साढ़े 5 हजार नर्सिंग कार्मिकों के प्रमोशन का रास्ता खुला:हाईकोर्ट ने करीब 2 साल बाद हटाया स्टे, 7 साल की सीनियरिटी और 5 साल के प्रमोशन का रास्ता साफ
जयपुर
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में नर्सिंग संवर्ग के करीब साढ़े 5 हजार से अधिक कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता खुल गया है। हाईकोर्ट ने करीब 2 साल पहले इस पर लगाई रोक को हटा लिया है। जस्टिस अनूप ढंड ने यह रोक सरकार की स्टे वेकेशन एप्लिकेशन पर सुनवाई करते हुए हटाई।
हाईकोर्ट ने अपने दो अलग-अलग आदेश 20 अप्रैल 2023 और 27 फरवरी 2024 से नर्सिंग संवर्ग की रिव्यू डीपीसी और डीपीसी पर रोक लगा दी थी। इससे नर्सिंग कर्मचारियों की पिछले 7 साल की सीनियारिटी और पिछले 5 साल के प्रमोशन अटक गए थे।
अब हाईकोर्ट ने रोक हटाते हुए सरकार को निर्देश दिए है कि वह याचिकाकर्ताओं के रिप्रजेंटेंशन को तीन हफ्ते में तय करें। वहीं, अन्य कर्मचारियों की सीनियारिटी और प्रमोशन तय करने पर किसी तरह की रोक नहीं रहेगी।
करीब 91 कर्मचारी पहुंचे थे कोर्ट
सरकारी वकील अर्चित बोहरा ने बताया- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने साल 2023 में 2013-14 से 2019-20 तक के कार्मिकों की रिव्यू डीपीसी और 2020-21 से 2022-23 के कार्मिकों की नियमित डीपीसी की बैठक की थी।
इसी बीच लगभग 20 कार्मिक यह कहते हुए कोर्ट चले गए कि डीपीसी में आरक्षण संबंधी नियमों की पालना नहीं की गई। इनकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 20 अप्रेल 2023 को प्रमोशन पर रोक लगा दी। वहीं, रिव्यू डीपीसी में जिन 71 कार्मिकों की सीनियारिटी क्रमांक में बदलाव हुआ। वो भी कोर्ट पहुंच गए। इस पर कोर्ट ने 27 फरवरी 2024 को सीनियारिटी प्रोसेस को भी रोक दिया।
नर्सिंग अधीक्षक और सीनियर नर्सिंग ऑफिसर पर अटके थे प्रमोशन
कोर्ट की रोक के बाद करीब 5,168 सीनियर नर्सिंग ऑफिसर सीनियारिटी प्रोसेस पर रोक की वजह से अपने अगले प्रमोशन जो कि नर्सिंग अधीक्षक के पद पर होना है। उसका इंतजार कर रहे हैं। वहीं, 784 नर्सिंग ऑफिसर सीनियर नर्सिंग ऑफिसर के पद पर पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। अब कोर्ट स्टे हटने के बाद इन कार्मिकों के प्रमोशन का रास्ता खुल गया हैं। इसके अलावा 2022-23 तक के प्रमोशन होने पर विभाग इसके आगे के सालों के प्रमोशन भी कर सकेगा।
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