अदानी को चाहिए सिर्फ 800 मल्टी एक्सेल ट्रक, अल्ट्राटेक ने भी भाड़ा कम करने को दिया नोटिस
अदानी को चाहिए सिर्फ 800 मल्टी एक्सेल ट्रक, अल्ट्राटेक ने भी भाड़ा कम करने को दिया नोटिस
आज उद्योग मंत्री की अध्यक्षता में होगी अहम बैठक
सीमेंट उद्योगों एसीसी और अंबुजा के बंद होने के बाद एक महीने से चल रहा विवाद के हल होने के बजाय और उलझने का खतरा है। एक तरफ शुक्रवार को उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई है और दूसरी तरफ अदानी की नई शर्तों ने मुश्किल में डाल दिया है। नया माल भाड़ा तय करने के लिए राज्य सरकार ने हाई कोर्ट द्वारा बनाई गई हाई पावर कमेटी को काम दिया था। ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी की अध्यक्षता वाली इस कमेटी ने आगे सब-कमेटी बनाकर रेट तय करने का काम तीन विभागों के निदेशकों को दिया था। इसमें डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट, डायरेक्टर उद्योग और डायरेक्टर सिविल सप्लाई को बैठक करने को कहा था। बाद में हिमकॉन से माल भाड़े पर पूरी रिपोर्ट मांगी गई।
रिपोर्ट आने के बाद भी अभी तक रेट फाइनल नहीं हो पाया है। इसकी वजह यह है कि एसीसी और अंबुजा में मालभाड़ा 11 रुपए से ज्यादा था, जबकि हाई कोर्ट की कमेटी को दिए गए फार्मूले में यह रेट नौ रुपए तक भी नहीं पहुंच रहा था। फिर कुछ नए फैक्टर को जोड़ते हुए इसे बनाया गया था, लेकिन इससे पहले कि मामला हल होता, एसीसी और अंबुजा उद्योगों को चलाने वाली अदानी कंपनी ने कुछ नई शर्र्तंे रख दींं। राज्य सरकार को भेजे गए पत्र में अदानी ने कहा है कि वह सिर्फ 800 मल्टी एक्सेल ट्रक ही यूज करना चाहता है। पुराने ट्रक राज्य के पर्यावरण को खराब कर रहे हैं ।
सीमेंट का उत्पादन कम हो रहा है, इसलिए ट्रक भी कम चाहिएं। कंपनी ने यह ऑफर भी दिया है कि यदि ऑपरेटर सहमत हों, तो वह ट्रकों को ही खरीद सकते हैं, लेकिन ज्यादा मालभाड़े पर सीमेंट प्लांट शुरू नहीं होंगे।
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