कोख से कमाई के खेल में 3 गिरफ्तार, डाटा एंट्री ऑपरेटर फरार ढाई साल में एक महिला की 25 बार कराई थी डिलीवरी
कोख से कमाई के खेल में 3 गिरफ्तार, डाटा एंट्री ऑपरेटर फरार ढाई साल में एक महिला की 25 बार कराई थी डिलीवरी
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) और नसबंदी योजना में फर्जीवाड़ कर लाखों रुपये का घोटाला हुआ है. एक ही महिला की 30 माह में 25 बार डिलेवरी और पांच बार नसबंदी कराने के मामले का खुलासा होने से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची हुई है.
आगरा सीएमओ के निर्देश पर फतेहाबाद थाना में जननी सुरक्षा और नसबंदी योजना में किए गए फर्जीवाडे़ को लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया. फतेहाबाद थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके बुधवार रात ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. जबकि, अभी डाटा एंट्री ऑपरेटर फरार है.
आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने मामले की जांच और पुलिस की मदद के लिए एक आंतरिक कमेटी गठित की है. उन्होंने बताया कि जेएसवाई और नसबंदी योजना में घोटाले की जांच में डाटा एंट्री ऑपरेटर गौतम सिंह, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक गौरव थापा, ब्लॉक लेखा प्रबंधक नीरज अवस्थी और फतेहाबाद थाना क्षेत्र के गांव नगला कदम निवासी अशोक की मिलीभगत सामने आई है.
आरोपियों ने फर्जीवाड़ा करके जेएसवाई की प्रोत्साहन राशि अन्य खातों में जमा कराई. इसके बाद उन रकम को यूपीआई से निकाल लिया. इस मामले के खुलासे के बाद जिले के अन्य ब्लॉक की जेएसवाई और नसबंदी योजना के लाभार्थियों की ऑडिट और जांच कराई जा रही है.
कौन-कौन हुआ गिरफ्तार: एसीपी फतेहाबाद अमरदीप लाल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से फतेहाबाद थाने पर दर्ज कराए गए मुकदमे में अभियुक्त ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक गौरव थापा, ब्लॉक लेखा प्रबंधक नीरज अवस्थी और फतेहाबाद थाना क्षेत्र के गांव नगला कदम निवासी अशोक को गिरफ्तार किया गया है. मामले में चौथा आरोपी फतेहाबाद सीएचसी का डाटा एंट्री ऑपरेटर गौतम सिंह फरार है. उसकी तलाश की जा रही है.
अनुदान में प्राप्त किए 45 हजार रुपये: बता दें कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 2021-22 और 2022-23 में जननी सुरक्षा योजना और नसबंदी योजना का बीते दिनों शासन ने ऑडिट कराया था. जिसमें फतेहाबाद ब्लॉक के गांव नगला कदम निवासी कृष्णा कुमारी पत्नी छोटू के 25 बार प्रसव और 5 बार नसबंदी कराने का खुलासा हुआ.
कृष्णा कुमारी के बैंक खाते में करीब 45 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए. ऑडिट में ये सामने आने पर जांच कराई गई. जिस पर आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने कृष्णा कुमारी से पूछताछ की. जिसमें गांव के ही अशोक कुमार के खाता खुलवाने की बात सामने आई.
कृष्णा कुमारी ने बताया कि मैंने आठ साल पहले दूसरे बेटे के बाद नसबंदी करा ली थी. उसके बाद मैं कभी गर्भवती नहीं हुई. मेरा बड़ा बेटा 11 साल का और छोटा बेटा 8 साल का है.
जांच में 4 खाते मिले संदिग्ध: सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्वत ने बताया कि फतेहाबाद सीएचसी में टीम की जांच में चार खाते संदिग्ध मिले हैं. इसमें से एक बैंक खाते में सबसे ज्यादा 45 हजार रुपये निकाले गए. इन चारों खातों की जांच की जा रही है. फोन नंबर भी अब बंद हैं. इस बारे में पुलिस को पूरी जानकारी दी है. इसमें विभाग के अन्य कर्मचारी और लोगों के शामिल होने की भी आशंका है.
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि एनएचएम योजना के तहत हर सीएचसी पर ब्लॉक एकाउंट मैनेजर, ब्लॉक कम्युनिटी प्रोग्रेस मैनेजर, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर और डाटा एंट्री आपरेटर संविदा पर रखे गए थे. ये कई सालों से एक ही सीएचसी पर डटे हुए हैं. इनका तबादला भी नहीं होता है. इस मामले में जिनकी भूमिका संदिग्ध है. जो पुलिस ने दबोचे हैं. उनकी संविदा समाप्त कराई जाएगी.
यूपीआई से रकम निकाली: जननी सुरक्षा योजना और नसबंदी योजना में घोटाला करने वाले गिरोह ने बेहद शातिराना अंदाज में पूरा खेल किया है. इसके लिए पहले स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के नाम से खाते खुलवाए. बैंक खातों में गिरोह के सदस्यों अपने फोन नंबर दर्ज कराए और यूपीआई से अपने ही बैंक खातों में रकम ट्रांसफर करके निकाली. जिससे खातेदार महिलाओं को इसकी भनक तक नहीं लगी.
पुलिस की पूछताछ में स्वयं सहायता समूह का संचालन करने वाले अशोक, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक गौरव थापा और ब्लॉक लेखा प्रबंधक नीरज अवस्थी ने खुलासा किया है. जांच में भी यह सामने आया था कि ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक, लेखा प्रबंधक और डाटा ऑपरेटर और अशोक ने मिलीभगत करके ये पूरा खेल किया है. इसके बाद इस रकम को बराबर बांटा जाता था.
सभी सीएचसी का रिकॉर्ड तलब: आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्वत ने बताया कि जेएसवाई और नसबंदी योजना में घोटाला सामने आने पर सभी 18 सीएचसी पर हुए प्रसव-नसबंदी की जांच कराई जा रही है. सभी केंद्रों से रिकॉर्ड तलब किया है. जांच में पांच सीएचसी में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है. बाकी के रिकॉर्ड की जांच की जा रही है. इसके साथ ही आंतरिक जांच के लिए एसीएमओ डॉ. जितेंद्र लवानियां के नेतृत्व में टीम बनाई गई है. जो पुलिस जांच में सहयोग करेगी.