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न्यायिक अधिकारी के तबादले की मांग को लेकर एडवोकेट्स ने खोला मोर्चा

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न्यायिक अधिकारी के तबादले की मांग को लेकर एडवोकेट्स ने खोला मोर्चा

यह मामला पटौदी विधानसभा के सब डिवीजन न्यायालय से संबंधित

शनिवार को भी संबंधित न्यायिक अधिकारी की कोर्ट का करेंगे बहिष्कार

शुक्रवार को गुरुग्राम, सोहना और पटौदी बार की आपातकालीन बैठक

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जज को भेजी गई शिकायत

एक ही मांग जब तक तबादला नहीं तब तक अदालत का बहिष्कार

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम ।
 न्यायिक अधिकारी के तबादले की मांग को लेकर एडवोकेट ने मोर्चा खोल दिया है । एडवोकेट्स की मांग है कि संबंधित न्यायिक अधिकारी का अविलंब तबादला किया जाए और जो कुछ भी एडवोकेट के खिलाफ कथित रूप से फैसले में अशोभनीय टिप्पणी की गई है, उस पूरे मामले की पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट या सक्षम न्यायिक अधिकारी के द्वारा जांच भी की जाए । यह मामला पटौदी के सब डिविजनल जुडिशल कोर्ट के ही एक न्यायिक अधिकारी से जुड़ा हुआ है । यह मामला इतना अधिक तूल पकड़ चुका है कि शुक्रवार को भी एडवोकेट के द्वारा संबंधित न्यायिक अधिकारी की अदालत का पूरी तरह से बहिष्कार किया गया।

न्यायिक अधिकारी पर कथ्सित रूप से विभिन्न प्रकार के गंभीर आरोप लगाते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ के मुख्य न्यायधीश, इंस्पेक्टिंग जज पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट और गुरुग्राम डिवीजन, डिस्टिक सेशन जज गुरुग्राम तथा एसडीजेएम पटौदी के पास सब डिवीजन बार एसोसिएशन पटौदी की तरफ से शिकायत भेजी जा चुकी हैं । शुक्रवार को पटौदी कोर्ट परिसर में ही एडवोकेट के जनरल हाउस की एक आपात बैठक बुलाई गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य संबंधित विवादित मामले में आगामी रणनीति बनाने को लेकर चर्चा करने के साथ मांग पूरी किया जाने तक आंदोलन जारी रखने के लिए आम सहमति बनाना था । इस बैठक में बार काउंसिल के एडवोकेट अजय चौधरी एडवोकेट प्रवेश यादव गुरुग्राम बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद कटारिया सचिव राहुल शर्मा सोहना बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सोमबीर तंवर पूर्व अध्यक्ष लखविंदर खटाना मुकेश तंवर जोगिंदर तवर पटौदी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप यादव सचिव मनीष यादव वाइस प्रेसिडेंट अशोक शर्मा सह सचिव विष्णु चौहान कैशियर सुनीता यादव , अजय दायमा विशेष रुप से आंदोलन को लेकर आगामी रणनीति बनाने के लिए मौजूद रहे ।

इस मौके पर पटौदी बार एसोसिएशन और कोर्ट के एडवोकेट के द्वारा पटौदी सब डिविजनल ज्यूडिशल कोर्ट के एक न्यायिक अधिकारी पर सार्वजनिक रूप से गंभीर आरोप लगाए गए । अधिकांश एडवोकेट के द्वारा तथ्यात्मक साक्ष्यों के आधार पर आरोप लगाते हुए कहा गया कि संबंधित न्यायिक अधिकारी के द्वारा कथित रूप से गलत और अशोभनीय व्यवहार किया जा रहा है, फिर वह चाहे अदालत में मामलों की पैरवी करने वाले एडवोकेट हो या फिर प्रतिपक्ष सहित अन्य मामलों में जोकि सरकारी विभागों से संबंधित हो। ऐसे मामलों में भी सरकारी विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी कथित रूप से दबाव डालने का सिलसिला बना हुआ है । विभिन्न एडवोकेट के द्वारा कही गई बातें और किए गए खुलासे के बाद में सर्वसम्मति से फैसला किया गया कि पटौदी कोर्ट के इस न्यायिक अधिकारी की अदालत का एडवोकेट के द्वारा पूरी तरह से बहिष्कार जारी रहेगा। जब तक की संबंधित न्यायिक अधिकारी का पटौदी कोर्ट से तबादला नहीं हो जाता है ।

