अहीर रेजीमेंट हमारा हक, 120 वर्ष पुरानी मांग: अजय यादव
अहीर रेजीमेंट हमारा हक, 120 वर्ष पुरानी मांग: अजय यादव
कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने पंहूचकर दिया समर्थन
अहीर रेजीमेंट बनने से सेना में क्षेेत्र के युवाओं को और रोजगार मिलेगा
2 मार्च से शुरू हो रहे बजट सत्र में भी अहीर रेजिमेंट की मांग रखेगें
फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम। भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट के गठन को लेकर खेडकी दौला टोल पर अनिनिश्चत कालीन धरना स्थल पर कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने पंहूचकर समर्थन देते हुए कहा कि अहीर रेजीमेंट हमारा हक है, अहीर समाज की यह 120 साल पुरानी मांग है । यह मांग समय-समय पर उठती भी रही है। लेकिन हमें जरूरत है कि पूरे देश से एक साथ यह मांग उठे। अब समय है कि सभी एक होकर इस अहीर रेजिमेंट की मुहिम में जुटें। एक रेजीमेंट में लगभग 25 हजार जवान होते हैं। अहीर रेजीमेंट बनने से युवाओं को रोजगार मिलेगा। कौम को अलग से पहचान और सम्मान मिलेगा। कौम के बहाए गए खून को वीरोचित सम्मान मिलता है।
अहीर रेजीमेंट की मांग का समर्थन
पूर्व मंत्री अजय यादव ने कहा कि मेरा अहीर रेजीमेंट की मांग को पूरा समर्थन है। मेरी जहां भी जरूरत हो बताना मैं सबसे आगे खडा मिलूगां। इस मुहिम में मैं तन मन धन से साथ हूं। यादव ने बताया कि पिछले विधानसभा में मेरे बेटे रेवाडी विधायक चिरंजीव राव ने विधानसभा में मांग रखी थी कि हरियाणा सरकार को केंद्र सरकार से अहीर रेजीमेंट बनाने की सिफारिश करनी चाहिए और इस बार भी आगामी 2 मार्च से शुरू हो रहे बजट सत्र में भी अहीर रेजिमेंट बनवाने की मांग रखेगें। कैप्टन अजय सिंह ने कहा कि मैं भी सैनिक रहा हूं।
अंग्रेजों ने अहीर रेजीमेंट को नही बनने दिया
उन्होंने कहा देश की कुल जनसंख्या के लगभग 20 प्रतिशत अहीर समाज से हैं और 1857 की क्रांति में राव गोपाल देव और राव तुलाराम के नेतृत्व में अंग्रेजों के दांत खट्टे किए थे। इसके अलावा प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध, नसीबपुर का युद्ध के अलावा रेजागंला युद्ध हो या फिर संसद पर हमला हो, अक्षरधाम पर हमला सभी में अहीरों ने शहादत दी है। इतनी शहादत देने के बाद भी आज तक अहीर रेजीमेंट नही बनाई गई है। इसलिए अब सभी एक होकर अहीर रेजीमेंट बनाने के लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा कि इस एतिहासिक मुहिम में सभी का साथ चाहिएगा। अहीर रेजीमेंट बनने से अहीरों के रोजगार तो बढेंगें ही साथ ही देश की सेवा करने का श्रेय भी अहीरों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश में कई जातियों की रेजीमेंट बनी हुई हैं। लेकिन अहीर रेजीमेंट की इतनी पुरानी मांग होते हुए भी नही बन पाई हैं। अंग्रेजों के हराने में अहीरों को अहम योगदान रहा था, इसलिए अंग्रेजों ने अहीर रेजीमेंट को नही बनने दिया था।
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