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स्वच्छ वातावरण के लिए एनवायरमेंट फ्रेंडली लाइफ स्टाइल,अपनाएं: भूपेन्द्र 

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स्वच्छ वातावरण के लिए एनवायरमेंट फ्रेंडली लाइफ स्टाइल,अपनाएं: भूपेन्द्र 

हम ‘मदर अर्थ‘ से केवल लेना जानते हैं लेकिन बदले में हम उसे क्या दे रहे

कचरे को फेंकने का तरीका सुधारे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी

घरों से निकलने वाले कचरे को जैविक और अजैविक, दो भागों में बांटे

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम । 
केन्द्रीय पर्यावरण , वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने आमजन से अपील की है कि अपने घरों से निकलने वाले कचरे को जैविक और अजैविक, दो भागों में बांटे। इससे स्वच्छ वातावरण बनाने में सहयोग मिलेगा। इसके साथ ही लोग ये संकल्प भी लें कि वे अपने घरों के साथ साथ अपने मौहल्ले व शहर को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी लेते हुए ‘एनवायरमेंट फ्रेंडली लाइफ स्टाइल‘ अपनाएं।

भूपेंद्र यादव सोमवार को सैक्टर-44 स्थित अपैरल हाउस में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग तथा केन्द्रीय पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘स्वच्छ वायु संवाद‘ का विधिवत शुभारंभ करने उपरांत उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब , राजस्थान और दिल्ली की राज्य सरकारें सहयोग कर रही हैं। दो दिवसीय इस संवाद में दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर विभिन्न हितधारकों , स्थानीय निकायों व एजेंसियों की भूमिका सहित प्रदूषण संबंधी चुनौतियों से निपटने के बारे में चर्चा की जाएगी। दो दिवसीय कार्यक्रम के शुभारंभ पर केन्द्रीय मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि हम अपनी ‘मदर अर्थ‘ से केवल लेना जानते हैं लेकिन बदले में हम उसे क्या दे रहे हैं, इसके बारे में भी सोचें। हम उसे कचरा देते हैं, लेकिन उस कचरे को फेंकने के तरीके को भी सुधार लें तो पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिल सकती है। सभी लोगों को एनवायमेंट फ्रेंडली लाइफस्टाइल अपनाते हुए पर्यावरण के प्रति अपने उत्तदायित्वों को निभाने की जरूरत है।

सिटी स्पेसिफिक प्लान बनाना समय की मांग
यादव ने कहा कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण एक बड़ी चुनौती है, जिसके विभिन्न कारक हैं। उन्होंने इन चुनौतियों के समाधान के लिए सिटी स्पेसिफिक प्लॉन बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर में पड़ने वाले मुख्य शहरों में इस क्षेत्र में कार्यरत एजेंसियों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के सहयोग से एक ऐसी योजना बनाई जानी आवश्यक है जिसमें प्रदूषण संबंधी सभी विषयों को शामिल करते हुए इसके समाधान पर विचार किया जाए। इसके साथ ही, हमें अलग-अलग एजेंसियों के कार्यों व योजनाओं का भी एक दूसरे के कंनवर्जेंस अर्थात् जोड़ते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण संबंधी चुनौतियों के स्थाई समाधान के लिए नगरपालिका, स्थानीय निकाय संस्थाएं, स्वयंसेवी संस्थाएं, प्रशासन , जनप्रतिनिधियों सहित सभी लोग अपना सहयोग देकर इसे एक जन आंदोलन बनाएं।

