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क्लीन इंडिया अभियान, वाटर सप्लाई बूस्टर के सामने गंदगी के अंबार

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क्लीन इंडिया अभियान, वाटर सप्लाई बूस्टर के सामने गंदगी के अंबार

जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग पटौदी के अधिकारी भी परेशान

पटौदी शहर को शुद्ध और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना चुनौती

मोती डूंगरी बूस्टर स्टेशन के सामने ही बना है कूड़ा डंपिंग यार्ड

पटौदी शहर का तमाम प्रकार का कूड़ा करकट यही होता है डंप

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 क्लीन इंडिया अभियान । पटौदी शहर में ही जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के लिए परेशानी बनता जा रहा है । इसका मुख्य कारण है पटौदी शहर में जिस स्थान से पीने के पानी की आपूर्ति की जाती है , उसी मोती डूंगरी बूस्टर स्टेशन के सामने ही पटौदी नगर पालिका प्रशासन का कूड़ा डंपिंग यार्ड भी बनाया गया है । इस डंपिंग यार्ड में पटौदी नगर पालिका के तमाम वार्ड और सब्जी मंडी के साथ-साथ शहर के विभिन्न क्षेत्रों का कूड़ा करकट लाकर डाला जाने का सिलसिला बीते कई वर्षों से बना हुआ है ।

इस पूरे मामले में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग पटौदी के एक अधिकारी का कहना है कि बार-बार पटौदी नगर पालिका प्रशासन को कहने के बावजूद भी डंपिंग यार्ड परिसर से बाहर विभिन्न प्रकार का कूड़ा करकट लापरवाही के साथ में डाला जा रहा है । यहां डाले जा रहे कूड़े करकट में मृत पशु, मृतक पशुओं के अवशेष इत्यादि भी बड़ी संख्या में शामिल होते हैं । गौरतलब है कि पटौदी में शहर में ही मुस्लिम बहुल इलाकों में गोश्त बिक्री की दुकाने होने के साथ ही विभिन्न प्रकार के गोश्त के व्यवसाय के लिए मवेशियों का गोश्त निकाल कर भी आसपास के इलाकों में सप्लाई किया जाता है । ऐसे में मवेशियों के अवशेष, रक्त , हड्डियां, मास के बचे कुचे टुकड़े इत्यादि भी कूड़े करकट के ढेर के साथ पेयजल आपूर्ति वाले मोती डूंगरी बूस्टर के सामने बने डंपिंग यार्ड पर डाल दिए जाते हैं । मृतक पशुओं के अवशेषों को मांसाहारी जानवर अक्सर खींचकर या फिर मांसाहारी पक्षियों के द्वारा अपनी चोच और पंजों में लेकर उड़ते हुए आस-पास में ही छोड़ दिया जाता है ।

जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी के मुताबिक बदलते मौसम में शासन और प्रशासन के द्वारा बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए अभियान चलाने के साथ-साथ आम जनमानस को जागरूक भी किया जा रहा है। लेकिन बार-बार अनुरोध करने और पटौदी पालिका प्रशासन के संज्ञान में लाया जाने के बावजूद शहर का कूड़ा करकट जिसमें की मृतक पशुओं के अवशेष भी शामिल होते हैं, इस प्रकार के कूड़े करकट को डंपिंग यार्ड के अंदर दूर किसी एक कोने में डालने के लिए बिल्कुल भी गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है । ऐसे में पेयजल आपूर्ति के बूस्टर के आसपास का वातावरण दूषित होने के साथ-साथ हमेशा यही डर सताता रहता है कि पटौदी शहर के लोगों को किसी अनहोनी घटना की वजह से दूषित पेयजल की आपूर्ति होने की स्थिति में लोगों की सेहत के साथ भी खिलवाड़ होने से इनकार नहीं किया जा सकता है । इसके अलावा वैसे भी समय-समय पर पटोदी शहर की ही विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं मोती डूंगरी के पास बने हुए डंपिंग यार्ड जहां पर शहर का तमाम गीला और सूखा कूड़ा कचरा करकट इत्यादि डाला जा रहा है, इस से हो रही आम लोगों की परेशानी के स्थाई समाधान के लिए मांग करते आ रहे हैं । अब देखना यह है की स्वच्छ इंडिया अभियान को लेकर पटौदी पालिका प्रशासन किस प्रकार से और गंभीर होती जा रही समस्या के समाधान की जनहित में पहल करते हुए आम लोगों को राहत प्रदान कर सकेगा।
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