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7 कुमाउं ने मनाई डायमंड जुबली

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7 कुमाउं ने मनाई डायमंड जुबली

प्रधान संपादक योगेश
कल 7 कुमाऊ रेजिमेन्ट की डायमंड जुबली पर कुंड में कृष्णा पैलेस में पूर्व सैनिकों के सैनिक सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें 7 कुमाऊ के पूर्व सैनिक राजस्थान से, पंजाब से, हरियाणा से दिल्ली, उत्तराखंड से काफी संख्या में पहुंचे हुए थे। 7 कुमाऊ के वरिष्ठ पूर्व सैनिक ने डॉ0 टी सी राव जो मुख्य अतिथि थे उनका तथा मेजर ईश्वर सिंह जाखड़ का पहुंचने पर सम्मान किया और उन्होंनें भी अपने सेवा के दौरान हांसिल किए गए तजुर्बे को सबसे साझा किया ।  7 कुमाऊ के बारे में काफी लोगो ने बताया कि 7 कुमाऊ का 01 सितम्बर 1962 को रानीखेत में गठन किया गया था। 1962 हिन्द-चीन युद्ध में भाग लेने के लिए 7 कुमाउॅ का गठन के तुरन्त बाद चाईना बॉडर पर भेज दिया गया था। उसके बाद सन् 1965 में हिन्द-पाकिस्तान की लड़ाई, सन् 1971 में हिदुस्तान-पाकिस्तान की लड़ाई और ऑपरेशन पवन जो श्रीलंका में शांति सेना का हिस्सा बनकर, कारिगल युद्ध तथा काउंटर इन्सरजैंसी-उत्तर पूर्व भाग तथा जम्मू कश्मीर में भी काफी सराहनीय कार्य किए है। 7 कुमाऊ का इतिहास एक उच्च कोटी का इतिहास है। जिसमें बलिदान, खेल तथा प्रशिक्षण के क्षेत्र में काफी उत्कृष्ठ प्रदर्शन देखने को मिला है। कैप्टन कन्हैया लाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि 7 कुमाऊ वो बटालियन है, जिसमें मेजर टी सी राव, सिपाही के रूप में भर्ती हो कर गए थे आज उनको कहां तक पहुंचा दिया । मेजर जाखड़ ने भी वन रैंक वन पैंशन के बारे में सभी जवानों को समझाया कि कैसे मेहनत करके कितनी भागदौड़ करके ये सरकार से हमनें हांसिल किया है। मेजर टी.सी. राव ने अपने संबोधन में जो सेवाएं दे चुके है पूर्व सैनिकों तथा शहीदों को उसके बारे में बताया। सेना के कल्याण के लिए सेवारत सैनिकों के लिए और सेवानिवृत के लिए भी जो मुद्दे सरकार से उठाए है उन पर भी उन्होंने प्रकाश डाला और 05 दिसम्बर के छम्ब दिवस  के मौके पर सभी को अपने फार्म हाउस कमलम् में आने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर कैप्टन कन्हैया लाल, कैप्टन लायक राम यादव, कैप्टन लाल सिंह, कैप्टन राजेन्द्र यादव, कैप्टन रतीराम, कैप्टन सीताराम, सूबेदार हुकुमचंद, सूबेदार दुलीचंद, सूबेदार अमरजीत सिंह, कृपा सिंह, कैप्टन भोतराम, सूबेदार जोरावर सिंह, सुबेदार देशराज ये सभी लोग वहां पर उपस्थित थे। इनके अलावा भी काफी पूर्व सैनिक जो सात कुमाऊं से सम्बन्ध रखते है उन्होंने भी भाग लिया ।    

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