इसके साथ ही फैसला किया गया कि यह बहिष्कार शनिवार 12 मार्च को होने वाली लोक अदालत के मौके पर भी एडवोकेट के द्वारा जारी रहेगा । शनिवार 12 मार्च को संबंधित न्यायिक अधिकारी की अदालत में कोई भी एडवोकेट किसी भी केस की पैरवी के लिए नहीं पहुंचेगा । इस मौके पर पटौदी बार के पूर्व प्रधान एडवोकेट तेजपाल सिंह चौहान, एडवोकेट शमशेर छिल्लर, एडवोकेट सुधीर मुदगिल, एडवोकेट राहुल राव सहित अनेक एडवोकेट्स मौजूद रहे । इससे पहले पटौदी सब डिविजनल जुडिशल कोर्ट परिसर में आहूत आपात बैठक में शामिल गुरुग्राम सोहना और पटौदी बार के पदाधिकारियों सहित एडवोकेट के द्वारा संबंधित न्यायिक अधिकारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी भी की गई । गुरुग्राम बार एसोसिएशन और सोहना बार एसोसिएशन के द्वारा पटौदी बार एसोसिएशन को आश्वासन दिया गया है कि संबंधित न्यायिक अधिकारी के खिलाफ जारी आंदोलन में हर प्रकार से सहयोग के लिए हर समय तैयार हैं। इसी मौके पर फैसला किया गया कि शुक्रवार को ही गुरुग्राम पहुंच रहे पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के इंस्पेक्टिंग जज महोदय से गुरुग्राम बार एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल मिलकर इस पूरे घटनाक्रम से अवगत कराते हुए संबंधित न्यायिक अधिकारी का पटौदी कोर्ट से तबादला और एडवोकेट बीएस चौहान के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से अपने न्यायिक अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर फैसले में लिखी गई टिप्पणी की जानकारी दी जाएगी।

जिस प्रकार की कथित रूप से अशोभनीय टिप्पणी एडवोकेट के खिलाफ लिखी गई है, इस प्रकार की टिप्पणी को एडवोकेट के द्वारा स्वीकार नहीं किया जा सकता । यह भी फैसला किया गया कि एडवोकेट के मान सम्मान और स्वाभिमान के लिए अब यह आरंभ किया गया संघर्ष संबंधित न्यायिक अधिकारी के तबादले के बाद ही समाप्त होगा । इसी मौके पर एडवोकेट्स ने यह भी कहा कि जो टिप्पणी संबंधित न्यायिक अधिकारी के द्वारा लिखी गई है , इसकी भी जांच किया जाना बहुत जरूरी है। इस प्रकार की टिप्पणी लिखने के पीछे क्या हालात और कारण रहे हैं , इनका भी खुलासा होना बहुत जरूरी है। आपात बैठक में यह फैसला भी किया गया कि पूरे हरियाणा में सभी बार एसोसिएशन का समर्थन जुटाने के लिए पटौदी कोर्ट के संबंधित न्यायिक अधिकारी के द्वारा किए जा रहे व्यवहार की जानकारी देकर जरूरत के मुताबिक पूरे हरियाणा पूरी तरह से एडवोकेट की हड़ताल का विकल्प भी खुला रखा गया है । अब देखना यह है कि बार और बेंच के बीच में जो तकरार बनी है, इसका क्या और किस प्रकार का समाधान आने वाले समय में निकल सकेगा।

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