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हरिन्द्र धींगड़ा व दो बेटों के बाद एक साथी और किया काबू

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हरिन्द्र धींगड़ा व दो बेटों के बाद एक साथी और किया काबू

हरिन्द्र धींगड़ा को भेजा जेल, दोनों बेटों का 06 दिन पुलिस रिमाण्ड

तीसरे साथी से हुड्डा विभाग की फर्जी मोहर पुलिस द्वारा बरामद

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम।
 हरिन्द्र धींगड़ा तथा उसके दोनों बेटों (तरुण धींगड़ा व प्रशान्त धींगड़ा) को अदालत में पेश किया गया पेश। अदालत के आदेशानुसार आरोपी हरिन्द्र धींगड़ा को न्यायिक हिरासत भेजा गया तथा आरोपी के दोनों बेटों को 06 दिन के पुलिस हिरासत रिमाण्ड पर लिया गया ।

16 अप्रैल को गुरुग्राम पुलिस को हरिन्द्र धींगड़ा, उसकी पत्नी पूनम धींगड़ा, उसके बेटे प्रशान्त धींगड़ा व तरुण धींगड़ा के खिलाफ आम जनता के करोडों रुपये बैंको से लोन के माध्यम से गबन करने के सम्बन्ध में एक शिकायत प्राप्त हुई। राजपत्रित अधिकारी द्वारा उपरोक्त शिकायत की जांच के दौरान पाया कि हरिन्द्र धींगड़ा ने अपनी पत्नी पूनम धींगड़ा व अपने दोनों बेटों प्रशान्त धींगड़ा, तरुण धींगड़ा व प्रशान्त धींगड़ा की पत्नी तानी धींगड़ा व अपने पौत्र गर्व धींगड़ा पुत्र प्रशान्त धींगड़ा के साथ मिलकर बडी चालाकी से आपस में साझ-बाझ होकर योजनाबद्ध तरीके से बैंकों से करीब 15 करोड रुपये लोन के लेकर गबन किया है। उपरोक्त अभियोग में गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों 1. हरिन्द्र धींगड़ा व उसके दोनों बेटों 2. तरुण धींगड़ा तथा 3. प्रशांत धींगड़ा को अदालत के सम्मुख पेश किया गया। ’आरोपी हरिन्द्र धींगड़ा को  अदालत के आदेशानुसार न्यायिक हिरासत में भेजा गया तथा आरोपी तरुण धींगड़ा तथा प्रशांत धींगड़ा को 06 दिन के पुलिस हिरासत रिमाण्ड पर हासिल किया गया।’

मामले में गठित विशेष जांच टीम द्वारा आरोपियों से की गई पूछताछ व अपनी समझबुझ से आरोपियों के साथ सालसाजी में शामिल एक अन्य साथी को मंगलवार को गुरुग्राम से काबू करनें कामयाबी हासिल की है। आरोपी की पहचान ’मो. शहनवाज आलम पुत्र मोहम्मद शमीम आलम निवासी अमन सोसायटी, गेट नं. 1, ब्लॉक जी, न्यू आजाद नगर, धनबाद, झारखण्ड हाल निवासी 133ध्31 लक्ष्मण विहार, फेस-2, गुरुग्राम’ के रुप में हुई। आरोपी शहनवाज आलम से पुलिस द्वारा की गई प्रारम्भिक पूछताछ में आरोपी द्वारा उपरोक्त आरोपियों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार करना ज्ञात हुआ है। पुलिस पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ है कि आरोपी हरिन्द्र धींगड़ा व उसके परिवारजनों द्वारा प्लॉट के अदला बदली व कोर्ट केस के लिए फर्जी कागजात बनाने के लिए इसने उन्हें हुड्डा विभाग के तहसीलदार की फर्जी मोहर उपलब्ध कराई थी। हरिन्द्र धींगड़ा द्वारा बड़े व्यापारियों, बिल्डरों व अधिकारियों की ली गई जानकारियों को यह न्यूज पेपर-मैगजीन में छपवाता था। जिसके बदले हरिन्द्र धींगड़ा इसको रुपए देता था। हरिन्द्र धींगड़ा द्वारा इसके बैंक खाते में रुपए भी ट्रांसफर किये है व बहुत बार इसने नगद भी प्राप्त किए है। आरोपी के कब्जा से 02 फर्जी मोहर (हुड्डा विभाग) भी पुलिस टीम द्वारा बरामद’ की गई है।

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