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गुरुग्राम पुलिस द्वारा शहीद साथी पुलिस कर्मियों की याद में पौधरोपण

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गुरुग्राम पुलिस द्वारा शहीद साथी पुलिस कर्मियों की याद में पौधरोपण

पुलिस स्मृति दिवस सप्ताह के तहत आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला

शहीदों के सम्मान में उनकी प्रतिमाओं पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी जाएगी

पुलिस टीमों द्वारा यह पौधारोपण कार्यक्रम शहीदों की याद में आयोजित

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम: 23 अक्टूबर । अपनी ड्यूटी व कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हुए शहीद हुए पुलिसकर्मियों/अधिकारियों के सम्मान में पूरे भारत मे 21 अक्टूबर के दिन को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। पुलिस महानिदेशक हरियाणा के निर्देशानुसार गुरुग्राम पुलिस द्वारस 21 अक्टूबर 2025 (पुलिस स्मृति दिवस) से 31 अक्टूबर 2025 (राष्ट्रीय एकता दिवस) तक शहीदों के सम्मान में उनके जन्म स्थान पर जाकर उनकी प्रतिमाओं पर पुष्प/फूलमाला अर्पित करके उन्हें श्रद्धाजंलि दी जाएगी तथा शहीदों की याद में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें खेल प्रतियोगिताएं, हेल्थ चेकअप कैम्प, पौधरोपण, पुलिस-बैंड-शो, देशप्रेम पर आधारित मूवी शो व वैपन एग्जीबिशन इत्यादि शामिल है। इसी कड़ी में गुरुवार को गुरुग्राम पुलिस की विभिन्न टीमों द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में पौधारोपण किया गया। पुलिस टीमों द्वारा यह पौधारोपण कार्यक्रम शहीदों की याद में आयोजित किया गया और इस आयोजन में गुरुग्राम की सभी पुलिस टीमों में बढ़-चढ़कर भाग लिया।

क्यों मनाया जाता है पुलिस शहीदी दिवस

गौरतबल है कि 21 अक्तूबर 1959 को भारत-तिब्बत सीमा पर लद्दाख के क्षेत्र में केन्द्रीय रिर्जव पुलिस बल के दस जवान सीमा पर गश्त करते समय चीनी सैनिकों द्वारा घात लगा कर किए गए हमले का शिकार हुए थे। तभी से 21 अक्तूबर को पुलिस शहीदी दिवस के रूप में मनाने की परम्परा आरम्भ हुई थी। तब से आज तक देश में 33241 पुलिसकर्मियों ने कर्त्तव्य की वेदी पर सर्वोच्च बलिदान दिया है। इन वीर सपूतों की कर्मभूमि कश्मीर की पहाड़ियों से लेकर नागालैंड और मणिपुर के घने जंगलों तक व चम्बल के बीहड़ों से लेकर कच्छ के रण तक रही है। इन्होंने हर समय आतंकवादियों, उग्रवादियों, अपराधियों व असमाजिक तत्वों से निपटते हुए भारत के जनमानस और भारत माता की सेवा की है। इनमें केन्द्र पुलिस संगठन के तहत कार्यरत बल जैसे भारत तिब्बत सीमा बल, सी.आर.पी.एफ., सी.आई.एस.एफ. तथा बी.एस.एफ. के जवान भी शामिल हैं।

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