हिमाचल के मंडी मे तारारात्रि पर शिवलिंग पर चढ़ा 31 किलो मक्खन,अब हर दिन उकेरा जाएगा महादेव का अलग रूप
हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी के अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि मेला-2023 के कारज शुक्रवार रात 12:00 बजे प्राचीन भूतनाथ मंदिर में स्वयं भू प्रकट शिवलिंग पर मक्खन के घृतकंबल चढ़ने के साथ शुरू हो गए हैं। तारारात्रि को शिवलिंग पर 31 किलो गाय के दूध से बना मक्खन चढ़ाया गया। अब 17 फरवरी तक हर दिन मक्खन पर भारत के शिवमंदिरों के शिवरूप उकेरे जाएंगे। 18 को बाबा भूतनाथ अपने स्वरूप में नजर आएंगे। 19 फरवरी को पहली जलेब के साथ महाशिवरात्रि मेला शुरू होगा। 25 फरवरी को अंतिम जलेब के साथ इसका समापन होगा। पहले दिन शिवलिंग पर चढ़े मक्खन पर इटहिया शिव मंदिर महराजगंज उत्तर प्रदेश का स्वरूप उकेरा गया। शिवरात्रि से पहले प्राचीन परंपरा के तहत बाबा भूतनाथ के शिवलिंग पर मक्खन का घृतकंबल चढ़ाया जाता है। शुक्रवार मक्खन चढ़ाने से पहले बाबा भूतनाथ के मंदिर में विशेष पूजा हुई। रात 10:00 बजे बाबा भूतनाथ मंदिर के कपाट आम लोगों के लिए बंद कर दिए गए। मंदिर परिसर में करीब एक घंटे तक साफ-सफाई की गई। इसके बाद शिवलिंग का अभिषेक किया गया। तदोपरांत, भोले बाबा को लंगोटी बांधी गई। इसके बाद मक्खन का लेप चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की गई। यह है मान्यता बाबा भूतनाथ के महंत की मानें तो तारारात्रि से शिवरात्रि तक भगवान शंकर तपस्या में लीन होते हैं। ताररात्रि से शिवरात्रि तक मां पार्वती ने भगवान शंकर को वर के रूप में पाने के लिए तपस्या की थी। यह एक माह तक चली। प्रतिदिन एक बेलपत्र का आहार माता पार्वती करती थीं।
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