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अनिल दुजाना ने कीं इन 17 लोगों की हत्याएं कई परिवार बर्बाद हुए

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अनिल दुजाना ने कीं इन 17 लोगों की हत्याएं कई परिवार बर्बाद हुए, जिसने गवाही देने की कोशिश की उसे मौत के घाट उतारा –

ग्रेटर नोएडा : अनिल दुजाना (Anil Dujana) कितना कुख्यात अपराधी था, अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने 17 लोगों की हत्या करवाईं। जिनमें कई एक ही परिवार से ताल्लुक रखते थे। उसने जिन्हें मारा और उनके परिवार वालों ने अगर अनिल दुजाना के खिलाफ मुकदमों की पैरवी की या गवाही दी तो उन्हें भी मौत के घाट उतार दिया। अनिल और उसके गैंग ने गौतमबुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद में कई परिवारों को तबाह कर दिया। उन घरों में आज कई-कई विधाएं बैठी हुई हैं।

साल 2002 से शुरू हुआ सिलसिला, दोहरा हत्याकांड किया

यूपी एसटीएफ ने बताया कि अनिल दुजाना ने अपने गैंग के साथ मिलकर सबसे पहले 7 अक्टूबर 2002 को हरवीर पुत्र इच्छा राम की गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके में हत्या की थी। इच्छा राम के साथ ग्रेटर नोएडा के रोजा जलालपुर गांव के रहने वाले राजू पुत्र शीशराम को भी मौत के घाट उतार दिया था। इस दोहरे ने दो जिलों गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में सिस्टम को हिलाकर रख दिया था। तब तक अनिल दुजाना अपराध की दुनिया के लिए मामूली नाम था।

अवैध सरिया कारोबार के चलते कई हत्याएं की गईं

अनिल दुजाना ने 4 मार्च 2007 को विक्रम सिंह पुत्र अतर सिंह की नृशंस हत्या की थी। यह हत्या अनिल दुजाना और उसके गैंग ने दादरी इलाके में की थी। इसके बाद 12 मई 2011 को बुलंदशहर के मूढ़ी बकापुर गांव के रहने वाले विजय पुत्र बलवीर की हत्या की। हत्याओं का यह सिलसिला लगातार जारी रहा। वर्ष 2011 में अनिल दुजाना ने कहर बरपाया। 24 अगस्त 2011 को बादलपुर के रहने वाले आनंद उर्फ नंदू की हत्या कर दी थी। 22 सितंबर 2011 को खेड़ी गांव के रहने वाले जयचंद की हत्या की थी। यह हत्या सरिया के अवैध कारोबार में वर्चस्व को लेकर की गई थी। अनिल दुजाना गैंग के लिए हरेंद्र प्रधान दादूपूर सरिए का कारोबार करता था। जिससे प्रतिद्वंदी होने के चलते जयचंद की हत्या अनिल दुजाना ने की थी। पहले खुद अनिल दुजाना अवैध सरिए का कारोबार सुंदर भाटी के लिए करता था।

जब अनिल दुजाना से थर्रा गया था गाजियाबाद शहर

अपने आपराधिक इतिहास में अनिल दुजाना और उसके साथियों ने सबसे खूंखार और दुस्साहसिक वारदात को गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके में अंजाम दिया था। 18 नवंबर 2011 को एक शादी समारोह में अनिल दुजाना, रणदीप भाटी और अमित कसाना ने अपने गैंग के साथ मिलकर के-47 राइफल से सुंदर भाटी और उसके गैंग पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। जिसमें 4 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। उस नृशंस हत्याकांड में घंघोला गांव के रहने वाले शौकीन पुत्र किशनपाल, बादलपुर के रहने वाले नवीन पुत्र अरविंद, करावल नगर दिल्ली के रहने वाले जबर सिंह पुत्र धनपाल और बिसरख ग्रेटर नोएडा के रहने वाले धनवीर पुत्र हरी सिंह की मौत हो गई थी। खास बात यह है कि इस हत्याकांड में मुजफ्फरनगर के कुख्यात रोबिन त्यागी की पत्नी दिव्या सांगवान भी शामिल थी। दिव्या सांगवान ने ही सुंदर भाटी के खिलाफ अनिल दुजाना के लिए मुखबिरी की थी।

