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इंद्रजीत  बोले मैं रिटायर नहीं होऊंगा, आरती राव की हुंकार लडूंगी चुनाव

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शहीदी दिवस पर पिता पुत्री की दो टूक

इंद्रजीत  बोले मैं रिटायर नहीं होऊंगा, आरती राव की हुंकार लडूंगी चुनाव

झज्जर के गांव पाटोदा के राव तुलाराम स्टेडियम में शहीदी दिवस मनाया

राव बोले जीवन में राजनीतिक दुश्मन नहीं बनाया, तो फिर क्या कमाया

राव इंद्रजीत बोले जिस थाली में खाता हूं उस थाली में छेद नहीं करता

नेता दो तरह के पैराशूट से थोपे जाते दूसरे नीचे से ऊपर जनता उठाती

राव की खरी खरी भाजपा व भाजपा नेता क्षेत्र विशेष में सिमटकर रह गए

फतह सिंह उजाला
पाटोदा/गुरुग्राम । 1857 के अमर शहीद राव तुला राम की याद में शहीदी दिवस समारोह के मंच से अहीरवाल के दिग्गज केंद्र में मोदी मंत्रिमंडल में वजीर राव इंदरजीत सिंह और उनकी पुत्री प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी की सदस्या आरती राव के तेवर अलग ही अंदाज में दिखाई दिए। राव इंदरजीत सिंह इस शहीदी दिवस समारोह के मंच से एक प्रकार से जो वह संदेश देना चाहते थे, भारतीय जनता पार्टी को भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की मौजूदगी में साफ साफ शब्दों में सुना दिया। इतना ही नहीं मंच से राव इंद्रजीत सिंह की पुत्री आरती राव ने भी बेबाक तरीके से हुंकार भरते हुए कहा कि वह चुनाव अवश्य लड़ेगी । यह वक्त तय करेगा कब और कहां से मैं चुनाव लड़ूगी। लेकिन मेरा वादा है चुनाव अवश्य लडूंगी।

अहीरवाल से पहले सीएम बनने वाले स्व, राव बिरेंद्र सिंह के निर्वाचन क्षेत्र पटौदी के साथ लगते झज्जर जिला के गांव पाटोदा में शहीद राव तुलाराम स्टेडियम में आयोजित शहीदी दिवस समारोह के मौके पर यहां पहुंचने पर राव इंद्रजीत सिंह ने शहीद राव तुलाराम की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के साथ-साथ अन्य शहीदों के चित्रों पर भी पुष्पांजलि अर्पित की। जब से अहीरवाल क्षेत्र पटौदी हलके के ही गांव जमालपुर के निवासी भूपेंद्र यादव को केंद्र में मोदी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है और भाजपा के द्वारा भूपेंद्र यादव का राजस्थान तक अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया जाने के बाद राजनीति क्षेत्रों में कयास लगाए जाने अरंभ हो गए की दक्षिणी हरियाणा अहीरवाल में राव इंद्रजीत सिंह के मुकाबिल नेता को भाजपा के द्वारा मैदान में उतारा जा चुका है । इसके जवाब में गुरुवार को पाटोदा के राव तुलाराम स्टेडियम में राव इंद्रजीत सिंह ने अपने संबोधन के आरंभ में ही इस बात पर विशेष बल दिया कि अपना भाषण समाप्त करने से पहले अंत में 5 मिनट अपने मन की बात अवश्य बोलूंगा और मन की बात सुनने के लिए पंडाल से बाहर जितने भी लोग-समर्थक मौजूद हैं वह सभी पंडाल में पहुंच जाएं ।

अपने मन की बात कहते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने कहा हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी को 1999 कारगिल युद्ध के बाद पहली बार लोकसभा की सभी सीटें 10 की 10 प्राप्त हुई थी । इसके बाद पीएम मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी को हरियाणा से सभी 10 सीटें प्राप्त होने का सौभाग्य मिला है । इसके साथ ही उन्होंने कहा बीते लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में नारा दिया गया अबकी बार 75 के पार और ऐसा लग रहा था कि शायद 80 सीटें भी मिल जाएं । राव इंद्रजीत सिंह ने साफ-साफ कहा सीएम खट्टर के नेतृत्व की वजह से हरियाणा में भाजपा को 50 प्रतिशत सीटें भी नहीं मिल सकी । राव इंद्रजीत सिंह ने कहा मैं जिस थाली में खाता हूं , उस थाली में छेद नहीं करता । भाजपा का एमपी हूं और पीएम मोदी की सरकार में वजीर भी हूं । उन्होंने मंच से भारतीय जनता पार्टी को संदेश देते हुए कहा की मैं इस सटेज पर खड़ा होकर कुछ नहीं मांगूंगा । पार्टी से मुझे बहुत कुछ मिल चुका है । मेरी इज्जत अहीरवाल की इज्जत और अहीरवाल की इज्जत मेरी इज्जत है । उन्होंने कहा 2014 में जब पहली बार नरेंद्र मोदी पीएम बने तो हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी को 47 सीटें प्राप्त हुई थी । जिस इलाके में कभी कांग्रेस की तूती बोलती थी , उसी इलाके में जनता ने कांग्रेस को बुरी तरह से लुढ़का दिया । इसके बाद दूसरी बार हुए विधानसभा चुनाव में अबकी बार 75 के पार नारा लगाने वाले गफलत में मारे गए, अहीरवाल में भी सीटें भाजपा के खाते में कम ही रह गई ।

उन्होंने बिना किसी नेता का नाम लिए कहा कि आज भाजपा और भाजपा के नेता एक अलग ही क्षेत्र में सिमट कर रह गए हैं । राव इंद्रजीत सिंह ने शहीदी दिवस समारोह आयोजन के लिए आयोजकों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि शहीदी दिवस के लिए आज के राजनीतिक माहौल को देखते हुए बिल्कुल सही स्थान का चयन किया गया है । राव इंद्रजीत सिंह ने मंच से यह बात भी कही की किसानों से भी बात करनी चाहिए , समय बदल रहा है । किसान का बेटा भी पेटी की नौकरी अर्थात सेना में या अन्य सुरक्षा बलों में बड़ी संख्या में कार्यरत हैं । मैं भी एक फौजी का ही बेटा हूं , राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि मैं जलसे से नहीं करूंगा तो फिर जलसे करेगा कौन ? उन्होंने इशारे इशारे में पंडाल में मौजूद समर्थकों से कहा कि जितना हमारा योगदान रहा है , क्या उतना इनाम अथवा हक हमें मिला है ? यह फैसला जनता को करना है । ऊपर वाले के यहां देर है , अंधेर नहीं है । भारतीय जनता पार्टी और पार्टी के नेताओं को एक क्षेत्र विशेष से बाहर निकल कर बाहर काम करना होगा ।

राव इंद्रजीत सिंह ने कहा की मेरे दुश्मन मेरे बारे में कहते हैं कि मैं 70 वर्ष का हो चुका , मुझे रिटायर हो जाना चाहिए । उन्होंने बिना किसी का नाम लिए राव तुलाराम शहीदी दिवस समारोह के मंच से साफ साफ शब्दों में भारतीय जनता पार्टी को संदेश देते हुए कहा की मैं रिटायर होने वाला नहीं हूं। मैं क्यों रिटायरमेंट ले हूं , मेरी सेहत ठीक है सोचने समझने की क्षमता बेहतर है ब्लड प्रेशर की बीमारी नहीं मेरे को मिर्गी नहीं और तो और किसी भी 50 वर्ष वाले के साथ मेरी दौड़ करवा लो तो भी मैं हारने वाला नहीं। उन्होंने मंच से ही बिना नाम लिए कहा कि मैं औरत और अपाहिज के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई अथवा चुनाव नहीं लड़ता । अभी 3 वर्ष चुनाव में बाकी है , जो लोग यह सोचते हैं कि मैं रिटायर हो जाऊंगा ऐसे लोगों को अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा । राव इंद्रजीत सिंह ने इसी मंच से कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि नेता कैसे बनते हैं और बनाए जाते हैं ? इस बात पर भी लोगों को विचार करना चाहिए । समझने वाले समझ गए , राव इंद्रजीत का इशारा कहां और किस तरफ था ।

