महापंचायत के बाद अब मानेसर निगम निगम के समर्थन में अनेक सरपंच
मानेसर नगर निगम की रार
महापंचायत के बाद अब मानेसर निगम निगम के समर्थन में अनेक सरपंच
मानेसर नगर निगम रहे बरकरार, एमएलए जरावता को सौंपा गया ज्ञापन
ज्ञापन सौंपने वालों नेकहा नहीं चाहते थे गुरुग्राम नगर निगम में शामिल होना
एमएलए जरावता ने माना कुछ विकास कार्य नहीं थे मानेसर निगम के अधीन
आज मानेसर निगम निगम के द्वारा किया जा रहा है फ्रंट पर सभी कार्य
कृषि भूमि युक्त केवल मात्र दो गांवों का ही मानेसर नगर निगम का विरोध
फतह सिंह उजाला
पटौदी/मानेसर । हरियाणा के 11वें और जिला गुरुग्राम के दूसरे नगर निगम मानेसर नगर निगम के गठन के एक वर्ष उपरांत इसके विरोध में अभी तक दो महापंचायत का आयोजन किया जा चुका है । लेकिन अब मानेसर नगर निगम के समर्थन में ही निगम क्षेत्र में शामिल विभिन्न गांवों के सरपंच खुलकर आ गए हैं । इन सभी गांवों के सरपंचों के द्वारा मंगलवार को पटौदी के एमएलए एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता को मानेसर नगर निगम को बरकरार रखे जाने के लिए ज्ञापन सौंपा गया है।
एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश को मानेसर नगर निगम के पक्ष में ज्ञापन सौंपनें वालों में सरपंच एसोसिएशन ब्लाक गुरूग्राम के प्रधान और सरपंच सुंदरलाल यादव, संजमदीप सरपंच नखडौला, विजयपाल सरपंच नाहरपुर कासन, हरजस सरपंच रामपुर, सुनीता कुमारी अध्यक्ष पंयायत समिति गुरूग्राम, सुंदरलाल यादव सरपंच सिंकदरपुर बढ़ा, प्रदीप यादव सरपंच नौरंगपुर, लखन सिंह सरपंच प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अनुसुचित मोर्चा, सुरेंद्र यादव, प्रवीन यादव अध्यक्ष युवा मोर्चा बीजेपी मानेसर, संत कुमार सचिव आईएमटी मानेसर , अभिमन्यु थानेदार, शशि यादव प्रधान, आरडब्ल्यूए , उद्योग एसोसिएशन, सहित अन्य प्रबुद्ध लोग भी शामिल रहे। इनका कहना है कि नया गुरूग्राम की 2019 में ही घोषणा के साथ ही करीब 30 गांवों को गुरूग्राम नगर निगम में शामिल किया जाना था, लेकिन सभी सरपंच और ग्रामींण ऐसा नहीं चाहते थे।
मुद्दों को घुमा दिया मानेसर निगम भंग हो
मानेसर नगर निगम के विरोध और पक्ष के मामले में लोगों की गोलबंदी सहित की गई महापंचायत के मामले में एमएलए एडवोकेट जरावता का कहना है कि अनेक ग्राम पंचायत प्रतिनिधि आकर मिले हैं, इन्होंने अपनी मांग दी है । मानेसर में जो महापंचायत आयोजित की जा रही है उन मुद्दों को लेकर अपनी बात रखी हैं । अचानक बीच में शायद कोई राजनीतिकरण हो गया और दो-तीन राजनीतिक पार्टियां भी शामिल गई है , उन्होंने मुद्दों को घुमा दिया कि मानेसर निगम भंग किया जाए । जबकि जो असली मांग थी और उस समय का एजेंडा मुझे लाकर दिया दिया गया था, वह अजेंडा आज मेरे पास आया है। इसमें कई मुदृदो पर हम काम कर रहे हैं । जो बाकी है उनमें मुख्य, एक तो विकास कार्य नहीं हो रहे हैं । एमएलए ने कहा कि मैं मानता हूं कि एक साल निगम को बने हो गए हैं, सीवर और पानी की पावर मानेसर नगर निगम के पास नहीं थी , जो पिछले हफ्ते ही निगम को मिली है । उसकी वजह से थोड़ी दिक्कत रही और जहां तक गलियों का मामला है बहुत सारे रोड गली बनने लग रही हैं । नगर निगम मानेसर नगर पालिका या नगर परिषद से तो बना नहीं कि हमें सब कुछ तैयार मिलता, अब यह तैयार हो गया है और यह फ्रंट लाइन पर आकर काम कर रहा है ।
