भीमसेना चीफ नवाब सतपाल तंवर देशद्रोह मामले पर इलाहबाद हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
भीमसेना चीफ नवाब सतपाल तंवर देशद्रोह मामले पर इलाहबाद हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
उत्तर प्रदेश सरकार को हाईकोर्ट ने तलब किया, नोटिस जारी करके योगी सरकार से जवाब मांगा
गिरफ्तारी पर रोक, अग्रिम जमानत और मामले को रद्द करने की याचिका पर मंगलवार को दो जजों की लखनऊ बेंच करेगी सुनवाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ऑनलाइन नीलामी करने करने पर दर्ज हुआ है देशद्रोह का केस
नवाब सतपाल तंवर द्वारा 1 जुलाई को आत्मसमर्पण करने की घोषणा से पूरे देश में मचा है हड़कंप
प्रधान संपादक योगेश
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीलामी के बारे में ना कभी देखा और ना कभी सुना। लेकिन यह कारनामा भीमसेना चीफ नवाब सतपाल तंवर ने कर दिखाया। योगी आदित्यनाथ की ऑनलाइन नीलामी करवा दी। जिसके एवज में उनके ऊपर देशद्रोह सहित कई गम्भीर धाराओं में लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। मामला पिछले एक महीने से लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। उत्तर प्रदेश की पुलिस ने नवाब सतपाल तंवर को गिरफ्तार करने के भरसक प्रयास किए लेकिन यूपी पुलिस उनको गिरफ्तार करने में कामयाब नहीं हो पाई और हर बार यूपी पुलिस की किरकिरी होती रही। एक बार तो भीम सेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर के गांव खांडसा में गिरफ्तार करने पहुंची उत्तर प्रदेश पुलिस को लोगों ने खदेड़ तक दिया था। उधर सोशल मीडिया पर भीम सेना प्रमुख नवाब सतपाल तंवर योगी आदित्यनाथ पर लगातार हमले कर रहे हैं।
नवाब सतपाल तंवर ने 1 जुलाई को यूपी पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने की घोषणा की हुई है। जिससे पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस इस घोषणा से अलर्ट हैं। लेकिन इसी बीच एक खबर ने सुरक्षा एजेंसियों सहित हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकार के कान खड़े कर दिए हैं। भीमसेना चीफ नवाब सतपाल तंवर पर दर्ज देशद्रोह के मामले पर इलाहबाद हाईकोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। जिसपर मंगलवार को सुनवाई होनी है। इससे पहले हाईकोर्ट दो बार तंवर की याचिका पर सुनवाई करने से मना कर चुका है। लेकिन मामला सुर्खियों में आने के बाद और तंवर के आत्मसमर्पण करने की घोषणा के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। इलाहबाद हाईकोर्ट ने मामला रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने सहित अग्रिम जमानत देने की याचिका स्वीकार कर ली है। मंगलवार को कोर्ट में जबरदस्त बहस होने का अनुमान लगाया जा रहा है। तंवर की इस याचिका पर इलाहबाद हाईकोर्ट की दो जजों की लखनऊ बेंच सुनवाई करेगी। जस्टिस देवेंद्र उपाध्याय और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की लखनऊ बेंच तंवर की याचिका पर सुनवाई करेगी। मंगलवार शाम तक नवाब सतपाल तंवर की किस्मत पर फैसला आ जाएगा कि तंवर को जेल होती है या बेल होती है। इलाहबाद हाईकोर्ट के एडवोकेट बृज मोहन सिंह ने तंवर की तरफ से याचिका दाखिल की है। तंवर की पैरवी करने के लिए भीम सेना के उन्नाव जिला अध्यक्ष विजय कुमार कुरील को चुना गया है। साथ ही भीम सेना के हरदोई जिला अध्यक्ष रामेश्वर गौतम और उन्नाव के मुकेश कुमार भी तंवर की पैरवी करवा रहे हैं।
