बिहार में दर्दनाक हादसा! मजदूर पर 11 हजार वोल्ट का बिजली तार गिरने से सिर धड़ से अलग
कैमूर: बिहार के कैमूर जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. मजदूरी के लिए साइकिल से जा रहे 35 वर्षीय राजेंद्र राम की 11 हजार वोल्ट के हाई वोल्टेज तार के चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई. हादसा इतना भयानक था कि तार के संपर्क में आते ही राजेंद्र का सिर धड़ से अलग हो गया और उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप: मृतक चैनपुर थाना क्षेत्र के रूपापट्टी गांव निवासी राजबली राम का पुत्र बताया जा रहा है. मृतक के भाई विनोद कुमार ने बताया कि राजेंद्र सुबह अपने दोस्त के साथ मजदूरी के लिए निकले थे. इसी दौरान स्कूल के पास अचानक बिजली का तार टूटकर उन पर गिर गया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. परिजनों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है.
“घटना की सूचना तुरंत बिजली विभाग को दी गई, लेकिन चार घंटे बीत जाने के बाद भी विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची. इस लापरवाही के लिए हम बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुए मुआवजे की मांग कर रहे हैं.” -विनोद कुमार, मृतक के भाई
पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा: घटना की सूचना मिलते ही चैनपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भभुआ सदर अस्पताल भेजा दिया. पुलिस ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है और हादसे के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली विभाग की ओर से तारों की नियमित जांच और रख-रखाव की कमी इस हादसे का कारण हो सकती है.
नेताओं ने की मुआवजे की मांग: भभुआ नगर परिषद सभापति व बसपा नेता विकास तिवारी उर्फ बब्लू तिवारी ने घटनास्थल का दौरा किया और मृतक के परिजनों से मुलाकात की. बताया कि उनकी बिजली विभाग के एसडीओ से बात हुई है, जिन्होंने मृतक के परिवार को सरकारी मुआवजा देने का आश्वासन दिया है. तिवारी ने इस हादसे को बिजली विभाग की घोर लापरवाही का परिणाम बताया.
“हादसा इतना भयावह था कि घटनास्थल पर ही राजेंद्र का सिर धड़ से अलग हो गया. मेरी बात बिजली विभाग के एसडीओ से हुई है, उनके द्वारा मृतक के परिजनों को सरकारी मुआवजा देने की बात कही गई है.”-विकास तिवारी, भभुआ नगर परिषद सभापति
अधर में मासूम बच्चों का भविष्य: बता दें कि इस हादसे ने राजेंद्र राम के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है. मृतक के 10 वर्षीय बेटी और 8 वर्षीय बेटे का भविष्य अब अनिश्चितता के भंवर में है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और पूरे गांव में मातम का माहौल है. जनप्रतिनिधि ने प्रशासन से आर्थिक मदद करने की गुहार लगायी है.
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