म्हारे अंगना में आई है एक नन्ही सी-प्यारी सी परी
म्हारे अंगना में आई है एक नन्ही सी-प्यारी सी परी
दादी मूर्ति के परिवार में 4 दशक बाद कन्या का जन्म
नन्ही सी परी कायरा अपने माता पिता की पहली संतान
90 वर्षीय दादी मूर्ति की आंखो में खुशी के आसूं छलके
फतह सिंह उजाला
पटौदी। गांव ख्वासपुर में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के सपने को साकार करते हुए एक परिवार ने बेटी जन्म पर कुआ पूजन किया गया। नवजात कन्या के कुआं पूजन समारोह में पहुंचे लोगों ने लम्बी आयु का आर्शिवाद दिया और परिवार के सदस्यों को बधाई दी ।
पडपोत्री कायरा यादव के जन्म की खुशी में 90 वर्षीय दादी मूर्ति यादव की आंखो से आसूं छलक उठे । उसने कहा कि यह नारी जाति के लिए स्वर्ण युग है, जो उन्हे जन्म पर सम्मान , उत्सव आयोजन, शिक्षा, समानता का अधिकार मिल रहा है। हमारे समय में बेटियों के जन्म पर घर में सन्नाटा छा जाता था । कुआं पूजन तो दूर बेटी की मां की सही से देखभाल भी नही हो पाती थी । सास भी ताने मारती थी। लेकिन सरकार ने बेटियो को समानता का अधिकार देकर बेटियों का भाग्य ही बदल दिया है । आज बेटियों का जन्म वरदान समक्ष कर उसकी परवरीस की जाती है। बेटियों ने भी अपने फर्ज को निभाने में कोई कोर कसर नही छोड रखी है, शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान, सुरक्षा, खेल, राजनीति आदि क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड कर देश, प्रदेश और समाज का गौरव बढ़ाया है ।
बतां दे कि गांव ख्वासपुर के रामवीर यादव के बेटे राजेश यादव व पुत्रवधु वर्षा के घर 16 अकटूबर को पौत्री कायरा यादव का जन्म हुआ। घर में करीब चार दशक बाद बेटी कन्या के जन्म से पूरा परिवार खुशी मना रहा है । परिजनो ने कुआ पूजन करते हुए नई मिसाल पेश की। कायरा अपने माता पिता की पहली संतान है ।
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