बच्चों को शिक्षित होने के साथ संस्कारवान भी बनाएं: राव इंद्रजीत
बच्चों को शिक्षित होने के साथ संस्कारवान भी बनाएं: राव इंद्रजीत
पारिवारिक-अच्छे संस्कार लंबे वैवाहिक जीवन में बेहद सहायक
पुत्रवधू को भी अपनी बेटी के बराबर ही स्नेह प्रदान करें
कार्तिक पुत्र अजय के लग्न समारोह में राव इंद्रजीत पहुंचे
यहीं नववधू रूबी के पिता बलवीर यादव को दी शुभकामनाएं
फतह सिंह उजाला
पटौदी । समय के साथ साथ हर प्रकार के संपर्क सहित कार्यक्रम आयोजन का तौर तरीका भी बदलता जा रहा है । लेकिन भारतीय सनातन संस्कृति में दो परिवारों के बीच विशेष रूप से वैवाहिक संबंध आज भी अपनी पुरानी सामाजिक संरचना और संस्कृति , सभ्यता सहित संस्कारित परिवारों के बीच करने की परंपरा बरकरार है। बच्चों को शिक्षित बनाने के साथ-साथ संस्कारवान बनाना भी बहुत जरूरी है। संस्कार, बच्चों को अपने अभिभावकों और परिवार से बेहतर अन्य कोई भी प्रदान नहीं कर सकता । यह बात सांसद एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने गुरुवार को अपने समर्थक अजय यादव के पुत्र कार्तिक के लग्न समारोह में शामिल होने के उपरांत मौके पर ही मौजूद नववधू रूबी पुत्री बलवीर यादव सहित दोनों परिवारों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहीं ।
इस मौके पर गांव इंद्रजीत सिंह ने कहा आज के समय में जिस प्रकार से परिवार छोटे हो रहे हैं , इसके कई कारण भी हो सकते हैं । लेकिन यदि अपने अपने बच्चों को अभिभावकों और परिवार में इस प्रकार के संस्कार बचपन से ही दिए जाए, जिससे कि बच्चे भी बड़े होकर अपनी सनातन संस्कृति सभ्यता और परिवारिक संस्कारों से जुड़ कर अपने अपने अभिभावकों की वृद्धावस्था तक सेवा करने का भी विशेष ध्यान रखेंगे। इस मौके पर विशेष रूप से पटौदी नगरपालिका के पार्षद योगेंद्र यादव बबली, विजय सिंह यादव, छत्रपाल यादव, राव हरपाल सिंह, विजय यादव बबलू ,पूर्व एमएलए विमला चौधरी व अन्य आसपास के अनेक शुभचिंतक और समर्थक भी मौजूद रहे।
राव इंद्रजीत सिंह ने कहा बेशक से समय के साथ युवा वर्ग की विचारधारा में तेजी से बदलाव आ रहा है । यह सब पाश्चात्य संस्कृति का एक प्रकार से दुष्प्रभाव ही माना जा सकता है । लेकिन यदि जिस प्रकार की अपनी हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति सभ्यता और सामाजिक संरचना रही है , उसी के मुताबिक बच्चों को बचपन से ही घर परिवार में पारिवारिक और परिवार को एक मानने के साथ भेदभाव नहीं करने की शिक्षा प्रदान की जाए , तो इसका निश्चित ही नव दंपति को भी वैवाहिक जीवन में लंबे समय तक लाभ मिलना निश्चित है । इस प्रकार के लाभ दोनों परिवारों सहित समाज के लिए भी एक प्रेरणा का कार्य करते हैं । अंत में उन्होंने एक बार फिर से नववधू रूबी की माता सुमन और बलवीर यादव दंपति को अपनी शुभकामनाएं देते हुए नव दंपति कार्तिक और रूबी के सुख में वैवाहिक जीवन के लिए अपना आशीर्वाद सहित शुभकामनाएं प्रदान की।
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