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Rajni

बीएड में कृषि विषय नहीं, फिर भी भर्ती में अनिवार्यता क्यों?

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बीएड में कृषि विषय नहीं, फिर भी भर्ती में अनिवार्यता क्यों?

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बांसवाड़ा
आरपीएससी ने कृषि व्याख्याता भर्ती-2022 में 280 पदों के लिए विज्ञप्ति निकाली है। 5 मई से फॉर्म भरने जाने हैं। भर्ती में मास्टर डिग्री के साथ बीएड जरूरी है। चौंकाने वाली बात है कि प्रदेश में 5 कृषि विश्वविद्यालय है, उनमें से एक में भी बीएड नहीं करवाई जाती। बीएड में कृषि विषय भी शामिल नहीं है। भर्ती-2018 में 370 पदों के लिए 660 अभ्यर्थी सफल हुए थे, लेकिन कृषि बीएड की डिग्री केवल 105 अभ्यर्थियों के ही पास थी। इसलिए 500 को बाहर होना पड़ा। विशेषज्ञों की मानें तो कृषि शिक्षा में बीएससी एग्रीकल्चर एक 4 वर्षीय पाठ्यक्रम है, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने वर्ष 2016 में इसको प्रोफेशनल कोर्स का दर्जा दिया है। जिससे प्रोफेशनल कोर्स में अलग से बीएड करने की आवश्यकता नहीं है। जिसका उदाहरण कंप्यूटर व्याख्याता, चित्रकला सहित हैं। कृषि विषय के स्टूडेंट्स को अगर भर्ती में शामिल होना होता है तो अलग विषय में फिर 4 साल की बीएड करनी पड़ रही है। इसको लेकर स्टूडेंट्स आंदोलन कर रहे हैं।

पांचों यूनिवर्सिटी की डीन कमेटी दे चुकी है बीएड अनिवार्यता हटाने का सुझाव

शिक्षा निदेशालय में कृषि व्याख्याता की योग्यता निर्धारित करने को लेकर जुलाई में कृषि विश्वविद्यालय के डीन एवं फैकल्टी चेयरमैन और शिक्षा निदेशालय के ज्वाइंट डायरेक्टर की मीटिंग हुई। सभी ने एकमत होकर बीएड की अनिवार्यता खत्म करने की लिखित रिपोर्ट दी। बैठक में शामिल कोटा यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि डॉ. एमसी जैन ने बताया कि सभी कुलपति बीएड के पक्ष में नहीं हैं। संयुक्त निदेशक ने भी सही माना था। बीएड का कोई मतलब नहीं हैं, जब बीएससी 4 साल की है।

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2016 में केंद्र सरकार ने प्रोफेशनल कोर्स घाेषित किया

1996 में कृषि विषय को बीटेक और एमबीबीएस की तरह तकनीकी विषय के रूप में पढ़ाना शुरू करते हुए इसका स्नातक कोर्स 4 वर्ष का कर दिया और 2016 में केंद्र सरकार ने प्रोफेशनल कोर्स घोषित किया। पाठ्यक्रम एवं पैटर्न बदलते रहे लेकिन कृषि व्याख्याता के लिए पात्रता के नियम 1970 के ही चलते रहे। 1970 के नियमों को आधार मानकर कृषि व्याख्याता भर्ती 2018 को कराया गया था। पात्रता के नियमों में संशोधन का मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया, लेकिन छात्रों को निराशा हाथ लगी और यह भर्ती अब तक अधूरी है। शिक्षा नियम 2021 में फिर से कृषि व्याख्याता के लिए बीएड की अनिवार्यता के करके कृषि व्याख्याता भर्ती 2022 में जारी किए 280 पदों के नोटिफिकेशन में बीएड की अनिवार्यता को यथावत रखा है।
बीएड की जरूरत नहीं है, सरकार करेगी फैसला
कृषि व्याख्याता भर्ती के लिए बीएड की कोई जरूरत ही नहीं हैं। बीएड की अनिवार्यता के चलते बच्चे भी इसमें शामिल नहीं हो पा रहा है, जबकि बीएड के लिए एग्रीकल्चर का विषय भी नहीं हैं। इसको लेकर तो सरकार को ही फैसला करना है।

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