Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.
Rajni

आर्टेमिस हॉस्पिटल्स में  इंडो-यूके कफ सिंपोजियम का सफलतापूर्वक आयोजन

7

आर्टेमिस हॉस्पिटल्स में  इंडो-यूके कफ सिंपोजियम का सफलतापूर्वक आयोजन

रेस्पिरेटरी हेल्थ के वैश्विक विशेषज्ञों ने की एक मंच पर स्वास्थ्य विषयों पर चर्चा

पुरानी खांसी की जांच,  समाधान को लेकर  अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ को बढ़ावा दिया

विशेषज्ञों ने अपनी जानकारी एवं अनुभव से इस सिंपोजियम को सार्थक बनाया

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम। बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए विख्यात आर्टेमिस हॉस्पिटल्स द्वारा पहले इंडो-यूके कफ सिंपोजियम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में भारत, यूके सहित अन्य चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल हुए और स्वास्थ्य विषयों पर चर्चा की। आर्टेमिस हॉस्पिटल्स के ग्रुप हेड सेल्स एंड मार्किटिंग असगर अली ने बताया कि आयोजन में क्रोनिक कफ (पुरानी खांसी) की जांच एवं उसके समाधान को लेकर विस्तृत चर्चा हुई और रेस्पिरेटरी मेडिसिन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ को बढ़ावा दिया। 

कार्यक्रम में रॉयल ब्रॉम्प्टन हॉस्पिटल के रेस्पिरेटरी फिजिशियन प्रो. जेम्स हल और इंपीरियल कॉलेज एनएचएस की ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. रोमना कुचाई सहित सर्जरी – ईएनटी हेड डॉ. शशिधर टीबी, रेस्पिरेटरी डिसीज एंड स्लीप मेडिसिन यूनिट 1 की यूनिट हेड एवं सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अरुण चौधरी कोटारू, रेस्पिरेटरी डिसीज एंड स्लीप मेडिसिन यूनिट 2 की सीनियर कंसल्टेंट एवं यूनिट हेड डॉ. श्वेता बंसल शामिल हुए। इन विशेषज्ञों ने अपनी जानकारी एवं अनुभव से इस सिंपोजियम को सार्थक बनाया। उन्होंने कफ रिसर्च के मामले में नवीनतम जानकारियों, इलाज के नए तरीकों और मरीजों की बेहतर देखभाल के तरीकों को साझा किया। डॉ. शशिधर टीबी ने क्रोनिक कफ के मामलों और बढ़ते एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) लेवल के बीच संबंध पर चर्चा की। 12 माह के दौरान डॉ. शशिधर और उनकी टीम ने एक्यूआई के बढ़ते स्तर के साथ-साथ लगातार खांसी वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी का अध्ययन किया। 

उन्होंने कहा कि पैटर्न एकदम साफ है। हवा की खराब गुणवत्ता से सांसों की दिक्कत होती है। यहां तक कि सामान्यत: स्वस्थ लोगों पर भी यह दुष्प्रभाव देखा गया है। उन्होंने कहा कि ये प्रमाण शहरों में वायु प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए नीति निर्माताओं, पर्यावरण विज्ञानियों और हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के साथ मिलकर काम करने की तत्काल जरूरत दिखा रहे हैं। डॉ. अरुण कोटारू ने कहा कि इंंडो-यूके कफ सिंपोजियम जानकारियों के आदान-प्रदान का उल्लेखनीय मंच है। इससे क्रोनिक कफ की जांच एवं उसके समाधान पर विभिन्न तकनीकों से अवगत होने का अवसर मिला है। इससे स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी लाभ मिलेगा। 

डॉ. श्वेता बंसल ने कहा कि एक परेशानी वाली स्थिति होने के बावजूद क्रोनिक कफ की अक्सर अनदेखी हो जाती है। इस सिंपोजियम से हमें शोध एवं क्लीनिकल प्रैक्टिस के बीच के अंतर को मिटाने में मदद मिली। सिंपोजियम में डिस्कशन, केस प्रजेंटेशन एवं इंटरैक्टिव सत्रों का आयोजन किया गया। असगर अली का कहना है कि आर्टेमिस हॉस्पिटल्स स्वास्थ्य सेवा के विकास के लिए मेडिकल एक्सीलेंस, इनोवेशन एवं वैश्विक गठजोड़ स्थापित करने के लिए समर्पित है।

Comments are closed.

Discover more from Theliveindia.co.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading