किसानों की शहादत पर कृषि मंत्री जेपी दलाल का बेहद शर्मनाक बयान, दे देना चाहिए त्यागपत्र : अनिल नांदल उर्फ बल्लू
अम्बाला :(जयबीर राणा थंबड़) -किसान आंदोलन व पुलवामा हमले में शहीद हुए किसानों व जवानों की याद में निकाला मसाल जुलूस व कैंडल मार्च रोहतक। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने रणनीति बनाकर आंदोलन को तेज करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में आज मकडौली टोल प्लाजा पर भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान के नेतृत्व में किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों व पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की याद में मशाल जुलूस वह कैंडल मार्च निकाल कर उन्हें याद किया गया। इससे पूर्व भाकियू नेता अनिल नांदल टिकरी बॉर्डर पर चल रहे धरने पर पहुंचे और हरियाणा प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल के किसान आंदोलन में शहादत दे चुके किसानों की मौत के प्रति दिए गए बयान की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए उनके त्यागपत्र की मांग की।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के कृषि मंत्री का किसानों के प्रति यह व्यवहार व रवैया बेहद शर्मनाक है और ऐसे व्यक्ति को सरकार ने तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर देना चाहिए। इसके साथ साथ बल्लू प्रधान ने टिकरी बॉर्डर से कृषि मंत्री को ललकारते हुए कहा कि कृषि मंत्री जेपी दलाल सत्ता के नशे में चूर हो चुके हैं और वह किसान व कमेरे वर्ग के प्रति अनाप-शनाप बयान बाजी कर रहे हैं, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर उनमें इतनी हिम्मत व ताकत है त्यागपत्र देकर एक बार किसान व मजदूर के किसी बेटे के साथ चुनाव फाइट कर के देख ले उन्हें किसान व मजदूर की ताकत का पता चल जाएगा। उन्होंने कहा की किसान आंदोलन में शहादत दे चुके किसानों व उनके परिवारों के प्रति कृषि मंत्री का यह संवेदनहीन रवैया यह दर्शाता है कि केंद्र व प्रदेश की सरकार किसान व मजदूर के प्रति कितनी असंवेदनशील हो चुकी है। बल्लू प्रधान ने कहा कि जब तक सरकार इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी और एमएसपी पर कानून नहीं बनाएगी तब तक उनका आंदोलन यूं ही शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहेगा। किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए पुरजोर कोशिश की जाएगी। इसी कड़ी में आज मकडौली टोल प्लाजा पर कैंडल मार्च व मशाल जुलूस निकाला गया और आने वाली 16 तारीख को किसान मसीहा चौधरी छोटू राम की जयंती पर जगह जगह जनसभाएं कर किसान हितों की रक्षा के लिए उनके योगदान को याद किया जाएगा। भाकियू नेता ने कहा कि सरकार के इन काले कानूनों के प्रति जो सोच है उसका पर्दाफाश करने काम किया जाएगा। वहीं उन्होंने बताया कि 18 फरवरी को देशभर में रेल रोको आंदोलन को भी सफल बनाया जाएगा। ताकि इस गूंगी बहरी सरकार के कानों तक आवाज पहुंचे और वह इन कृषि कानूनों को वापस लेने पर मजबूर हो। ताकि देश का किसान खुशी खुशी अपने घर लौट जाए और खुशहाल जीवन जिए।
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