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सरकारी रेट 2775, लेकिन सरकारी एजेंसी 2200 रुपए क्विंटल खरीद रही बाजरा

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सरकारी रेट 2775, लेकिन सरकारी एजेंसी 2200 रुपए क्विंटल खरीद रही बाजरा

सरकार ने  भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत 575 रुपया भुगतान घोषित किया

अहिरवाल क्षेत्र के किसानों की नगदी बिक्री वाली बाजरा की अहम फसल

प्रति किवंटल 2200 के स्थान पर 1950 से 2050 में प्राइवेट खरीद विश्वासघात

फतह सिंह उजाला

जाटोली अनाज मंडी।सबसे बड़ी अनाज मंडी में शामिल जाटौली अनाज मंडी में क्षेत्र के किसानों के साथ खुली लूट हो रही है। केंद्र सरकार ने बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2775 प्रति किवंटल तय किया है। सरकारी एजेंसियों द्वारा 2200 रुपये प्रति क्विंटल खरीद का निर्णय हुआ है। सरकार ने  भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत 575 रुपया घोषित किया है, लेकिन हकीकत यह है कि किसानों का बाजरा मूल्य 2200 की बजाय प्राइवेट खरीद के माध्यम से 1950 से 2050 रुपये प्रति क्विंटल में लूट रहा है। अन्नदाता को 250 से 150 रुपया प्रति किवंटल का सीधा नुक्सान हो रहा है। यह अन्नदाता के साथ विश्वासघात और लूट का प्रत्यक्ष उदाहरण है। यह गंभीर आरोप भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुखबीर  तंवर ने जाटौली अनाज मंडी पहुंचकर बाजरा खरीद का जायजा लेकर किसानों से बातचीत करते हुए लगाया।

72 घंटे में भुगतान का दावा जुमला साबित

सुखबीर तंवर ने कहा कि मंडियों में हालात इतने खराब हैं कि किसान अपनी फसल लेकर घंटों नहीं बल्कि कई कई दिन अपने बाजरे को लेकर मंडी में खड़े रहने को मजबूर है। तौल की मशीनें पर्याप्त नहीं हैं। 72 घंटे में भुगतान का दावा जुमला साबित हो रहा है।उन्होंने कहा कि बाजरा बिक्री में धांधली और लूट चरम पर है। अन्नदाता को बाजरा आढ़तियों और दलालों को बेचने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। सरकार कुंभकर्णी  नींद में सो रही है। संरक्षण में हो रहा है।भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मांग है की बाजरा की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सुनिश्चित की जाये। अन्नदाता की मजबूरी का फायदा उठाकर मंडियों से कालाबाज़ारी और शोषण अविलम्ब बंद होना चाहिये। इस अवसर पर आढ़ती, मंडी अधिकारी, सत्यनारायण सरपंच, कुलदीप भारद्वाज, प्रदीप पंडित, महेश यादव,  एवं किसान उपस्थित थे।

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