इंदौर मेें बना 54 वां ग्रीन काॅरिडोर, वैज्ञानिक के अंगों ने दी तीन लोगों को नई जिदंगी
इंदौर मेें बना 54 वां ग्रीन काॅरिडोर, वैज्ञानिक के अंगों ने दी तीन लोगों को नई जिदंगी
💠 अंगदान के लिए देश में नंबर वन बने इंदौर मेें शनिवार को 54 वां ग्रीन काॅरिडोर बना। आरआर केट के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्रीरामुलु कोंजाटी के अंगों ने तीन लोगों को नई जिंदगी दी। कोंजाटी को सीविर ब्रेन हेमरेज के बाद इंदौर के जूपिटर विशेष अस्पताल में भर्ती किया गया था।
वे आरआर केट मेें वैज्ञानिक थे। उनका ब्रेनडेथ हो चुका था। इसकी जानकारी डाक्टरों ने परिजनों को दी। परिजनों ने अंगदान की इच्छा जताई। इसके बाद मुस्कान परिवार के संदीपन आर्य और जीतू बगानी ने वैज्ञानिक की पुत्री लिपिका से चर्चा की और अंगदान के लिए व्यवस्थाएं जुटाना शुरू की।
परिवार की स्वीकृति मिलने के बाद चार चिकित्सक दलों की ब्रेन डेथ सर्टिफिकेशन कमेटी ने रोगी का ब्रेन डेथ प्रमाणित किया। शनिवार को जूपिटर विशेष हॉस्पिटल से शेल्बी हॉस्पिटल और चोइथराम हॉस्पिटल के लिए ग्रीन कॉरिडोर बना।
जुपिटर अस्ताल से शैल्बी अस्पताल के लिए सुबह 11.49 बजे ग्रीन काॅरिडोर बना। 11.57 बजे किडनी शैल्बी अस्पताल पहुंच गई थी।दूसरा कारिडोर जूपिटर अस्पताल से चोइथराम के लिए सुबह 11.42 बजे बना, जो 11.50 बजे पूर्ण हुआ। कोंजाटी के परिवार में पत्नी के अलावा उनके बच्चे हैं।
कोंजाटी की एक किडनी एक महिला रोगी को,दूसरी किडनी पुरुष रोगी एवं लीवर एक रोगी को प्रत्यारोपित किया गया। दोनो अस्प्तालों में प्रत्यारोपण की तैयारी रात को ही पूरी हो चुकी है। ग्रीन काॅरिडोर के दौरान ट्रैफिक पुलिस मार्ग पर तैनात रही। ट्रैफिक को रोककर एम्बुलेंस को कम समय में अस्पतालों तक पहुंचा गया।
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