उन्होंने कहा एक नेता वह होते हैं जिन्हें पार्टी पैराशूट से उतारकर नेता बनाती है, दूसरे नेता वह होते हैं जिन्हें आम जनता जमीन से उठाकर ऊपर ले जाते हुए नेता बनाती है। नेता कितनी मुश्किल और मेहनत से बनते हैं यह जानना और समझना भी सभी के बस की बात नहीं है । उन्होंने कहा 40 साल दादा 40 साल पिता और 40 साल मैंने राजनीति की है । आज जनता मेरे को राजा कहकर बुलाती है , लेकिन यह भी याद रखना चाहिए राजाशाही तो अंग्रेजों के समय में ही समाप्त हो चुकी है । आम जनता और समर्थकों के द्वारा जो मुझे राजा कहकर बुलाया जाता है वह सब समर्थकों और जनता का मेरे पूर्वजों के प्रति प्यार है, विश्वास है । हम जनता की आवाज उठाते हैं , सत्ता और मंच किसी का भी हो जनता के साथ में भेदभाव कर सकते हैं और ना ही जनता को धोखा दे सकते हैं । राव इंद्रजीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मैं उन बातों को नहीं दोहराउंगा जो मेरे से पहले वक्ता कह चुके हैं । उन्होंने कहा अपनी राजनीति चमकाने और जमाने के लिए अहीरवाल और मेवात को दो हिस्सों में बांट दिया गया । हकीकत यह है कि 1857 में आजादी के संघर्ष में जितना संघर्ष अहीरवाल के योद्धाओं के द्वारा किया गया उतना ही बलिदान मेवातीयों के द्वारा भी दिया गया है । 1857 से लेकर आज तक जितने भी युद्ध और लड़ाई हुई हैं, जितना बलिदान हिंदुओं ने दिया है उतना ही बलिदान निवासियों के द्वारा भी दिया गया है ।
राव इंद्रजीत सिंह ने कहा 1947 में कश्मीर भी हाथ से निकल रहा था । इसके बाद जो कुछ हुआ और होता रहा देश और दुनिया ने देखा ,समझा। जम्मू कश्मीर में दो झंडे जो लहराते थे, केंद्र में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद एकमात्र तिरंगा झंडा फहराने की व्यवस्था सहित आजादी उपलब्ध करवा दी है । तिरंगा हवा के झोंके से नहीं शहीद हुए सैनिकों और बलिदान क्योंकि सांसो की बदौलत फहराता है। राव इंदरजीत सिंह ने कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय सेना के हाथ बांध दिए गए थे। सेना ने एक हाथ से लड़ाई लड़ी, सेना को साफ निर्देश थे कि पाकिस्तान की सीमा में नहीं घुसना है। लेकिन कारगिल की चोटियों पर तिरंगा फहरा कर विजय प्राप्त करनी है , यह भी निर्देश थे कि एयर फोर्स का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा । इतना सब होने के बाद जो भी जांबाज सैनिकों ने अपना सर्वाेच्च बलिदान देकर कारगिल की दुर्गम चोटियों पर तिरंगा झंडा फहराते हुए कारगिल पर विजय हासिल कर ली। आज यह बात सभी को सोचनी चाहिए कि राजनेताओं ने कब और कितने सही फैसले लिए । राव इंद्रजीत सिंह ने अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जिक्र करते हुए कहा कि बेशक से लाल बहादुर शास्त्री 18 महीने ही पीएम रहे । केवल मात्र शास्त्री जी ने हीं सोचा की सीमा की रक्षा और हमारी हिफाजत करने वाले का पेट केवल और केवल किसान ही भरता है । इसीलिए उन्होंने जय जवान और जय किसान का नारा दिया । किसान का बेटा यदि सेना में भर्ती होकर सीमा पर तैनात ना हो तो देश में क्या हालात बन सकते हैं ? इस बात पर भी गंभीरता से चिंतन मंथन करने की जरूरत है ।

इसी मौके पर भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी की सदस्या और केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की पुत्री आरती राव ने बेशक से लिखा हुआ भाषण पढ़ा । अपने संबोधन में उन्होंने 1857 से लेकर कारगिल युद्ध तक जिक्र करते हुए तमाम सैनिकों सहित अन्य सुरक्षा बलों की शहादत को नमन किया।  आरती राव ने कहा मेरे दादा स्वर्गीय राव बिरेंदर सिंह फौज में कप्तान थे । जनता और क्षेत्र की हक हकूक की आवाज उठाने वाले शेर की तरह दहाड़ने वाले आज केवल मात्र राव इंद्रजीत सिंह ही सामने दिखाई दे रहे हैं । आरती राव ने बिना किसी का नाम लिए कटाक्ष भरे शब्दों में कहा कि आज यहां उमड़ी भीड़ को देखकर विरोधी दल के नेताओं के सीने में आग लग रही होगी । तमाम विरोधी नेता मेंढक की तरह उछलकर तरह-तरह की बातें बनाते आ रहे  की क्या राव इंद्रजीत सिंह की पीठ बांस की बनी हुई है। राव इंद्रजीत सिंह की रीड की हड्डी फौलाद की बनी हुई है और यह फौलाद सामने बैठी जनता और तमाम समर्थक है । आरती राव ने तेवर दिखाते हुए कहा कि आज विरोधियों के भी हाथ-पांव भी कांप रहे होंगे दिल की धड़कने बेकाबू होंगी। लेकिन असली लड़ाई तो अब शुरू हुई है, आरती राव ने खुले मंच से दावा किया कि वह चुनाव अवश्य हर हालत में लड़ेगी । चुनाव कहां से लड़ा जाएगा यह सब भी वक्त ही तय करेगा।

पाटोदा के राव तुलाराम स्टेडियम में आयोजित शहीदी दिवस समारोह के मौके पर शहीद परिवारों के परिजनों को भी सम्मानित किया गया । इस मौके पर आयोजन के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा की झज्जर और अहीरवाल के अमर शहीद राव तुला राम के परिवार बीच में खून का रिश्ता बना हुआ है। राव तुला राम के साथ ही झज्जर के भी अनेक युवाओं ने 1857 के युद्ध में अपनी शहादत दी है । उन्होंने कहा राव इंद्रजीत सिंह की पहचान बेबाक तरीके से सीधी सीधी बात करने के लिए ही कायम है । इस समारोह में राज्यसभा सदस्य जंनरल राज्यसभा सांसद डीपी वत्स, सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह, सांसद रमेश कौशिक, सांसद डॉ अरविंद शर्मा के अलावा प्रदेश के मंत्री और एमएलए में डॉ बनवारी लाल, ओम प्रकाश यादव, लक्ष्मण सिंह यादव, पूर्व एमएलए विमला चौधरी, जसवंत सिंह, छत्रपाल सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति और नेता मौजूद रहे।

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