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अरुणाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में भी हाई-स्पीड नेटवर्क कनेक्टिविटी, 4G के 254 मोबाइल टावर स्थापित

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अरुणाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में भी हाई-स्पीड नेटवर्क कनेक्टिविटी, 4G के 254 मोबाइल टावर स्थापित

देश में कम्युनिकेशन सेक्टर को और मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में भारत सरकार और अरुणाचल प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयास से शनिवार को 254 4G मोबाइल टावर राष्ट्र को समर्पित किए गए। टावरों का निर्माण यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) के तहत किया गया है। अरुणाचल प्रदेश में 254 4जी मोबाइल टावर लगाए जाने पर पीएम मोदी ने भी प्रसन्नता व्यक्त की है। पीएम ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में बेहतर कनेक्टिविटी को लेकर बहुत ही अच्छा समाचार।

दुर्गम क्षेत्रों में भी हाई-स्पीड नेटवर्क कनेक्टिविटी

वहीं ये टावर 336 गांवों को कवर करेंगे और अरुणाचल प्रदेश के हजारों लोगों संचार सुविधाओं को लाभान्वित करेंगे। इससे क्षेत्र के निवासियों को हाई-स्पीड नेटवर्क कनेक्टिविटी तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी और शिक्षा, स्वास्थ्य, ई-कॉमर्स एवं कृषि जैसे क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए विभिन्न डिजिटल सेवाएं उपलब्ध होंगी।

बता दें कि देश में भारत नेट योजना के तहत 1,310 से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है और डिजिटल समावेशन के लिए 1,156 से अधिक टावरों की योजना बनाई गई है। 5जी सेवाओं की हाल ही में ईटानगर में शुरुआत की गयी और इस सेवा का अन्य क्षेत्रों में विस्तार किया जाएगा।

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‘2024 तक कोई भी गांव संपर्क हीन न रहे’

इस मौके पर केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम और फ्रंटियर हाईवे से व्यापक विकास होगा और नागरिकों के जीवन में बदलाव आयेगा। उन्होंने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और आग्रह किया कि मिशन मोड में काम किया जाना चाहिए जिससे मार्च, 2024 तक कोई भी गांव संपर्कहीन न रहने पाये। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में सीमावर्ती क्षेत्रों का प्रमुख योगदान होगा।

टावरों की स्थापना सबके प्रयास की मिसाल
संचार, रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने संबोधन में कहा कि वहीं अरुणाचल में हुए कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि व्यावहारिक कठिनाइयों के बावजूद दुर्गम क्षेत्र में इन टावरों की स्थापना सबके प्रयास की मिसाल है। संचार सभी के लिए दरवाजे और अवसर खोलता है। कोविड के समय में अन्य देशों में लाभार्थियों को लाभ प्रदान करना कितना मुश्किल था। उन्होंने तवांग में 12,600 फीट की ऊंचाई पर एक टावर की स्थापना का हवाला देते हुए कठिन इलाके की चुनौतियों को समझाने का प्रयास किया।

डिजिटल समावेशन और ई-गवर्नेंस से भ्रष्टाचार हो रहा दूर

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने आज के दिन को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से अरुणाचल प्रदेश में ढांचागत परिवर्तन हुआ है और इसके परिणामस्वरूप परिवर्तन हुआ है। डिजिटल समावेशन और ई-गवर्नेंस ने भ्रष्टाचार को दूर करने में मदद की है। उन्होंने यह भी कहा कि 100 फीसदी ई-ऑफिस का उपयोग किया जा रहा है और अरुणाचल प्रदेश विधानसभा ने ई-विधान परियोजना को लागू किया है। उन्होंने कहा, समय से पहले शेष साइटों को पूरा करने के लिए पूरे समन्वय के साथ सभी प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने एक और एक को 11 के मॉडल के रूप में देखा जाना चाहिए एक और एक को दो के मॉडल पर नहीं। अरुणाचल प्रदेश को न केवल उगते सूरज की भूमि बल्कि उगते हुए विकास की भूमि भी कहा जाता है।

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