एक-दूसरे के लिए हत्याएं करने लगे थे वेस्ट यूपी के गैंग

हत्याओं का यह सिलसिला यहीं नहीं थमा। 6 जनवरी 2012 को अनिल दुजाना ने दादरी इलाके के खेड़ा धर्मपुरा गांव के निवासी सोनू उर्फ हरीश पुत्र प्रमोद शर्मा पर ताबड़तोड़ फायरिंग करके मौत के घाट उतार दिया था। यह हत्याकांड अनिल दुजाना गैंग ने भाड़े पर किया था। खेड़ा धर्मपुरा गांव के रहने वाले अमित शर्मा ने भाड़े पर सोनू की हत्या करवाई थी। ठीक 2 दिन बाद अनिल दुजाना और उसके गैंग ने 8 जनवरी 2012 को मुजफ्फरनगर के छपार थाना क्षेत्र में जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया। वहां संजीव त्यागी पुत्र कुबेर दत्त त्यागी को मौत के घाट उतार दिया गया। दरअसल, संजीव त्यागी मुजफ्फरनगर के कुख्यात गैंगस्टर रोबिन त्यागी के खिलाफ गवाही दे रहा था। रोबिन त्यागी से रंजिश के कारण संजीव त्यागी की हत्या करवाई गई। उस वक्त रोबिन त्यागी उसकी पत्नी दिव्या सांगवान और अनिल दुजाना मिलकर काम कर रहे थे।

कुख्यात ने गवाहों को चुन चुनकर मौत के घाट उतारा

अनिल दुजाना यही नहीं ठहरा। 29 जून 2012 को उसके गैंग ने अशोक पुत्र मनोहर सिंह को गोलियों से भून डाला था। मनोहर सिंह दादरी कस्बे के रहने वाले थे। इस मामले में जारचा कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई गई। जिस पर फिलहाल कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। इसके बाद अनिल दुजाना, रोबिन त्यागी, बलराम ठाकुर, रोहित और सुशील जाट ने मिलकर मुजफ्फरनगर के छपार कस्बे में बीज व खाद व्यापारी राजीव त्यागी की हत्या की। दरअसल, संजीव त्यागी हत्याकांड में राजीव त्यागी अनिल दुजाना और रोबिन त्यागी के खिलाफ गवाही दे रहा था। राजीव त्यागी की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों पर भी फायरिंग की गई। दुजाना का साथी इस गोलीबारी में सुशील जाट मारा गया था। इस जघन्य हत्याकांड के बाद मुजफ्फरनगर पुलिस ने अनिल दुजाना को गिरफ्तार किया था।

सुंदर भाटी ने अनिल के भाई जयभगवान को मारा

जनवरी 2014 में जेल में बंद रहते हुए अनिल दुजाना ने अपने गैंग के सदस्य संजय और वीरेंद्र से ग्रेटर नोएडा साकीपुर गांव के रहने वाले देवेंद्र की हत्या करवाई थी। देवेंद्र सुंदर भाटी के लिए व्यापारियों से उगाही करता था। देवेंद्र की हत्या का बदला लेने के लिए सुंदर भाटी ने अनिल दुजाना के सगे भाई जय भगवान की हत्या करवा दी थी। जिसमें सुंदर भाटी, सहदेव भाटी और सिंह राज भाटी समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

नरेंद्र शर्मा, कुलदीप शर्मा और उनके गनर की हत्या करवाई

अनिल दुजाना ने 19 नवंबर 2013 को जुनपत गांव के रहने वाले नरेंद्र शर्मा की हत्या करवाई। दरअसल, नरेंद्र शर्मा के साथ एक प्लॉट पर अवैध कब्जे को लेकर विवाद हो गया था। नरेंद्र शर्मा दादरी कस्बे में इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की दुकान चलाते थे। अनिल दुजाना प्लॉट पर कब्जा करने के लिए नरेंद्र शर्मा को धमका रहा था। नरेंद्र शर्मा उसकी बात नहीं मान रहे थे। अनिल दुजाना ने अपने गैंग के शूटर बलराम ठाकुर, मुनेश, अरविंद उर्फ माया जाट और सुनील पाठक से दादरी में भरे बाजार रेलवे रोड पर नरेंद्र शर्मा की हत्या करवाई थी। नरेंद्र कुमार शर्मा मर्डर केस में उसका भाई कुलदीप शर्मा गवाह था। वर्ष 2015 में जेल में बंद रहते हुए अनिल दुजाना, रणदीप भाटी और बलराम ठाकुर ने कुलदीप शर्मा को गवाही नहीं देने की धमकी दी। जब कुलदीप शर्मा नहीं माना तो रणदीप भाटी ने कुलदीप शर्मा पर उसके घर के बाहर ताबड़तोड़ गोलीबारी करवाई। जिसमें कुलदीप शर्मा और उसका गनर मारे गए थे। कुल मिलाकर अन्य दुजाना और उसके गैंग ने एक के बाद एक 17 हत्याओं को अंजाम दिया। अब जब अनिल दुजाना मारा गया तो इस परिवारों ने सुकून की सांस ली है।

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