सबसे पहले हेल्थ सेक्टर से जुड़े एक नए राहत पैकेज का ऐलान किया गया. वित्त मंत्री ने कोरोना प्रभावित सेक्टर के लिए 1.1 लाख करोड़ लोन गारंटी स्कीम की घोषणा की है. कोरोना संकट के कारण उपजी आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए कोरोना से प्रभावित सेक्टर्स के लिए 1.1 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया है. इस राहत पैकेज के तहत हेल्थकेयर सेक्टर को 50,000 करोड़ और दूसरे सेक्टर्स के लिए 60,000 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है.

सूची-
1 – 1.1 करोड़ रुपये लोन गारंटी स्कीम कोविड अफैक्ट सेक्टर के लिए घोषित किए गए हैं. जिसमें 50 हजार करोड़ रुपये हेल्थ सेक्टर और 60 हजार करोड़ रुपये अन्य सेक्टर के लिए आवंटित किए गए हैं.  
2 – इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत अतिरिक्त 1.5 लाख करोड़ रुपये की घोषणा की गई जिसे जरूरत के अनुसार सेक्टर-वार विवरण को अंतिम रूप दिया जाएगा. 
3 – कोरोना महामारी के बाद सरकार ने लघु, छोटे और मध्यम उद्यमों को पहले 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए थे जिसमें सरकार ने अब 1.5 लाख करोड़ रुपये की बढ़ाेतरी की है. ऐसे में अब MSME के लिए 4.5 लाख करोड़ रुपये का परिव्यय होगा.
4 – क्रेडिट गारंटी स्कीम को पहली बार शुरू किया गया है जिसमें 1.25 लाख रुपये तक का लोन 25 लाख लोगों को दिया जाएगा. जिसमें सबसे कम ब्याज 2% की दर से ब्याज लिया जाएगा.
5 – वित्त मंत्री ने कोरोना प्रभावित क्षेत्रों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना के माध्यम से 11,000 से अधिक पंजीकृत पर्यटक गाइड/यात्रा और पर्यटन हितधारकों को वित्तीय सहायता की घोषणा की.
6 – वीजा जारी होने पर पहले 5 लाख पर्यटकों को मुफ्त पर्यटक वीजा दिया जाएगा जिसमें कुल फाइनेंशियल इम्प्लीकेशन कुल 100 करोड़.
7- आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत नियोक्ताओं और कर्मचारियों को ईपीएफ सहायता 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दी गई है. इस योजना को पहली बार अक्टूबर 2020 में शुरू किया गया था.
8 – प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में 2020-21 में कुल 1,33,972 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे जिसमें इस योजना के जरिए 93,869 करोड़ रुपये का खाद्यान्न मुफ्त वितरण किया गया. जिसकी शुरुआत मार्च 2020 में की गई और बाद में इसे नवंबर 2021 तक बढ़ा दिया गया.

इस समय बाल चिकित्‍सा को ध्‍यान में रखकर तैयारी की जा रही है. बच्‍चों के लिए आइसीयू बेड्स, स्‍वास्‍थ्‍य उपकरण, दवाइयों की पर्याप्‍त उपलब्‍धता सुनिश्चित करने के लिए ये प्रावधान किया गया है. वहीं, टेस्टिंग कैपेसिटी बढ़ाने में भी इसका फायदा मिलेगा. ये रकम मार्च 2022 तक उपलब्‍ध होगी. वित्‍त मंत्री सीतारमण ने कहा कि कृषि क्षेत्र में रबी विपणन सीजन 2020-21 में 389.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था. वहीं 2021-22 432.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा. 85 लाख करोड़ से ज्‍यादा का रिकॉर्ड भुगतान किया गया.

भारतनेट पीपीपी मॉडल के माध्यम से प्रत्येक गांव को ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराने के लिए अतिरिक्त 19,041 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 33 हजार करोड़ रुपये का प्रोजेक्‍ट लाया गया है. इसके तहत नेशनल एक्‍सपोर्ट इंश्‍योरेंस अकाउंट के जरिये निर्यात होगा. बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं के लिए पीएलआई योजना को वित्तीय वर्ष 2025-26 तक एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है. इस योजना के तहत, निर्माताओं को भारत में निर्मित सामन पर 6% से 4% प्रोत्साहन दिया जाएगा.

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