अब यहां 98 प्रतिशत और शहरीकरण हो गया
उन्होंने कहा कि नगर निगम मानेसर के विरोध में ही हो रही पंचायतो के बारे में जनता जानती है, उस समय जब लोगों से पूछा गया था। क्योंकि कानून यह कहता है कि जिस क्षेत्र के अंदर नॉन एग्रीकल्चर भूमि में रहने वाले लोग हो , जैसा कि हम जानते हैं कि हमारे यहां पर पहले लोग अधिकतर किसान थे अब यहां पर मास्टर प्लान आ गया है तो अब यहां पूरा 98 प्रतिशत और शहरीकरण हो गया है। अब गांव नहीं रह सकते। भारत सरकार का नियम व कानून भी यही कहता हैं । दो गांव बार, नैनवाल गांव एग्रीकल्चर पर आधारित है , उनको विशेष तोर पर आग्रह करके शामिल करवाया था । अब अगर ये कहे की पंचायत बने तो वह असम्भव काम है , वो नियम के विरुद्ध है । इन लोगो ने पहले ही कहा था कि पंचायत अगर जाती है, शहरीकरण हो चूका, तो हम किसी भी सूरत मे गुरुग्राम निगम में नही जाना चाहते। इन लोगो के आग्रह के आधार पर ही उस समय निर्णय लिया और माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से अनुरोध किया कि गुरूग्राम से अलग नया मानेसर नगर निगम े बनाया जाये । ताकि यहाँ के लोगो के पेसे व जमीन यहाँ के निगम का संचालन यहाँ के 29 गाँवो के लोग करे और अब जो लोग मिले है इन्होने मांग की है , उसमे भी यही है कि हमारा विरोध गुरुग्राम निगम मे शामिल होने का था, लेकिन हम मानेसर निगम के पक्ष मे थे । इनकी दूसरी मांग अधिकारियो की मनमानी पर रोक लगाने की है, अगर कोई इस प्रकार का मामला संज्ञान आता है तो उस पर मे जरुर कार्यवाही की जाती है।
सीवर, बिजली, पानी, रोड की है मांग
एक सरपंचों ने कहा कि 29 गाँवो कि डीपीआर रिपोर्ट बनाई जाये, जिसमे सीवर, बिजली, पानी, रोड निशचित तौर पर इस मांग की डिटेल रिपोर्ट बनाई जा रही है । प्रतिनिधि मंडल की एक महत्वपूर्ण मांग जिससे मैं भी इतफाक रखता हूँ और चाहता हूँ कि जल्दी ही नगर निगम मानेसर के चुनाव नई जनसँख्या व वार्ड बंदी के अनुसार हो । जरावता ने कहा कि मे भी यही चाहूँगा कि नई जनसँख्या 31/12/2021 के अनुसार वार्ड बंदी हो और 3 महीने के अंदर अंदर मार्च या अप्रैल 2022 में चुनाव हो । एसी मांग सरकार से रहेगी और मे इस पर आगे बढूँगा और काम करूँगा। एक मांग यह भी रही कि मानेसर के अंदर बने हुए किसी भी मकान को नहीं तोडा जाये । यही बात मैं फिर से दोहरा रहा हूं कि किसी भी मकान को नही तोडा जायेगा, बशर्ते किसी ने भी पंचायती जमीन पर अवैध कब्ज़ा नही किया हो। जिन्होंने अवैध कब्ज़ा किया है चाहे वह कितनी ही महापंचायत कर ले, गली बननी है तो बनेगी, कॉलेज बनना है तो बनेगा चाहे उसमे एमएलए जरावता का मकान हो शामिल क्यो नही हो, उस मकान को भी भी तोडा जायेगा।
Comments are closed.