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बिना लाइसेंस होटल संचालन, दस्तावेज के लिए 3 दिन की मोहलत

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बिना लाइसेंस होटल संचालन, दस्तावेज के लिए 3 दिन की मोहलत

पटौदी में चल रहा बिना लाइसेंस और अवैध रूप से कमरे देने का खेल

पटौदी के एसडीएम दिनेश लुहाच में किया होटल का औचक निरीक्षण

शुरुआती जांच में ही होटल सम्राट और होटल ओयो शक के दायरे में आए

फतह सिंह उजाला 

पटौदी ।  पहलगाम में आतंकी हमला और इसके बाद विरोध प्रदर्शन के साथ संदिग्ध लोगों की जांच की मांग को लेकर पटौदी प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। विभिन्न संस्थाओं के द्वारा प्रदर्शन के साथ-साथ प्रवासी और संदिग्ध लोगों की जांच की मांग प्रशासन के सामने प्रमुखता से उठाई गई।

गुरुवार को पटौदी के एसडीएम दिनेश लुहाच के द्वारा पटौदी जाटोली मंडी परिषद सीमा क्षेत्र में ही मौजूद विभिन्न होटलों की पुलिस प्रशासन में अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ जांच की गई। इस प्रकार जांच अथवा औचक निरीक्षण की किसी को भनक नहीं लग सकी । उपलब्ध जानकारी के मुताबिक गुरुग्राम रोड पर सम्राट नामक होटल में जांच के दौरान होटल संचालक / मालिक से होटल संचालक संबंधित आवश्यक दस्तावेज जांच के लिए मांगे गए। सम्राट होटल संचालक होटल संचालक संबंधित वैध  लाइसेंस अथवा अन्य दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवा सका । इसी प्रकार से ओयो होटल में भी अवैध रूप से कमरे उपलब्ध करवाने की शिकायतें मिलने पर वहां भी जांच की गई । जिन शर्तों और नियमों सहित आधिकारिक दस्तावेजों के साथ होटल का संचालन और कमरे उपलब्ध करवाए जाने जरूरी हैं । इस संबंध में संतोषजनक दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए जा सके ।

सूत्रों के मुताबिक पटौदी क्षेत्र में अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग नाम से होटल का संचालन हो रहा है। जहां कथित रूप से कमरा उपलब्ध करवाए जाने की जानकारी भी सामने आती रही है । लोगों में इस बात को लेकर अभी चर्चा बनी हुई है कि जो भी होटल भोजन इत्यादि के लिए बने हैं, वहीं पर ही आवासीय परिसर उपलब्ध करवाने की सुविधा भी दी जाती है। लेकिन जांच के नाम पर कब और किस प्रकार की कार्रवाई होती रही ? यह रहस्य ही बना रहता है । गुरुवार को पटौदी के एसडीएम दिनेश कुमार के द्वारा हालिया घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए होटल की जांच करते हुए आगामी तीन दिन में दोनों होटल संचालकों को सभी प्रकार के वैध दस्तावेज उपलब्ध करवाने की मोहलत दी गई । नाकाम रहने पर निरमा अनुसार कठोर कार्रवाई भी किया जाने से इनकार नहीं किया जा सकता। लोगों का कहना है कि इस प्रकार की जांच के दायरा में  यहां वहां बनी हुई कॉलोनी और वहां पर झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को भी लाया जाना चाहिए।

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