धर्म कर्म मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक टानिक – डॉ राजीव
आमलकी एकादशी के उपलक्ष पर हवन यज्ञ एवं भंडारा का आयोजन
डब्ल्यूआरवाई राजीव हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर पर कार्यक्रम
फतह सिंह उजाला
पटौदी । धर्म- कर्म अध्यात्म और चिकित्सा विज्ञान के बीच अपना एक अलग ही तारतम्य कहा जा सकता है। इसके लिए परिभाषा अलग-अलग और भिन्न लोगों के द्वारा विभिन्न प्रकार से की जा सकती है । जरूरत है इस प्रकार के आयोजन से प्राप्त होने वाले परिणाम को जानने की। सही मायने में धर्म-कर्म यज्ञ हवन धार्मिक अनुष्ठान का सीधा-सीधा मानसिक स्वास्थ्य से संबंध होने से इनकार नहीं किया जा सकता। इस प्रकार के आयोजन सही मायने में स्वास्थ्य के लिए एक प्रकार से टॉनिक का कार्य करते हैं । यह बात डब्ल्यूआरवाई राजीव हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड एवं ट्रामा सेंटर के निदेशक डॉ राजीव ने कही ।
फाल्गुन मास में श्री श्याम प्रभु के प्रति लोगों की अटूट आस्था श्रद्धा और आमलकी एकादशी को ध्यान में रखते अस्पताल परिसर में ही खाटू नरेश श्री श्याम को अर्पित यज्ञ हवन का आयोजन किया गया। इस मौके पर अस्पताल के सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा पर्यावरण की शुद्धि और मानसिक स्वास्थ्य के लिए मंत्र उच्चारण के बीच आहुतियां अर्पित की गई। हवन यज्ञ एवं हवन कुंड में आहुतियां अर्पित किया जाने के मौके पर बड़ी संख्या में श्याम प्रभु को समर्पित श्रद्धालु भी मौजूद रहे। इसी मौके पर श्रद्धालुओं के लिए भंडारा का प्रसाद भी वितरित किया गया। डॉ राजीव के मुताबिक चिकित्सा का क्षेत्र एक प्रकार से सेवा का ही क्षेत्र है। इस क्षेत्र में रहते हुए गरीब, जरूरतमंद और निसहाय लोगों की अपने समर्थ के मुताबिक चिकित्सा सेवा अवश्य करनी चाहिए। धर्म – कर्म किया जाने के साथ-साथ हवन यज्ञ में आहुतियां अर्पित किया जाने के परिणाम स्वरूप इंसानों में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता में भी बेहतर परिणाम देखने के लिए मिलते हैं।