आगरा कोर्ट से मिली अखिलेश यादव और सांसद सुमन को बड़ी राहत
आगरा कोर्ट से मिली अखिलेश यादव और सांसद सुमन को बड़ी राहत; राणा सांगा विवाद में दोनों के खिलाफ दायर वाद निरस्त
आगरा: राणा सांगा के खिलाफ संसद में दिए सपा सांसद रामजीलाल सुमन के बयान से बवाल थम नहीं रहा है. मामले में एक ओर जहां राजनीतिक बयानबाजी जारी है तो वहीं दूसरी ओर लोग कोर्ट की ओर भी रुख कर रहे हैं. वहीं आगरा की सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन ने राणा सांगा पर दिए गए बयान को लेकर दायर किए गए वाद को निरस्त कर दिया. ये वाद आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने दायर किया था. अखिलेश यादव और रामजीलाल सुमन को प्रतिवादी बनाया था. मामले में इससे पहले बीते दस अप्रैल को सुनवाई हुई थी.
वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने न्यायालय को कहा था कि सपा सांसद लगातार राणा सांगा को गद्दार कह रहे हैं. जबकि, बाबरनामा और साल 1883-84 के लाहौर गजेटियर के अनुसार पंजाब के गवर्नर दौलत खान लोदी ने बाबर को भारत बुलाया था. इस मामले की सुनवाई की तारीख 23 मई 2025 दी गई थी. लेकिन इससे पहले ही सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन ने इस वाद को निरस्त कर दिया. इस बारे में वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेश के विरूद्ध जिला जज के न्यायालय में रिवीजन दायर करेंगे.
बता दें कि सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने राज्यसभा में 21 मार्च 2025 को औरंगजेब और बाबर का पक्ष लेकर कहा कि भारत के मुसलमान का आदर्श बाबर नहीं है. बीजेपी वाले हमेशा बाबर को लेकर कोसते रहते हैं. जबकि, इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को राणा सांगा ने बुलाया था. राणा सांगा गद्दार हैं. भारत के हिंदू गद्दार राणा सांगा की संतान हैं. सुमन के इसी बयान के बाद देशभर में हंगामा मचा हुआ है.
वहीं आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि अंग्रेज अधिकारी एएस बिवरिज ने बाबरनामा का अंग्रेजी में अनुवाद किया. एएस बिवरिज ने पेज नंबर 439 और 440 -441 में लिखा है कि बाबर को दौलत खां लोदी ने हिंदुस्तान में बुलवाया था. उसे इब्राहिम लोदी से युद्ध करने के लिए दौलत खां लोदी ने न्योता दिया था. इसके साथ ही अंग्रेजी हुकूमत के दौरान पंजाब सरकार ने सन 1883-84 के लौहार गजेटियर के पेज संख्या 20 पर दौलत खान लोदी द्वारा बाबर को हिंदुस्तान पर आक्रमण करने का न्यौता देने के तथ्य का जिक्र है.
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