10 फर्जी सट्टेबाजी ऐप से करोड़ों का घोटाला, चार सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स गिरफ्तार
हैदराबाद: साइबराबाद पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ने साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. हजारों तेलुगु युवाओं को निशाना बनाकर विदेश से संचालित फर्जी सट्टेबाजी ऐप और वेबसाइट को बढ़ावा देने के आरोप में चार सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि साइबर अपराधियों ने इन इंफ्लुएंसर्स के जरिये सिर्फ 2.75 करोड़ रुपये कमाए.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर चिन्नमसेट्टी नागराकेश, पोट्टावत्तिनी दीपक, गुगुलोथ श्रीराम नायक और हेमंत कुमार ने मैच फिक्सिंग भविष्यवाणियों और टॉस फिक्सिंग टिप्स के दावों के साथ लोगों को फर्जी सट्टेबाजी प्लेटफार्मों में शामिल होने के लिए लुभाने के लिए इंस्टाग्राम रील्स और टेलीग्राम चैनलों का इस्तेमाल किया.
आरोपियों ने कैसे की धोखाधड़ी?
अधिकारियों के अनुसार, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के साथ मिलकर आरोपियों ने 10 फर्जी सट्टेबाजी ऐप और वेबसाइटों के जरिये लोगों के साथ धोखाधड़ी की और इस फर्जी एप और वेबसाइटों को विदेश से संचालित किया जाता था. आरोपी इंफ्लुएंसर्स ने इंस्टाग्राम पर रील और प्रचार सामग्री साझा की और दावा किया कि उनके पास सट्टेबाजी गेम के नतीजों की अंदरूनी जानकारी है. इन रील्स के कमेंट बॉक्स में दिए गए लिंक पर क्लिक करने से यूजर्स टेलीग्राम पर बने ग्रुप्स में चले जाते थे, जहां आगे के निर्देश और ऐप इंस्टॉलेशन के लिए APK फाइलें साझा की जाती थीं.
उन्होंने कहा कि शुरुआत में, छोटी रकम दांव पर लगाने वाले यूजर्स को उनका विश्वास जीतने के लिए फौरन रिटर्न दिखाया जाता था. एक बार जब भरोसा बन जाता था, तो यूजर्स को बड़ी रकम दांव पर लगाने के लिए राजी किया जाता था, जिसके बाद साइबर अपराधी उन्हें हारने के लिए परिणामों में हेरफेर करते थे. फिर इन पैसों को म्यूल अकाउंट (अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बैंक खाते) के माध्यम से भेजा जाता था, क्रिप्टोकरेंसी में बदला जाता था, या अन्य बेनामी खातों में भेजा जाता था.
आरोपियों की कमाई
नागराकेश: ₹1.7 करोड़
दीपक: ₹55 लाख
श्रीराम नायक: ₹30 लाख
हेमंत कुमार: ₹20 लाख
पुलिस के मुताबिक आरोपी इंफ्लुएंसर्स ने ये सारी रकम सिर्फ प्रमोशन और टेलीग्राम ग्रुप चलाने के जरिये अर्जित की थी, जबकि आरोपियों को इन प्लेटफॉर्म्स की धोखाधड़ी के बारे में पहले से पता था.
कुतुबुल्लापुर के एक युवक को दो साल पहले ऐसी ही एक रील मिली थी. वह आरोपी द्वारा चलाए जा रहे एक टेलीग्राम ग्रुप में शामिल हो गया और दो शुरुआती सफल दांवों से प्रभावित होकर, केवल 10 दिनों में 50 लाख रुपये हार गया. भोपाल के उसके दोस्त कुलवंत सिंह ने भी 60 लाख रुपये गंवाए और बढ़ते कर्ज के दबाव के कारण 6 दिसंबर, 2023 को उसने आत्महत्या कर ली.
10 मोबाइल फोन और अन्य सामान जब्त
हैदराबाद से सटे मेडचल-मलकाजगिरि जिले के कुतुबुल्लापुर क्षेत्र के युवक की शिकायत के आधार पर साइबराबाद कमिश्नरेट के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया. इंस्पेक्टर शंकरैया के नेतृत्व में जांच के बाद चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने साइबर ठगी में इस्तेमाल किए गए 10 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 5 डेबिट कार्ड और बैंक पासबुक जब्त कर लिए हैं.
साइबर क्राइम की डीसीपी साई श्री ने पुष्टि की कि 10 फर्जी सट्टेबाजी वेबसाइटों की पहचान की गई है और उन्हें ब्लॉक करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. डीसीपी ने लोगों से सतर्क रहने और सोशल मीडिया रील और टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से प्रचारित सट्टेबाजी ऐप के झांसे में आने से बचने की अपील की. उन्होंने कहा, “सट्टेबाजी गेम के जरिये आसानी से पैसे कमाने पर विश्वास न करें, उनमें से अधिकांश घोटाले के लिए विदेश में संगठित गिरोहों द्वारा चलाए जा रहे हैं, जो स्थानीय सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को प्रमोटर के रूप में इस्तेमाल करते हैं.