केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद अब विंध्य के मोर्चे पर सक्रिय हुई कांग्रेस
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद अब विंध्य के मोर्चे पर सक्रिय हुई कांग्रेस
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सतना और रीवा में कार्यकर्ताओं से कर रहे संवाद
भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस अब विंध्य के मोर्चे पर सक्रिय हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह तीन दिन तक रीवा और सतना में कार्यकर्ताओं के साथ संवाद कर जनता की नब्ज टटोलेंगे। शुक्रवार से इसकी शुरुआत हो गई है। वे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के घर भी जाएंगे।
इसके पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ भी सतना में ओबीसी के सम्मेलन में शामिल हुए थे। बता दें कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को विंध्य क्षेत्र में झटका लगा था। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह तक चुनाव हार गए थे। क्षेत्र की 30 विधानसभा सीटों में से केवल आठ पर ही कांग्रेस को जीत मिली थी।
ऐसे में कांग्रेस विंध्य क्षेत्र में भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इस क्षेत्र में नगरीय निकाय चुनाव और विधानसभा उपचुनाव में मिले अच्छे परिणाम से पार्टी उत्साहित भी है। रीवा में तो महापौर भी कांग्रेस का ही चुना गया था।
विधानसभा चुनाव-2023 के लिए भाजपा के साथ कांग्रेस की तैयारी भी जारी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ 15 जिलों के दौरे कर चुके हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी मैदानी मोर्चा संभाल लिया है। वे अब तक सागर, भोपाल, सीहोर, जबलपुर, नीमच, मंदसौर, नर्मदापुरम और राजगढ़ जिले में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुके हैं।
विंध्य के दौरे में वे रामपुर बघेलान, रीवा, मनगवां और त्योंथर सीट के कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे। रीवा-सतना जिलों के पार्टी पदाधिकारियों से संगठन से उनकी अपेक्षा जानने के साथ ही तैयारी पर भी फीडबैक लिया जाएगा। साथ ही, सीधी सहित अन्य जिलों में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी सक्रिय है।
शिवराज मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा कर चल चुके हैं दांव
विंध्य क्षेत्र को लेकर भाजपा भी सजग है। अमित शाह की उपस्थिति में कोल महाकुंभ का आयोजन किया जा चुका है। क्षेत्र के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में कोल समुदाय निर्णायक भूमिका में है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मऊगंज को प्रदेश का 53वां जिला बनाने की घोषणा करके भी बड़ा दांव चल दिया है। यह मांग काफी पुरानी है।
हमें होगा लाभः भाजपा
विंध्य ही क्यों, दिग्विजय सिंह तो पूरे प्रदेश में प्रचार करें। उनके प्रचार में जाने से भाजपा को दोहरा लाभ होता है। एक तो कांग्रेस सरकार का बंटाधार वाला शासन जनता को याद आ जाता है। दूसरा, कमल नाथ सरकार के असली कर्ताधर्ता दिग्विजय सिंह थे, इसकी याद भी ताजा हो जाती है।
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