ऑनलाइन गेमिंग पर 28% GST बरकरार, विदेशी गेमिंग कंपनियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
ऑनलाइन गेमिंग पर 28% GST बरकरार, विदेशी गेमिंग कंपनियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
हाल ही में जीएसटी परिषद में ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी लगाया था, जिसकी फिर से समीक्षा की गई। ऐसे में परिषद की 51वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला बरकरार रखा गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई जीएसटी परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है, हालांकि बाद में फिर से समीक्षा की जाएगी।
6 महीने बाद होगी समीक्षा
केंद्रीय वित्त मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग की 28 फीसदी दरों को बरकरार रखने का फैसला किया है। हालांकि, तीन राज्यों दिल्ली, गोवा और सिक्किम ने 28 फीसदी की दर को रिव्यू करने की मांग बैठक में उठाई है। उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी परिषद ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने के फैसले की छह महीने समीक्षा करेगी, उसके बाद इस पर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में सीजीएसटी कानून में संशोधन किया जाएगा। यह अधिनियम एक अक्टूबर से लागू हो सकता है।
विदेशी गेमिंग कंपनियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जीएसटी परिषद ने विदेशी गेमिंग कंपनियों पर सख्ती करने पर सहमति जताई है। विदेशी कंपनियों को अब रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्त सचिव संजय मल्होत्रा, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (विधानमंडल सहित) के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे।
बैठक के बाद केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में जीएसटी दरों की समीक्षा एवं गुणवत्तापूर्ण सुधार हेतु विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। वहीं, वित्त सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग के मसले पर जीएसटी काउंसिल की बैठक फैसला भले ही सर्वसम्मति से नहीं हुआ है, लेकिन यह सर्वसम्मति के बिल्कुल करीब रहा।
गेमिंग कंपनियों ने दर घटाने की अपील की थी
बता दें कि इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की 11 जुलाई को हुई बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ में लेनदेन की पूरी राशि पर 28 फीसदी की दर से कर लगाने का निर्णय किया गया था। जीएसटी परिषद के इस निर्णय पर ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और संगठनों ने जीएसटी दर घटाने की अपील की थी
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