क्या है मामलाउत्तर प्रदेश पुलिस का आरोप है कि भीमसेना चीफ नवाब सतपाल तंवर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ऑनलाइन नीलामी करवाई है। एफआईआर में लिखा है कि योगी की नीलामी की बोली सवा रूपए से शुरू करवाई गई है। बोली में जीतने वाला व्यक्ति योगी आदित्यनाथ को ले जाएगा और योगी को आजीवन खाने में गाय का गोबर और पीने के लिए गाय का मूत्र दिया जाएगा। एफआईआर में यह भी लिखा है कि नवाब सतपाल तंवर ने उत्तर प्रदेश में बहन-बेटियों के हो रहे बलात्कार से आहत होकर योगी आदित्यनाथ की नीलामी करवाई है। आरोप है कि तंवर ने योगी आदित्यनाथ को झाड़ फूंक करने वाला बाबा तांत्रिक कहकर अपमानित किया है। ऐसा देश में पहली बार हुआ है कि किसी मुख्यमंत्री की ऑनलाइन नीलामी करवा दी गई है। तंवर अब भी लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से योगी पर लगातार हमले कर रहे हैं। आरोप है कि भीम सेना प्रमुख ने अपने फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल पर योगी आदित्यनाथ की ऑनलाइन नीलामी करवाई है।
यूपी सरकार को हाईकोर्ट ने किया तलबभीम सेना प्रमुख की याचिका पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने तलब कर लिया है। सरकार को नोटिस भेजकर मामले पर जवाब मांगा गया है। जिसपर मंगलवार को योगी सरकार जवाब देगी। बड़ा सवाल यह है कि योगी आदित्यनाथ की नीलामी करने पर देशद्रोह का केस आखिर कैसे लगाया जा सकता है? मामला राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है। नवाब सतपाल तंवर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर उनकी हत्या करने की साजिश रचने के आरोप भी लगाए हैं और कहा है कि योगी लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी को दबा रहे हैं। सरकार की तरफ से दर्ज कराए गए इस केस में देशद्रोह का कोई मामला नहीं बनता। नवाब सतपाल तंवर की न्याय की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है।
तंवर के कानूनी दांवपेंच से पस्त हुई योगी सरकारभीम सेना चीफ नवाब सतपाल तंवर ने आने वाली 1 जुलाई को आत्मसमर्पण करने की घोषणा की थी। लेकिन इस बीच इलाहबाद हाईकोर्ट से आई इस खबर ने सभी को चौंका दिया है। बताया जा रहा है कि तंवर के ऊपर उत्तर प्रदेश में 3 दर्जन केस दर्ज हैं। मेरठ में तो तंवर के गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो चुके हैं। उन्नाव में भी तंवर पर दलित युवतियों की हत्या के खिलाफ आवाज उठाने पर केस दर्ज किया गया है। मथुरा में देवकी नंदन ठाकुर ने जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज कराया हुआ है। इसके अलावा गाजियाबाद में भी अफवाह फैलाने और दंगे भड़काने की साजिश के आरोप भी तंवर के ऊपर लगाए गए है। उत्तर प्रदेश पुलिस ट्वीट करके भी तंवर को चेतावनी दे चुकी है। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण को गुरुग्राम में छिपाने और शरण देने के आरोप में 2017 में तंवर पर सहारनपुर में तीन केस दर्ज हैं। हाथरस में एक दलित युवती के साथ हुए गैंगरेप और हत्या के खिलाफ आवाज उठाने पर भी भीम सेना प्रमुख नवाब सतपाल तंवर पर मामला दर्ज है। लेकिन यदि देशद्रोह के मामले में तंवर की जमानत हो जाती है तो ऐसे में अन्य मामलों में भी उनकी राह आसान हो जाएगी। योगी आदित्यनाथ सरकार सरकार नवाब सतपाल तंवर पर दर्ज देशद्रोह मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में जवाब देगी और तंवर को जमानत मिलती है या नहीं ये फैसला भी मंगलवार को ही हो जाएगा। तंवर के कानूनी दांवपेंच से योगी आदित्यनाथ सरकार पस्त होती नजर आ रही है।
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