एन्वायरमेंट फ्रेंडली लाइफस्टाइल को बनाएं दिनचर्या
उन्होंने कहा कि आज विश्व में संकट के तीन बड़े विषय चर्चा में है जिसमें जलवायु परिवर्तन, बायोडायवर्सिटी को बचाने व डेजरटीफिकेशन ऑफ लैंड यानी भूमि के मरुस्थलीकरण को रोकना शामिल हैं जिनमें भारत एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर आयोजित कॉप-26 समिट का उल्लेख करते हुए कहा कि उसमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सदस्य देशों को एन्वायरमेंट फ्रेंडली लाइफस्टाइल का मंत्र दिया था। उन्होंने कहा कि हमारा जीवन एनवायरमेंटल फ्रेंडली लाइफस्टाइल कैसे बने यानी प्रकृति के साथ संतुलन स्थापित करने वाली जीवन पद्धति पर हमें बल देना होगा। यादव ने अपने संबोधन में नैरोबी में हुए यूनाइटेड नेशन एनवायरमेंट कार्यक्रम का भी जिक्र किया और कहा कि वर्ष-2018 के संयुक्त राष्ट्र संघ के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपना विजन देते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का विषय रखा था, जिसे अब संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा ने प्रस्ताव पारित कर स्वीकृति दी है। यह स्वीकृति पूरी दुनिया में भारत के नेतृत्व की मान्यता व दर्शन की स्वीकार्यता को दर्शाता है।

स्कूलों में ग्रीन एरिया को बढ़ाने के लिए पौधारोपण
केंद्रीयमंत्री यादव ने कहा कि स्थानीय निकायों को ठोस कचरा प्रबंधन के तरीकों पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में अरावली पर्वत श्रंृखला बचाव का कार्य करती है, ऐसे में इसके इको सिस्टम के संरक्षण की दिशा में काम करने की आवश्यकता है। वहीं, धूल प्रबंधन के लिए भी हमें कॉलोनी स्तर पर एक्शन प्लान बनाते हुए वहां पौधारोपण को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करना होगा। इसके साथ ही स्कूलों में ग्रीन एरिया को बढ़ाने के लिए भी खाली जगहों पर पौधारोपण करने की जरूरत है। उन्होंने शहरों के खुले क्षेत्रों में धूल प्रबंधन के लिए नगर वन योजना के तहत कार्य करने पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने बायोमास का जिक्र करते हुए कहा कि पराली व्यर्थ की चीज ना होकर किसानों के लिए आय का साधन है। पराली से बायो कंपोस्ट बनती है। केन्द्र सरकार ने पांच साल के लिए 20 लाख टन का टेंडर किया है। बायोमास जलाने को हम क्रिमिनलाइजेशन नही करेंगे बल्कि इंसेंटिव देकर किसानों को अपनी पराली बेचने के लिए प्रेरित करेंगे। श्री यादव ने यह भी कहा कि हमारा प्रयास है कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में उद्योग भी जीवित रहें , रोजगार को बढ़ावा मिले लेकिन साथ ही पर्यावरण भी जीवित रहे और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र स्वच्छ बने। जो भी व्यक्ति या संगठन स्वच्छ एनसीआर के लिए काम करना चाहते हैं ,वे सभी एकजुट हों और इसे जनआंदोलन बनाएं।

यह गणमान्य लोग एव मंत्री रहे मौजूद
इससे पूर्व , पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सचिव लीना नंदन ने अपने विचार रखते हुए कहा कि दो दिवसीय इस कार्यक्रम में प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े सभी हितधारकों के साथ बैस्ट प्रैक्टिसिज पर विचार विमर्श करते हुए एक्शन प्लान बनाने की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इसके साथ ही, इस कार्यक्रम में हितधारकों से प्राप्त अच्छे सुझावों को भी इस प्लान में शामिल किया जाएगा। कार्यक्रम में कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के चेयरपर्सन डा. एम एम कुट्टी ने एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर एक्शन प्लॉन का फ्रेमवर्क तैयार करने , लोगों में जागरूकता लाने, हितधारकों से जुड़े विषयों सहित कई अन्य मुद्दो पर अपने विचार रखे। इसके अलावा , कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के सदस्य सचिव अरविंद नौटियाल ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन पी राघवेन्द्र राव, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के चेयरपर्सन डा. एम एम कुट्टी, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के सदस्य सचिव अरविंद नौटियाल, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सचिव लीना नंदन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से अतिरिक्त सचिव नरेश पाल गंगवा व सीपीसीबी के चेयरमैन तन्मय कुमार उपस्थित रहे।

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