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मेगा हाइवे के बाद एक्सप्रेस-वे तस्करों का आसान रूट, टोल के अलावा कहीं भी उतरने और चढ़ने की जगह नहीं

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मेगा हाइवे के बाद एक्सप्रेस-वे तस्करों का आसान रूट, टोल के अलावा कहीं भी उतरने और चढ़ने की जगह नहीं..!!

बालोतरा

आबकारी वृत्त कार्यालय व थाना होने के बावजूद नहीं हो रही बड़ी कार्रवाई
जिले से गुजर रहा देश को जोड़ने वाला भारतमाला एक्सप्रेस-वे शराब तस्करांे के लिए ग्रीन कॉरिडोर बना हुआ है।

गत जनवरी-फरवरी के दो माह में डीएसटी व पुलिस टीम ने अवैध शराब परिवहन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 6 ट्रक में करोड़ों रुपए की अवैध शराब जब्त की थी। ऐसे में पहले मेगा हाइवे व अब एक्सप्रेस वे तस्करों का पसंदीदा रूट बना हुआ है। पंजाब से गुजरात सहित 8 राज्यों को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस-वे पर शराब तस्करी धड़ल्ले से होने के बावजूद आबकारी विभाग कार्रवाई करने में आगे नहीं आ रहा है।

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस ने बड़ी खेप पकड़ने में कामयाबी हासिल की, लेकिन जिम्मेदार आबकारी महकमे के अधिकारियों के दफ्तर से बाहर नहीं निकलने से अवैध कारोबारियों पर अंकुश नहीं लग रहा है। एक्सप्रेस वे पर कहीं भी पुलिस चौकी व नियमित चैकिंग के अभाव में तस्कर एस्कॉर्ट कर आसानी से मादक पदार्थों की तस्करी में लगे हुए हैं।

इसे इस बात से समझा जा सकता है कि गत जनवरी-फरवरी माह में बालोतरा व बाड़मेर जिला पुलिस ने 10 से अधिक शराब से भरे ट्रक जब्त करने की कार्रवाई की थी। गुजरात में शराब बंदी होने से इस अवैध कारोबार में मोटी कमाई के चलते तस्कर बेखौफ हाइवे से परिवहन में लगे हुए हैं। गुजरात में शराबबंदी होने से वहां पर महंगे दामों में अवैध शराब की बिक्री होने से बड़े तस्कर इस कार्य में लिप्त है, जो हरियाणा-चंडीगढ़ निर्मित अवैध शराब की खेप हाइवे के रास्ते से गुजरात तक पहुंचाते हैं।

पूर्व में मेगा हाइवे तस्करों का रूट बना हुआ था, लेकिन भारतमाला एक्सप्रेस-वे बनने के बाद आवागमन शुरू होने से अधिकांश तस्करी इस रूट से हो रही है। गत माह में पुलिस ने एक्सप्रेस वे पर नाकाबंदी कर अवैध शराब से भरे ट्रकों को पकड़ने की कार्रवाई की थी। एक्सप्रेस वे पर टोल से चढ़ने से लेकर बीच रास्ते में कहीं पर भी चैकिंग या पुलिस की गश्त नहीं होने से तस्कर एस्कॉर्ट के साथ आसानी से तस्करी कर रहे हैं। जिले में आबकारी वृत्त कार्यालय व थाना संचालित हो रहा है। एक्सप्रेस वे हो या मेगा हाइवे, जहां पुलिस ने गत महीनों में बड़ी कार्रवाई की है, लेकिन आबकारी विभाग गत साल भर में भी इतनी कार्रवाई नहीं कर पाया है।

अधिकारियों में इच्छाशक्ति का अभाव व मुखबिर तंत्र कमजोर होने से आबकारी विभाग अवैध तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठा रहा है। इससे हाइवे रूटों पर तस्करी का बड़ा नेटवर्क संचालित होने के साथ ही जिले भर में बड़े स्तर पर शराब का अवैध कारोबार चल रहा है। इसके बावजूद अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से धड़ल्ले से तस्करी का कार्य जारी है।

बालोतरा जिला पुलिस व डीएसटी टीम ने विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सक्रिय हुए तस्करों के खिलाफ जनवरी-फरवरी माह में बड़ी कार्रवाई करने में सफलता प्राप्त की थी। पचपदरा, मंडली, पचपदरा, कल्याणपुर पुलिस ने डीएसटी टीम के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए 6 ट्रक जब्त कर करीब 3 हजार कर्टन अवैध शराब जब्त की थी।

जबकि आबकारी विभाग ने सितंबर 2023 में दो कार्रवाई में 960 कर्टन शराब बरामद की थी। ऐसे में गत नौ माह से आबकारी विभाग व गत कुछ माह से पुलिस को शराब तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने में सफलता नहीं मिल रही है। हालांकि बालोतरा पुलिस ने कुछ दिन पहले ट्रक के केबिन में गुजरात सप्लाई के लिए जा रहे 40 कर्टन जब्त किए थे।

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